RE: XXX Hindi Kahani अलफांसे की शादी
मुस्कराकर विकास ने व्यंग्य किया—“यह बात शायद आपको जिन्न बता गया है।”
“जिन्न हमारी आंखें और कान जैसी इन्द्रियां होती हैं प्यारे—इनका इस्तेमाल करने से ऐसी बहुत-सी बातें पता लग जाती हैं, जिन्हें अलादीन वाला ‘जिन्न’ भी नहीं बता सकता।”
“क्या मतलब?” इस बार विक्रम ने पूछा।
“आज दिन में बाण्ड अपनी आशा डार्लिंग से मिला था।”
“क...क्या?” एक साथ सभी चिहुंक उठे।
“नहीं कह सकते कि उनके बीच क्या बातें हुईं, क्योंकि उस वक्त हम इतनी दूर थे कि सिर्फ आंखों का ही इस्तेमाल कर सके थे, कानों का नहीं—फिर भी, हम दिमाग से इतना अनुमान तो लगा ही सकते हैं कि वजह वही रही होगी जिस वजह से उसमें के.एस.एस. वाले दिलचस्पी ले रहे थे।”
“वह तो सिर्फ के.एस.एस. का मैटर है, बाण्ड से क्या सम्बन्ध?”
“क्या के.एस.एस. सीक्रेट सर्विस से बाण्ड को नहीं मांग सकती?”
चौंकते हुए विकास ने कहा—“तो क्या आप यह कहना चाहते हैं गुरु कि इस केस में बाण्ड अंकल दिलचस्पी ले रहे हैं?”
“आशा डार्लिंग से उसकी मुलाकात तो यही संकेत देती है।”
“इसका मतलब ये कि खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है।” अशरफ बुदबुदाया—“क्या आशा के चेहरे पर किया गया तुम्हारा मेकअप बाण्ड को धोखा दे सकेगा विजय?”
“फिलहाल तो हमारा मेकअप ही जीत गया लगता है।”
“कैसे?”
“अगर वह आशा को पहचान गया होता तो इस तरह उसे छोड़ न देता, गिरफ्तार कर लेता—उसे पहचाने या न पहचाने जाने से ही हमारा सम्पर्क भी है—यानी जिस क्षण वह आशा को पहचान लेगा उसी क्षण आसानी से यह भी समझ जाएगा कि हथियारों के चोर यानी हम कौन हैं?”
“म...मगर गुरु, इसका मतलब तो स्पष्ट है कि आशा आण्टी खतरे में हैं।”
“मैं एक बार फिर जोर डालकर कहूंगा कि फिलहाल हम उसकी कोई मदद नहीं कर सकते।”
“लेकिन, आशा का भेद खुलते ही बाण्ड अंकल समझ जाएंगे कि कोहिनूर के चक्कर में हम सब हैं।”
विजय ने सपाट स्वर में कहा—“जब किसी अपराधी ग्रुप का कोई सदस्य इनवेस्टिगेटर के चंगुल में इस कदर फंस जाता है कि उसके जरिए इनवेस्टिगेटर पूरे ग्रुप तक पहुंच सके तो ग्रुप अपने साथी को कत्ल कर देता है।”
“ग...गुरु!”
“मगर प्यारे, मैं आशा डार्लिंग को कत्ल करने की सलाह नहीं दे रहा हूं।”
“और क्या कह रहे हैं आप?” विकास का लहजा भभकने लगा था।
“केवल इस बात का प्रबन्ध करने की सलाह दे रहा हूं कि उसके जरिए बाण्ड हम तक न पहुंच सके।”
“यही तो मैं कह रहा हूं गुरु, क्यों न हम आशा आण्टी को होटल से गायब करके यहां ले आएं और यहीं छुपा दें, इससे न केवल आशा आण्टी पर मंडरा रहा खतरा खत्म हो जाएगा, बल्कि उनके जरिए बाण्ड के हम तक पहुंचने की हर सम्भावना भी धूल में मिल जाएगी।”
“वक्त आने पर यही करना होगा, मगर अभी नहीं है।”
“मतलब?”
“अभी हमारे पास केवल सम्भावनाएं-ही-सम्भावनाएं हैं, वास्तव में नहीं जानते कि बाण्ड हमारी सोची हुई पटरी पर ही चल रहा है या नहीं अथवा उतना खतरा है भी या नहीं, जितना हम सोच रहे हैं—ऐसा भी हो सकता है कि के.एस.एस. की तरह बाण्ड आशा को सिर्फ वॉच कर रहा हो।”
“तुम ठीक कह रहे हो।” अशरफ बोला।
“इसलिए मेरी राय पहले वस्तुस्थिति का पता लगाने और उसके बाद उसी के अनुसार कदम उठाने की है—और वस्तुस्थिति का पता लगाने की जिम्मेदारी मैं स्वयं लेता हूं।”
“ठीक है!” विकास संतुष्ट नजर आ रहा था।
“हमें बाण्ड या गोगियापाशा के चक्कर में उलझकर अपने असली मकसद को नहीं भूलना चाहिए, वरना होगा ये कि अपना लूमड़ कोहिनूर को लेकर गुम हो जाएगा और हम इन्हीं चक्करों में उलझे रहेंगे।”
“हम भूले कहां हैं, सुरक्षा-व्यवस्था को समझने की हमारे पास एक ही कुंजी है—चैम्बूर, आपके हुक्म पर पिछले दो दिन से मैं उसे लगातार वॉच कर रहा हूं और वह मुझे थोड़ा रहस्यमय-सा नजर आता है।”
“क्या मतलब?”
“ऐसा लगता है अंकल कि वह अलफांसे गुरु से मिला हुआ है।”
विकास का यह वाक्य सुनकर विजय की आंखें अचानक ही बुरी तरह चमक उठीं, बोला— “क्या देखा तुमने?”
“मैंने गार्डनर की कोठी के लॉन में उन्हें बात करते देखा है, सिर्फ वे दोनों ही थे—अन्य कोई नहीं और बातें करने का उनका अंदाज भी ऐसा था कि जैसे छुपकर मिल रहे हों—वे सतर्क-से थे—मानो वे न चाहते हों कि कोई उन्हें साथ और बात करते देखे, मैं उनके बीच होने वाली बातें न सुन सका।”
“वो मारा साले पापड़ वाले को!” विजय उछल ही जो पड़ा।
सभी एक साथ चौंककर उसका चेहरा देखने लगे, अशरफ ने पूछा—“क्या हुआ?”
“लड़का हुआ है प्यारे!”
विजय के जवाब पर विकास और विक्रम मुस्करा उठे, जबकि अशरफ ने ऐसा कड़वा-सा मुंह बनाया जैसे कुनैन की गोली जबरदस्ती उसके मुंह में ठूंस दी गई हो। विजय ने कहा—“हमारे दिमाग में शुरू से ही यह बात थी प्यारे कि यदि चैम्बूर से हमें सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था पता न लगी तो उस माध्यम को तलाश करने की कोशिश करेंगे, जिससे अपने लूमड़ को पता लगी है—मगर जो तुम कह रहे हो उससे लगता है कि चैम्बूर अपने लूमड़ से कही-न-कही जरूर जुड़ा हुआ है और चैम्बूर गार्डनर का दायां हाथ है, उसे बहुत कुछ मालूम होगा—इसी से धारणा बनती है कि सुरक्षा-व्यवस्था मालूम करने का लूमड़ का माध्यम भी चैम्बूर ही है।”
“इसका मतलब ये कि चैम्बूर सुरक्षा-व्यवस्था के साथ-साथ हमें अलफांसे गुरु की स्कीम भी बता सकता है।”
“बशर्ते कि हमारा अनुमान सही हो।”
विक्रम कह उठा—“चैम्बूर पर हाथ डालने में अब हमें बिल्कुल समय नष्ट नहीं करना चाहिए, वह इस सारे झमेले की कुंजी दिखाई देता है, यदि हमने देर की और बाण्ड को हमारे इरादों की भनक है तो वह चैम्बूर को लंदन से गधे के सींग की तरह गायब कर सकता है, उस स्थिति में हम फिर जीरो के अन्दर फंस जाएंगे।”
“हमें अपने पहले ही आक्रमण में चैम्बूर का किडनैप करके यहां लाना है—आक्रमण असफल होना या किसी झमेले में फंसकर मर जाना सारे गुड़ को गोबर कर सकता है, इसलिए मेहरबानों, कदरदानों—मेरी सलाह है कि चैम्बूर को किडनैप करने के लिए हम पहले ही से एक पुख्ता स्कीम तैयार कर लें और फिर सारा ऑपरेशन उसी स्कीम के मुताबिक करें।”
“स्कीम बनाने का काम तुम्हारा है।” विक्रम ने कहा।
“आइसक्रीम तो तभी बनाऊंगा न प्यारे जब अपना दिलजला ये बताएगा कि रात को वह किस स्थिति में होता है।”
“सिर्फ रात को?”
“इस काम के लिए हमें रात ही का वक्त चुनना होगा, क्योंकि किडनैप करके उसे सीधा यहां लाना है और जरा सोचो, दिन के प्रकाश में अपने इस राजमहल के मुख्य द्वार का उपयोग करना कितना खतरनाक होगा?”
“मैं समझ गया गुरु!”
“तो प्यारे, अब जल्दी से हो जाओ शुरू!”
“रात को तो वह भी वही करता है जो सब करते हैं यानि सोता है। क्लब से वह दस बजे के करीब लौटता है— ग्यारह बजे के करीब तक सो जाता है—उसका कमरा कोठी में दूसरी मंजिल पर स्थित है, मजे की बात ये है कि उस कमरे में कहीं कोई खिड़की या रोशनदान नहीं है, सिर्फ एक दरवाजा है, जिसे वह अन्दर से बन्द करके सोता है।”
“तुम्हारे कहने का तात्पर्य शायद ये है कि रात के समय उसके कमरे के अन्दर पहुंचना एक समस्या है?”
“हां!” विकास बोला—“चैम्बूर को किडनैप करने के लिए कम-से-कम कमरे के अन्दर जाना तो जरूरी है ही—और यदि मुख्य द्वार से जाया जाए तो बड़ी सीधी-सी बात है कि ऐसा तभी हो सकता है जब चैम्बूर अन्दर से दरवाजा खोले।”
“वह खोलेगा क्यों?” अशरफ बड़बड़ाया।
विजय ने सवाल किया—“चैम्बूर के परिवार में और कौन-कौन है?”
“चैम्बूर की पत्नी और एक लड़की, बस!”
“कोठी में उनके कमरों की सिच्युएशन क्या है?”
“उनके कमरे बराबर-बराबर ही में हैं, मगर चैम्बूर के कमरे से काफी दूर गैलरी का मोड़ क्रॉस करने के बाद—मगर हमें उनसे क्या मतलब है?”
“उनके कमरे में जाने के लिए कोई खिड़की आदि?”
“है—थोड़ी-सी कठिनाई के बाद उन कमरों में पहुंचा जा सकता है।”
“वैरी गुड!” विजय ने कहा—“तो प्यारे, अब सुनो किडनैप की बड़ी ही आसान-सी आइसक्रीम !”
तीनों उसका मुंह ताकने लगे।
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