RE: XXX Hindi Kahani घाट का पत्थर
'डॉली, कितना अच्छा हो यदि भगवान दो पल के लिए तुम्हें मेरा हृदय दे दे। तब तुम समझ सको कि मैं इतना चिंतित क्यों
डॉली हंसने लगी। हंसी रोकते हुए बोली, 'बातें करने का ढंग तो बहुत सुंदर आता है।' और उठ खड़ी हुई।
'क्यों, बाजी तो समाप्त होने दो।' राज ने कहा।
'तुम पत्ते संभालो, मेरी एक सहेली मिलने आई है। मैं जाती
राज ने देखा, डॉली गेट की ओर चल दी। वहां उसकी एक सहेली आई खड़ी थी। राज ने पत्ते डिबिया में बंद किए और अंदर जाने लगा। डॉली और उसकी सहेली बरामदे में पहुंच चुकी थीं।
'आओ राज।' डॉली ने आवाज दी। राज वहीं ठहर गया। डॉली और उसकी सहेली राज के पास आ गई।
‘यह हैं, हमारी फर्म के मैनेजर, मिस्टर राज और यह है मेरी सहेली माला।'
'नमस्ते।' राज ने धीरे से हाथ ऊपर उठाते हुए कहा। तीनों ड्राइंगरूम में पहुंच गए।
'माला, तुम जरा बैठो, मैं दो-चार मिनट में आती हूं।' यह कहकर डॉली अंदर चली गई।
'बैठ जाइए।' राज ने माला से कहा और माला सोफे पर बैठ गई। कुछ देर तक दोनों चुपचाप बैठे रहे। इस प्रकार चुपचाप बैठने से तो काम नहीं चलेगा, कुछ-न-कुछ तो करना ही होगा। यह सोच राज बोला, 'मैंने आपको पहले कभी नहीं देखा।'
'जी। मैं कुछ दिनों से अपने चाचा के घर पूना गई थी, नहीं तो मैं प्रायः डॉली के घर आती रहती हूं।'
'आप क्या डॉली के साथ पढ़ती हैं?'
'पढ़ती थी, परंतु अब पढ़ाई छोड़ चुकी हूं। एफ.ए. करने के बाद मैंने एक म्यूजिक कॉलेज में संगीत सीखना आरंभ कर दिया है। वास्तव में मुझे संगीत बहुत प्रिय है, इसी कारण पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सकी।'
'तब तो बहुत प्रसन्नता की बात है। फिर तो कभी....।'
'क्यों? प्रसन्नता की क्या बात है?' डॉली ने कमरे में आते ही पूछा।
'माला के संगीत के विषय में।'
'गाती भी बहुत अच्छा है और सितार तो इतना अच्छा बजाती है कि तुम सुनकर दंग रह जाओ।'
'तो आज एक गाना सुना दीजिए।' राज ने प्रार्थना भरे स्वर में कहा।
'आज नहीं फिर कभी। आज कुछ मूड नहीं है।'
'अच्छा कोई बात नहीं, परंतु भूलिएगा नहीं।'
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