XXX Hindi Kahani घाट का पत्थर
05-30-2020, 02:06 PM,
#57
RE: XXX Hindi Kahani घाट का पत्थर
संध्या का समय था। सूर्य अस्त होने ही वाला था। दूर पहाड़ों में उसकी किरणें फटती हुई सारे आकाश पर फैल रही थीं। ऐसा जान पड़ता था मानों आकाश पर आग-सी लग रही हो। पहाड़ के ऊपर आने वाली एक छोटी सी सड़क पर एक व्यक्ति तेजी से चल रहा था। यह राज था, उसके कुछ पीछे डॉली एक घोड़े पर बैठी धीरे-धीरे ऊपर की ओर जा रही थी। साथ ही दो-तीन घोड़ों पर सामान लदा था। राज संतुष्ट था, मानों कोई बहुत बड़ी पहेली जीतकर परस्कार संभाले घर लौट रहा हो। बात ही ऐसी थी। उसके जीवन की पहेली तो यही थी... डॉली।।

और यही सोचते-सोचते वह हवेली पहुंच गया। मुनीमजी और हरिया राज और उसकी बहू को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। घर में और कोई न था, उन्होंने ही अपनी रीति के अनुसार डॉली का स्वागत किया। चंद्रपुर की सबसे बड़ी हवेली बाहर से डॉली को ऐसी जान पड़ी मानों कोई अस्तबल हो, परंतु जब भीतर गई तो उसके हृदय को कुछ संतोष हुआ। अंदर सब कमरे मॉडर्न फर्नीचर से सजे हुए थे। बैठने के कमरे में कालीन, सोफा, रेडियो आदि सब उपस्थित थे। सोने और बनाव-श्रृंगार के कमरों में भी प्रत्येक आवश्यक वस्तु रखी थी। मुनीमजी और हरिया सामान संभालने में लग गए। राज घोड़े वालों को किराया आदि देने में लग गया था। डॉली धीरे-धीरे कमरे में से होती हुई पीछे मुंडेर पर जा खड़ी हुई और नीचे पहाड़ों की घाटियों को देखने लगी। हवेली के पीछे मुंडेर के नीचे एक छोटी-सी नदी बहती थी। डॉली एकटक उसी ओर देख रही थी। अंधेरा बढ़ता जा रहा था।

राज डॉली को ढूंढता हुआ वहां आ निकला और मुस्कराते हुए बोला, 'क्यों डॉली, कैसा है यह स्थान?'

'धीरे-धीरे पता चलेगा, अभी से क्या कह सकती हूं?'

'परंतु फिर भी जो देखा है उसके बारे में तो कुछ धारणा होगी।'

'जो देखा है, उसमें यह मुंडेर सबसे पसंद आई है।' डॉली ने कहा।

"यह स्थान पिताजी ने संध्या समय बैठने के लिए बनवाया था। वह कहते थे कि यहां बैठकर जब वह यह नदी, अपने लहलहाते खेत और यह छोटी-छोटी दौड़ती पगडंडियां देखते हैं, तो उनके हृदय को संतोष-सा प्राप्त होता है। डॉली, मेरा यह विश्वास है कि यह स्थान तुम्हारे हृदय को शांति प्रदान करेगा।'

'परंतु मैंने तो किसी और विचार से ही इसे पसंद किया है।'

"किस विचार से?'

'मेरा हृदय शांति पा सके या न पा सके परंतु जीवन अवश्य....।'

'वह कैसे? मैं भी तो सुनूं।'

'यदि मैं कभी अपने जीवन से ऊब गई तो चुपके से यहां बैठी-बैठी नदी में कूद पड़ेंगी।'

'तुम्हें संध्या समय ऐसी अशुभ बातें मुंह से न निकालनी चाहिए। चलो, अंदर चलो, अंधेरा हो रहा है।'

दोनों ने मुंह-हाथ धोकर कपड़े बदले। इतने में हरिया ने खाना तैयार कर दिया। दोनों मिलकर खाने बैठे। उसने डॉली से पूछा, 'क्यों, क्या बात है। बहुत उदास दिखाई देती हो?'

'प्रसन्न होने की बात ही क्या है?'

'नई जगह है ना, अभी तुमने चंद्रपुर में देखा ही क्या है। देखना, मैं तुम्हारा मन इस प्रकार लगाऊंगा कि तुम जाने का नाम भी न लोगी।'

'जब मन ही न हो तो उसे तुम लगाओगे क्या?'

'डॉली, मेरे होते हुए तुम्हें इस प्रकार की बातें नहीं करनी चाहिए। शाम को मुंडेर पर भी तुमने ऐसी ही अजीब बात कह डाली थी, परंतु मैं मौन रहा। यदि मनुष्य चाहे तो प्रत्येक वातावरण में प्रसन्न रह सकता है।'

'इसीलिए तो कहती थी कि यदि मैं प्रसन्न नहीं रह सकती तो किसी दूसरे की प्रसन्नता क्यों छीनूं! जीवन समाप्त हो जाए तो सब ठीक हो जाएगा।'

'मेरे जीवित रहते तुम ऐसा नहीं कर सकतीं। यह दूसरी बात है कि मैं कल इस संसार से... अच्छा जाने दो इन बातों को। तुम थकी हुई हो, सो जाओ।' यह कहकर राज ने बत्ती बंद कर दी और सो गया।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सवेरा होते ही राज जल्दी से तैयार होकर अपने खेतों की ओर चला गया। उसने थोड़े ही दिनों में अपना सारा कारोबार अपने हाथों में ले लिया। नियमानुसार वह काम पर जाता, समय पर वापस आ जाता, परंतु डॉली इस नए वातावरण के अनुकूल अपने आपको न बना पाती। क्या वह अपना सारा जीवन इसी प्रकार बिताएगी! बिता सकेगी वह? कहां बंबई की चमक-दमक, सखी-सहेलियों का मिलना-जुलना, कितना सुख भरा पड़ा था उस जीवन में! और इधर इस गांव का सूनापन... राज का प्रेम! उधर राज के हृदय में डॉली के लिए वही भाव थी। वह उसे प्रसन्न रखने का हर संभव प्रयत्न करता। कहते हैं कि मनुष्य एक समुद्र की भांति है जिसका जल लहरों के प्रवाह से दूर-दूर तक जाकर फिर तट से जा टकराता है। डॉली एक ऐसे प्रवाह में बह रही थी कि राज के उद्गारों को अनुभव भी न कर पाती। उसके हृदय में राज के लिए एक घृणा-सी पैदा होती जा रही थी और वह यही चाहती थी कि किसी प्रकार वह चंद्रपर से निकल भागे।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply


Messages In This Thread
RE: XXX Hindi Kahani घाट का पत्थर - by hotaks - 05-30-2020, 02:06 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,495,824 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,804 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,229,540 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 929,974 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,650,640 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,077,937 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,946,592 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,041,278 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,026,166 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,403 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)