RE: SexBaba Kahani लाल हवेली
"ले, फोन कर और जिस आदमी को भी इधर फिट करे वो होशियार होना चाहिए। मैंने एक ही नजर में समझ लिया है कि इस जगह चालाक आदमी की ही जरूरत है अगर आदमी चालाक नहीं होगा तो धोखा खा जाएगा...समझा।"
"समझ गया। अपुन इधर चालाक आदमी ही फिट करेंगा...एकदम श्याना। क्या।"
"उसने जोगलेकर के लड़के की सारे दिन की गतिविधियां नोट करनी हैं। वह कहां-कहां...किस-किस के साथ जाता है। स्कूल उसे कौन छोड़ने जाता है और उसका स्कूल कब से कब खुलता है।"
"इस काम के वास्ते एकदम फिट आदमी है अपुन का पास...।"
___"उसे फौरन काम पे लगा डाल...क्या।" राज ने एक बार फिर उसके स्वर की नकल उतारी।
जय उसकी ओर देखकर मुस्कराया।
फिर वह एक हाथ से मोबाइल पर नम्बर पुश करता हुआ कार आगे बढ़ाने का प्रयास करने लगा।
"गाड़ी खड़ी रहने दे। यहां आसपास कोई नहीं है। आराम से बात कर ले।"
जय ने एक साथ दो काम करने का प्रयास छोड़ दिया। कार जहां की तहां खड़ी रहने दी और मोबाइल पर सम्पर्क स्थापित होने के बाद वार्ता आरंभ कर दी।
शीघ्र ही उसकी बात समाप्त हो गई।
"आदेश दे दिया...।" राज ने अपनी ओर उसके द्वारा बढ़ाए गए मोबाइल फोन को ग्रहण करते हुए पूछा।"
"दे दिया बाप...दे दिया।" जय कार स्टार्ट करता हुआ बोला।
"कितनी देर में पहुंच जाएगा वो इधर...।"
"एक क्लाक का अंदर-अंदर में पहुंच जाएंगा। फिकर नेई करने का...क्या।"
"चल आगे बढ़ा।"
जय ने एस्टीम को धीरे-से आगे बढ़ा दिया।
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लड़के की उम्र आठ या नौ साल की थी। उस कमरे में ले जाए जाने के बाद वह बुरी तरह सहम गया था।
राज ने पहले से जय द्वारा तैयार की गई औरत को उसे बहलाने के लिए उसके पास भेज दिया। टॉफी बिस्कट आदि की भी व्यवस्था बना दी गई।
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