Sex Hindi Story स्पर्श ( प्रीत की रीत )
06-08-2020, 11:33 AM,
#8
RE: स्पर्श ( प्रीत की रीत )
सूरज की पहली-पहली किरणों ने अभी-अभी धरती को स्पर्श किया था। आंगन में ताजी धूप खिली थी और डॉली एक कमरे में खिड़की के सम्मुख खड़ी धूप में मुस्कुराते गुलाब के फूलों को देख रही थी।

शहर की तंग गली में यह एक पुराने ढंग का मकान था जिसे जमींदार साहब ने वर्षों पहले खरीदा था। पैसे की कोई कमी न थी-अत: उन्होंने इसे किराये पर भी न दिया था। कभी गांव से मन ऊब जाता तो वह इस मकान में दो-चार दिन के लिए चले आते। मकान की देखभाल के लिए केवल एक नौकर वहां रहता।
.
किन्तु डॉली इस समय उस मकान के विषय में नहीं-केवल अपने विषय में सोच रही थी। जय का आग्रह मानकर वह यहां चली तो आई थी-किन्तु उलझनों से अभी भी मुक्ति न मिली थी। यूं जय का व्यवहार उसे अच्छा लगा था और उसके मन में अविश्वास की भी कोई भावना न थी किन्तु कठिनाई तो यह थी कि जय उसी जमींदार का बेटा था और यह मकान भी उसी जमींदार का था और डॉली को यहां आना इस प्रकार लग रहा था जैसे वह एक गर्त से निकलकर फिर किसी दूसरी गर्त में आ गिरी हो। उसने तो यह चाहा था कि वह रामगढ़ से दूर चली जाएगी, इतनी दूर कि किसी को उसकी छाया भी न मिलेगी किन्तु उसे क्या पता था कि वह दुर्भाग्य के पंजे से छूटकर एक बार फिर उसी के हाथों में आ जाएगी।

तभी वह चौंकी। जय ने कमरे में आकर कहा- 'लीजिए, चाय लीजिए डॉलीजी!'

डॉली ने कुछ न कहा। उसने पल भर के लिए चेहरा घुमाया और फिर से खिड़की से बाहर देखने लगी। जय ने उसे यों विचारमग्न देखा तो समीप आकर बोला- 'क्या देख रही हैं?'

'इन फूलों को।'

'इनकी हंसी-इनकी मुस्कुराहट?'

'ऊंह-इनका दुर्भाग्य।'

'दुर्भाग्य क्यों?'

'इसलिए क्योंकि इनकी यह हंसी केवल कुछ समय की है। एक दिन दुर्भाग्य की आंधी आएगी और यह पत्ती-पत्ती होकर बिखर जाएंगे।'

'कविता कर रही हैं?'

'नहीं! स्वयं की तुलना कर रही हूं इनसे।'

'किन्तु शायद एक बात आप नहीं जानतीं। रात के पश्चात भोर अवश्य होती है।'

'मैं जानती हूं-मेरे जीवन में भोर कभी न आएगी।'

'भोर तो आ चुकी है।'

'कब?'

'उसी समय जब मैंने आपको देखा था। हालांकि वह अंधेरी रात थी-किन्तु मेरा मन कहता है कि आपके जीवन में फिर वैसा अंधेरा कभी नहीं आएगा।'

'आप!' डॉली चौंक पड़ी।

जय ने कहा- 'जाने दीजिए। चाय ठंडी हो रही है।'

डॉली बैठ गई। जय ने चाय का प्याला उसकी ओर बढ़ा दिया और बोला 'बाथरूम आंगन में है।'

डॉली ने चाय की चुस्की ली और बोली- 'एक प्रार्थना है आपसे।'

'कहिए।'

'मैं यहां से जाना चाहती हूं।'

जय को यह सुनकर आघात-सा लगा। बोला 'शायद भय लग रहा है।'

'भय किससे?'

'मुझसे...! इतना बड़ा मकान है और एक अजनबी व्यक्ति सोचती होंगी...।'

'मुझे आप पर पूरा भरोसा है।'
Reply


Messages In This Thread
RE: स्पर्श ( प्रीत की रीत ) - by hotaks - 06-08-2020, 11:33 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,529,113 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 547,564 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,244,111 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 940,465 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,670,154 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,095,141 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,975,095 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,134,736 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,061,521 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 287,642 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)