RE: ये कैसी दूरियाँ( एक प्रेमकहानी )
सुबह 10 बजे उनकी आँख खुली,राज जल्दी से तैयार हुआ और काम पर निकल गया। उसके जाने के कुछ देर बाद शीतल भी ऑफिस चली गयी। रात को राज 11बजे घर वापस आया पर शीतल घर नही आई थी वो शीतल का इंतज़ार करने लगा पूरी रात निकल गयी पर शीतल घर नही आई,सुबह राज उसे ढूढ़ने लगा हर जगह पता किया शीतल के घर गया,अपने घर पता किया,उसके ऑफिस पता किया पर कुछ पता नही चला। ऑफिस से इतना पता चला की वो कल ऑफिस आई थी और अपने टाइम से घर वापस लौट गयी थी। राज ने सुषमा से पूछा पर उसे भी कुछ नही पता था। राज ने पुलिस में भी पता किया पर किसी को कुछ भी नही मालूम था।
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8.
शाम को राज के घर उसके घर वाले, सुषमा और शीतल के मम्मी-पापा आए वो राज को समझा रहे थे,उसे दिलासा दे रहे थे।
“राज,मैंने तुमसे पहले ही कहा था की शीतल को संभाल लो नही तो……………। वो जय के साथ ही होगी,”सुषमा ने कहा।
“नही वो ऐसी नही है,” राज ने कहा।
“क्या ऐसी नही है,राज?तुम्हे छोड़ कर चली गयी है और तुम……,” राज की माँ ने कहा।
“पहले ही कहा था तुमसे की वो अच्छी लड़की नही है,ऐसी लड़की सिर्फ़ घर बर्बाद करती हैं आबाद नही,” राज की भाभी ने कहा।
शीतल के बारे में इस तरह की बाते सुनकर शीतल के मम्मी-पापा का चेहरा शर्म से झुक गया पर वो कह भी क्या सकते थे? जय और शीतल के बारे में उनकी खुद की सोच यही थी।
“राज,हमें माफ़ करना मेरी बेटी की वजह से तुम्हें इतने दुख उठाने पड़ रहे हैं पर अब तुम उसका इंतज़ार मत करो और अपने घर वापस लौट जाओ अगर वापस आती है तो उसे छोड़ देना,तलाक़ दे देना,” शीतल की माँ ने कहा।
“शीतल चरित्रहीन है राज,पहले उसने घर छोड़ा और आज पति, क्या पता अभी और कितनो को ………,” सुषमा ने कहा।
राज के पास उनकी किसी बात का कोई जवाब नही था एक बार शीतल वापस आ जाती तो सब को जवाब दे देता।
“जो लड़की किसी और लड़के को प्यार करती है तुमने उसके लिए अपना घर छोड़ दिया,हम सब से तुमने ऐसी गिरी हुई लड़की के लिए रिश्ते तोड़ लिए,” राज के पापा ने कहा।
किसी को शीतल की कोई परवाह नही थी बस सब के सब उस पर आरोप लगाते जा रहे थे। ऐसा जैसे समाज का नियम है अगर कोई लड़की एक दिन घर ना आए तो सब के सब तरह- तरह की बातें करेंगे कोई भी यह नही सोचता की शायद वो कहीं किसी मुसीबत में ना हो।
“वो जय से प्यार नही करती है ना ही वो चरित्रहीन है,”राज ने कहा।
“कब तक इस झूठे विश्वास के साथ जियोगे?मैं उसकी दोस्त हूँ मैंने उसे बहुत करीब से जाना है वो सिर्फ़ जय को प्यार करती है,तुमसे नही,” सुषमा ने कहा।
राज कुछ नही कह सका।
बहुत देर तक सब शीतल के बारे में बात करते रहे फिर सब अपने-अपने घर चले गये। राज की माँ ने उसे साथ चलने के लिए कहा पर उसने मना कर दिया।
3-4 दिन बीत गये पर शीतल का कोई पता नही चला,हर रोज़ कोई ना कोई आकर शीतल के बारे में राज को भड़कता पर राज को किसी की कोई बात से फ़र्क नही पड़ता वो बस अपनी शीतल का पता लगा रहा था उसे विश्वास था की शीतल वापस ज़रूर आएगी।
एक-दो दिन और राज ने शीतल का पता लगाने की कोशिश की फिर उसने उसका पता लगाना छोड़ दिया और अपने काम पर ध्यान देने लगा। अपने सर की मदद से उसने नया घर भी ले लिया जो बहुत बड़ा और अच्छा था लेकिन वो वहाँ रहने नही गया क्यों कि अगर शीतल वापस आएगी तो उसी घर में नये घर में नही।
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