RE: ये कैसी दूरियाँ( एक प्रेमकहानी )
“करती हो,शीतल,तभी तो तुम मेरे साथ कहीं भी चली जाती थी,मेरी हर बात मानना,मेरे साथ हँसना-बोलना ये सब क्या था? शीतल,”जय ने थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा।
“हाँ शीतल,अगर तुम जय को प्यार नही करती थी तो फिर उसको इतना समय क्यों देती थी?”सुषमा ने कहा।
“मैंने कभी नही कहा की मैं जय से प्यार करती हूँ,अगर जय के साथ ज़रा सा हँस-बोल लिया तो इसका मतलब ये नही कि मैं उसे प्यार करने लगी। मैं जय को सिर्फ़ दोस्त मानती हूँ। बोलते तो हम अपने रिश्तेदारों से भी हैं इसका मतलब ये नही की हम उनसे शादी कर ले। पति की बजाय हम कई बार अपने परिवार वालों,दोस्तों को प्राथमिकता देते हैं इसका मतलब की मुझे अपने पति से प्यार नही। मुझ पर उंगलियाँ इस लिए उठ रही हैं क्योंकि मैं एक लड़की हूँ,” शीतल ने कहा।
“तुम धोखा दे रही हो शीतल,”राज के पापा ने कहा।
“किसे धोखा दे रही हूँ?मैं किसी को धोखा नही दे रही राज को सब-कुछ पता है मैं जय के साथ कहाँ गयी?उससे क्या बात की?सब कुछ। मैं राज को हर एक बात बताती हूँ फिर कैसा धोखा। हम तलाक़ नही चाहते आप सब के दबाव में हम तलाक़ देने को तैयार हुए थे,” शीतल ने कहा।
कुछ पल तक कोई कुछ नही बोला तो शीतल फिर बोली-“सुषमा तुम कहती हो की मेरी दोस्त हो,दोस्त कभी अपने दोस्त का घर नही जलाते। राज मेरी कमाई नही ख़ाता है उसने मुझे बनाया है और राज को कुछ भी कहने की तुम्हें कोई ज़रूरत नही है। सब को मेरे खिलाफ तुमने ही तो भड़काया है। ”
सुषमा कुछ नही कह सकी ना ही कोई और कुछ कह सका।
“मम्मी,मैं बदचलन नही हूँ। ना मैं राज की जिंदगी बर्बाद कर रही हूँ। 19 साल में आप मुझे इतना नही समझ सकीं जितना राज ने 6-7 महीनो में समझ लिया। अच्छा होगा आप सब यहाँ से चले जाए,” शीतल ने कहा।
“तुम राज से नही पैसों से प्यार करती हो,शीतल। जब राज के पास नही थे तो मुझसे दोस्ती और अब राज के पास पैसे हैं तो मुझे छोड़ दिया,” जय ने कहा।
“ऐसा कुछ नही है,” शीतल ने कहा।
“ऐसा ही है तभी तो दो दिन पहले तुम तलाक़ के लिए तैयार थी लेकिन इस घर में आते ही तुमने फ़ैसला बदल दिया,” राज की माँ ने कहा।
“तलाक़ ना लेने का फ़ैसला मेरा और राज दोनों का है,” शीतल ने कहा।
“तो फिर राज ने साइन क्यों किये?” जय ने कहा।
शीतल से कुछ भी बोलते नही बना वो चुप हो गयी। राज घर के अंदर से सभी की बाते सुन रहा था।
“राज तुमसे प्यार नही करता तुम जबरजस्ती उसके गले में पड़ी हो,” राज के पापा ने कहा।
राज तब तक घर के बाहर आ गया था।
“शीतल को कोई कुछ भी ना कहे,हम दोनों ने सोच समझ कर ये फ़ैसला लिया है,” राज ने कहा।
“ये तुम्हे धोखा दे रही है,” राज की माँ ने कहा।
“किसी को धोखा नही दे रही है,ना ही शीतल को पैसे चाहिए,” राज ने कहा।
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