RE: ये कैसी दूरियाँ( एक प्रेमकहानी )
9.
शीतल ने भले ही तलाक़ ना दिया हो लेकिन वो अभी भी राज से ठीक से बात नही कर रही थी,वो अभी भी राज से थोड़ा कटने की कोशिश कर रही थी। राज और शीतल दोनों ने सब के सामने मान लिया था की वो एक-दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन उनका ये प्यार अभी उनके रिश्ते में नही दिख रहा था।
उस दिन शाम को शीतल छत पर बैठ कर कोई नॉवेल पढ़ रही थी शायद कोई रोमांटिक नॉवेल थी,वो खुद में ही खोई हुई थी। चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट,बाल खुले हुए और लाल साड़ी में वो बहुत सुंदर लग रही थी। पहली बार उसने साड़ी पहनी थी।
“क्या पढ़ रही हो?” राज ने पूछा।
वो खुद में इतनी खोई हुई थी की उसे राज के आने का अहसास ही नही हुआ।
“कुछ नही बस ऐसे ही समय काट रही थी,” शीतल ने किताब बंद करते हुए बोला और उठ कर नीचे जाने लगी।
“नीचे क्यों जा रही हो?” राज ने उसे रोकने के प्रयास से पूछा।
शीतल बिना कुछ कहे वापस उसी जगह बैठ गयी,उसकी नज़रें उस किताब पर ही थी शायद उसमें कुछ रखा हुआ था जिसे वो राज से छुपाना चाहती थी।
“तुमने मुझे तलाक़ क्यों नही दिया?” राज ने पूछा।
“अब दे दें,” शीतल ने तुनककर कहा।
“नही……। प्यार करती हो मुझसे,” राज ने शीतल को छेड़ते हुए कहा।
“नही,”शीतल ने कहा।
“फिर तलाक़ क्यों नही दिया।”
शीतल कुछ नही बोली। उसका मन तो कहीं और लगा हुआ था।
“आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो ऐसे ही हमेशा मुस्कुराती रहा करो।”
शीतल कुछ नही बोली और उठ कर नीचे चली गयी राज भी उसके पीछे-पीछे नीचे आ गया।
“क्या हुआ तुम्हें?तुम मुझसे दूर हटने की कोशिश क्यों कर रही हो?” राज ने पूछा।
“मेरी तबियत नही ठीक है। मुझे अकेला छोड़ दो,” शीतल ने कहा और वो लेट गयी।
“तबियत को क्या हुआ,अभी तक तो सब ठीक था,” राज ने कहा।
“मुझे बहुत अजीब सा लग रहा है। सिर में हल्का दर्द भी हो रहा है,कुछ देर आराम करूँगी तो ठीक हो जाएगा,” शीतल ने कहा।
राज कमरे से बाहर जाने लगा की शीतल बोली-“कल जय के पैसे लौटा दोगे। ”
“हाँ,” कहकर राज कमरे से बाहर आ गया।
राज सोच रहा था की आख़िर शीतल उससे ठीक से बात क्यों नही कर रही है। वो पहले जैसे ना बहुत बोल रही है ना उसकी किसी बात का ठीक से जवाब दे रही है। कहीं वो सच में जय से तो प्यार नही करती है या फिर उसकी तबियत सच में खराब है। कहीं उसे उसकी किसी बात का बुरा तो नही लगा।
1 घंटे बाद राज वापस शीतल के कमरे में गया वो सो रही थी,राज उसके पास में बैठ कर उसके सिर पर हाथ फेरने लगा,उसकी तबियत सच में खराब थी,उसे हल्का बुखार था। राज के हाथ लगाने की वजह से उसकी नींद खुल गयी। उसने अपनी पलकें उठा कर राज की ओर देखा और फिर आँख बंद कर ली।
“दर्द कम हुआ,” राज ने पूछा।
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