RE: ये कैसी दूरियाँ( एक प्रेमकहानी )
कुछ देर बाद हर कोई चला गया रह गये तो शीतल और राज। किसी ने एक बार भी ये नही पूछा की वो कहाँ गयी थी,कहीं किसी मुसीबत में तो नही थी बस सब ने अपना गुस्सा उस पर निकल दिया। राज उसके करीब आया उसने उसे अपने सीने से लगा लिया जैसे कोई किसी को दिलासा देने के लिए करता है। शीतल अपने आँसू को नही रोक पाई सबके जाते ही वो रोने लगी।
“चुप हो जाओ शीतल,किसी की बात का बुरा मत मानो,” राज ने कहा।
शीतल तो जैसे कहीं खो सी गयी थी उसे होश ही नही था। राज उसे अपने सहारे बेड के पास ले गया और उसे बेड पे बिठाया।
“शांत हो जाओ लोग तो कहते ही रहते इसका मतलब ये नही की तुम ग़लत हो,” राज ने कहा।
“तुम्हें मुझ पर विश्वास नही रहा,” शीतल ने खुद को संभालते हुए कहा और राज से दूर हट गयी।
“मैंने कुछ कहा,” राज बोला।
“इसी का तो अफ़सोस है कि तुमने किसी से कुछ नही कहा,” शीतल ने कहा और अपना मुँह तकिये से छुपा कर लेट गयी।
“कुछ खा लो तुम्हें भूख लगी होगी,” राज ने कहा।
“नही लगी है।”
“कुछ तो खा लो।”
शीतल ने कोई जवाब नही दिया। राज ने फिर कहा-“खा लो…। ”
ठीक उसी तरह से जैसे शीतल राज से कहती थी पर शीतल जिद्दी थी वो मानने वालों में नही थी।
“मैं तुम्हे तलाक़ देने को तैयार हूँ,” शीतल ने कहा।
“ठीक है दे देना पर अभी खाना खा लो,” राज ने कहा।
शीतल ने कुछ नही कहा और थोड़ी देर में सो गयी। उस समय शाम के 4 बज रहे थे।
जब वो सोकर उठी तो 7 बज रहे थे। राज लैपटॉप चला रहा था। वो बिस्तर से उठी और राज के पास जाकर बैठ गयी।
“अब तुम मुझे छोड़ दोगे?”शीतल ने राज से कहा।
“नही।”
“तलाक़ के बाद भी नही।”
राज कुछ नही बोला।
“वैशाली से शादी कर लेना,”शीतल ने कहा।
“पहले तलाक़ तो होने दो,फिर दूसरी शादी के बारे में सोचेंगे,”राज ने कहा।
“शीतल चुप हो गयी।”
“क्या हुआ?” राज ने पूछा।
“कुछ नही।”
राज कुछ नही बोला और लैपटॉप में फिर से काम करने लगा।
“मैं इतने दिन जय के साथ नही थी,”शीतल ने कहा।
“जानता हूँ।”
“कैसे?”शीतल ने पूछा।
राज ने कुछ नही कहा। शीतल राज के पास से हट गयी,कुछ बर्तन रखे थे उन्हें धुलने लगी। उसके बाद उसने खाना बनाया। रात को खाना खाने के बाद राज फिर से लैपटॉप चलाने लगा और शीतल एक किताब लेकर पढ़ने लगी।
“क्या हमारा अलग होना ज़रूरी है?”राज ने पूछा।
“जबरजस्ती इस रिश्ते को निभाना भी मुश्किल है,” शीतल ने कहा।
“तलाक़ के बाद तुम कहाँ रहोगी?” राज ने पूछा।
“पता नही,पर तुम्हारे साथ नही,” शीतल ने कहा।
“जय से शादी कर लेना,तुम्हे प्यार करता है,” राज ने कहा।
“मैं नही करती।”
“क्यों?...............वो बहुत अच्छा है,तुम उसके साथ बहुत खुश रहोगी।”
“मुझे उसके साथ नही रहना।”
“फिर कहाँ रहोगी?”
“कहीं भी रहूं,तुम्हे इससे क्या?...........वैसे तुम खुश रहोगे मेरे बिना।”
“नही जानता,और तुम?”
“नही।”
“फिर भी अलग होना चाहती हो।”
“हाँ।”
“क्यों?”
“हम दोनों के लिए यही अच्छा है और फिर हम प्यार भी तो नही करते हैं।”
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