RE: ये कैसी दूरियाँ( एक प्रेमकहानी )
अगले दिन सुबह 10 बजे किसी ने घंटी बजाई उस समय राज नहा रहा था और शीतल कुछ काम रही थी। शीतल ने दरवाजा खोला बाहर जय,सुषमा,शीतल के मम्मी-पापा और राज के मम्मी-पापा खड़े थे शायद जय सब को कोर्ट चलने के लिए लेकर आया था।
“तुम अभी तक तैयार नही हुई,कोर्ट में 11 बजे पेशी है,”जय ने शीतल की अस्त-व्यस्त हालत देखकर कहा।
“मुझे कहीं नही जाना,” शीतल ने कहा।
“क्यों?” जय ने पूछा।
“बस ऐसे ही,”शीतल ने कहा।
“तलाक़ के कागज ले आओ,” जय ने कहा।
शीतल अंदर से तलाक़ के कागज ले आई। उसने कागज जय के हाथ में थमा दिए।
“तुमने साइन क्यों नही किए,” जय ने कागज देखते हुए कहा।
“मुझे तलाक़ नही देना,” शीतल ने कहा।
“क्यों?” शीतल की माँ ने कहा।
“मैं राज के साथ ही खुश हूँ,” शीतल ने कहा।
“और राज?” राज की माँ ने पूछा।
“वो भी खुश है,” शीतल ने कहा।
“तुम उसे तलाक़ क्यों नही दे रही?क्यों उसकी ज़िंदगी बर्बाद कर रही हो?” शीतल की माँ ने थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा।
शीतल कुछ नही बोली।
“तुम खुश नही हो ,शीतल,”जय ने कहा।
“मैं बहुत खुश हूँ,” शीतल ने कहा।
“दो दिन बाद तुम उसे फिर से छोड़ कर किसी के साथ चली जाओगी उससे अच्छा है की आज ही उसे छोड़ दो,” सुषमा ने कहा।
“तुम सब मेरे तलाक़ के पीछे क्यों पड़े हो?हम कैसे जी रहे हैं?किसी को क्या मतलब है?जब हमें मदद की ज़रूरत थी तब तो कोई नही सामने आया था,” शीतल ने कहा और उसने जय से तलाक़ के कागज लेकर उसे फाड़ दिया।
“तुम पागल तो नही हो गयी हो, शीतल तुम बहुत ग़लत कर रही हो,” जय ने कहा।
“मैं कुछ ग़लत नही कर रही हूँ बस अपने रिश्ते को टूटने से बचा रही हूँ,” शीतल ने कहा।
“तुम मुझसे प्यार करती हो तो फिर क्यों इस रिश्ते को बचाना चाहती हो?” जय ने पूछा।
शीतल को जैसे 5000 वोल्ट का करेंट लग गया हो वो एकदम से गुस्से में आ गयी।
“मैं तुमसे प्यार नही करती,” शीतल ने अपने गुस्से को दबाते हुए कहा।
“करती हो,शीतल,तभी तो तुम मेरे साथ कहीं भी चली जाती थी,मेरी हर बात मानना,मेरे साथ हँसना-बोलना ये सब क्या था? शीतल,”जय ने थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा।
“हाँ शीतल,अगर तुम जय को प्यार नही करती थी तो फिर उसको इतना समय क्यों देती थी?”सुषमा ने कहा।
“मैंने कभी नही कहा की मैं जय से प्यार करती हूँ,अगर जय के साथ ज़रा सा हँस-बोल लिया तो इसका मतलब ये नही कि मैं उसे प्यार करने लगी। मैं जय को सिर्फ़ दोस्त मानती हूँ। बोलते तो हम अपने रिश्तेदारों से भी हैं इसका मतलब ये नही की हम उनसे शादी कर ले। पति की बजाय हम कई बार अपने परिवार वालों,दोस्तों को प्राथमिकता देते हैं इसका मतलब की मुझे अपने पति से प्यार नही। मुझ पर उंगलियाँ इस लिए उठ रही हैं क्योंकि मैं एक लड़की हूँ,” शीतल ने कहा।
“तुम धोखा दे रही हो शीतल,”राज के पापा ने कहा।
|