RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
आज से पहले भी उसने ये बात कई बार नोट की थी पर इसमें जो मज़ा मिलता था उसे सोचकर वो हर बार इसे नजरअंदाज कर दिया करती थी...
ना तो उसे और ना ही नेहा को आज तक इन बातो से कोई फ़र्क पड़ा था...
पर जैसे-2 उनमें शारीरिक बदलाव आ रहा था उनके शरीर ने अपनी तरफ से संकेत देने शुरू कर दिए थे...
और ना चाहते हुए भी हमेशा की तरह आज भी मंजू को उस घर्षद में एक अजीब से आनंद की प्राप्ति हो रही थी....
शरीर में एक अजीब सा कंपन और रह-रहकर स्तनों से लेकर नीचे चूत तक जो एक लहर उठकर जाती थी उसकी वजह से वो अपनी आइस्क्रीम खाना छोड़कर आँखे मूंदे उस आनंद की अनुभूति करने में लगी थी..
और उसके पीछे बैठी हुई नेहा उसे आँखे बंद किए बैठे देखकर बोली : "अररी पागल...तेरी आइस्क्रीम गिर रही है और तुझे नींद आ रही है चलती बाइक पर...''
उसकी बात सुनकर उसने आँखे खोली तो पाया की थोड़ी आइसक्रीम पिघलकर उसके दाँये स्तन पर गिर गयी है...
वो बोली : "ओोहह ...मुझे ध्यान ही नही रहा...प्लीज़ यार, मेरी छाती से आइस्क्रीम सॉफ कर दे...वरना दाग पड़ जाएगा...''
नेहा ने बड़े ही केजुअल तरीके से अपना हाथ आगे किया और उसके मुम्मे पर अपनी उंगलिया फेरते हुए उसपर गिरी आइस्क्रीम सॉफ कर दी..
पर ऐसा करते हुए उसने महसूस किया की आज उसके निप्पल्स कुछ ज़्यादा ही उभरकर खड़े है...
इसलिए उसने एक बार फिर से उनपर हाथ फेरते हुए उन्हे सहलाने लगी...
वो तो उसे शरारत के तौर पर छेड़ रही थी पर मंजू पर उसका असर किसी और ही तरीके से हो रहा था..
एक तो विक्की की पीठ से घिसाई के बाद उसके निप्पल्स पहले से ही खड़े थे, नेहा की इस हरकत से वो और भी कड़क होने लगे...
उसने बड़ी मुश्किल से , ना चाहते हुए उसके हाथ को अपनी छाती से हटाया और बाकी के रास्ते आराम से बैठकर गयी..नेहा भी खिलखिलाकर हंस दी अपनी सहेली की इस हालत पर..
इन सब बातो को आगे बैठा विक्की बड़ी चालाकी से नोट कर रहा था...
और उसकी कुटिल मुस्कान बता रही थी की उसने अगले कदम की प्लानिंग कर ली है अब.
**********
|