RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
मंजू जान तो गयी थी की विक्की को भी उसके छूने से कोई परहेज नही है, पर नेहा के चेहरे के भाव देखकर उसे भी सॉफ पता चल रहा था की उसे अपने भाई के साथ उसका इतना खुला बर्ताव पसंद नही आ रहा है...
पर मंजू के लिए तो विक्की के साथ ऐसा करना एक तरह से एडवान्टेज ही था क्योंकि नेहा का तो अपने भाई से किसी भी तरहा का रोमॅंटिक एंगल से कुछ करना सही नही था ...
हालाँकि वो अपने भाई के सामने अपने कपड़े उतार कर उसे अपने बूब्स दिखा चुकी थी, पर इसका मतलब ये नही था की उसके बाद का भी सारा कुछ करने का उसे हक़ है..
विक्की भी दोनो के हाव भाव देखकर ये बात अच्छे से समझ चुका था की दोनो के बदन में आग तो लग ही चुकी है...
पर उन दोनो को ही ये पता नही था की इस आग का करना क्या है...
अब ये काम तो विक्की को ही सिखाना पड़ेगा उन दोनो कमसिन जवानियो को..
ख़ासकर अपनी बहन नेहा को ताकि आने वाली ठंडी रातो का अच्छे से इंतज़ाम हो सके.
कुछ देर तक और फोटो खिंचवाने के बाद वो तीनो वापिस घर की तरफ चल दिए...
आज वो जिस तरफ निकल कर आए थे, वहां से वापिस जाते हुए पहले विक्की का ही घर आता था, इसलिए नेहा को घर पर छोड़कर वो मंजू को उसके घर छोड़ने के लिए निकल पड़ा..
और आज उसके घर पर उसके माँ बाप तो थे नही, इसलिए इस गोल्डन पल को वो अपने हाथो से जाने नही दे सकता था...
आज के दिन मंजू ने जो उसके लंड का बुरा हाल किया था, उसे शांत करना तो बनता ही था.
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नेहा के बाइक से उतरते ही मंजू ने विक्की को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपना सिर उसके कंधे पर रखकर सामने देखने लगी...
दोनो के गाल आपस में रगड़ खा रहे थे..
बात करते हुए विक्की जान बूझकर उसकी तरफ घूम रहा था ताकि उसके नर्म गालों पर अपने होंठ लगा सके..
मंजू भी मंद-2 मुस्कुरा कर उसका साथ दे रही थी...
एक दो बार तो उसने भी उसके चेहरे की तरफ देखते हुए कुछ बोला और अपने होंठो से उसके गालो को छू लिया...
विक्की का लंड किसी दोनाली बंदूक की तरह उसकी पेंट में खड़ा था, कोई सामने से देख ले तो सॉफ पता चल जाए की तमंचा पूरी तरह से लोडेड था उसका..
कुछ देर आगे जाने के बाद विक्की ने कुछ पूछा मंजू से.....
और जैसे ही उसने विक्की की तरफ मुँह करके कुछ बोलते हुए उसके गालों से अपने होंठ लगाए, विक्की ने भी अपना सिर घुमा कर उसकी तरफ कर लिया....
बिजली सी कड़क गयी जब विक्की के होंठो से मंजू के नर्म होंठ छुए तो...
विक्की ने भी अपनी हरामीपंति दिखाते हुए उसके होंठो को धीरे से चूस लिया, मंजू की आँखों में शर्म के भाव तैर गये और उसने नज़रें झुका ली...पर उसने अपनी किस्स नहीं तोड़ी
बाइक चल रही थी इसलिए उसपर ज़्यादा देर तक ये चुम्मेबाजी वाला करतब हो नही सकता था, वरना विक्की उस नन्ही सी किस्स को एक लंबे स्मूच में बदलने में कोई कसर ना छोड़ता...
कुछ देर में ही उसका घर आ गया...
मंजू नज़रें झुका कर उसकी बाइक से उतरी और अपने बेग से चाबी निकाल कर ताला खोलने लगी...
अंदर जाकर वो धीरे से पलटी और बोली : "अंदर आ जाओ ना विक्की भैय्या ...चाय पीकर चले जाना...''
विक्की तो इसी पल की प्रतीक्षा कर रहा था...
उसने तुरंत बाइक को साइड में खड़ा किया और लगभग उछलता हुआ सा उसके घर के अंदर आ गया, मंजू ने पीछे से दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और अपनी नशीली आँखो से मुस्कुराते हुए वो अंदर की तरफ आ गयी.
विक्की सोफे पर जाकर बैठ गया और मंजू उसके लिए किचन से पानी लेकर आई, जैसे ही वो जाने लगी तो विक्की ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और वो लड़खड़ा कर उसकी गोद में आ गिरी.
विक्की का लंड तो पहले से ही खड़ा था, उसके खड़े लंड पर उसके नर्म कूल्हे जब टकराए तो उसके मुँह से मज़े के साथ-2 एक दर्द भरी आह भी निकल गयी, पीछे से जवानी थोड़ी भारी थी उसकी..
मंजू : "ओह्ह्ह ....सॉरी विक्की भैय्या ....आपको लगी तो नही ना...''
विक्की ने बड़ी मुश्किल से अपने लंड से निकल रही दर्द की लहर पर काबू पाया और बोला : "इतना भार जब एक ही झटके से मेरे उपर गिरेगा तो दर्द तो होगा ही ना...''
मंजू ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा : "ओोहो ...तो अब मैं मोटी हो गयी हूँ ...अभी कुछ देर पहले तो मुझे बोल रहे थे की अच्छी मॉडेल बन सकती हूँ ...और अब एकदम से मोटी बोल दिया....जाओ मैं आपसे बात नही करती...''
वो झूठमूठ का मुँह फूला कर दूसरी तरफ सिर घुमा कर बैठ गयी...
पर उसकी गोद से उतरने की जहमत नही उठाई उसने.
विक्की ने उसकी कमर को पकड़ कर उसके चूतड़ों को अपने लंड के चारों तरफ एडजुस्ट किया, अब उसका खड़ा हुआ लंड उसके चूतड़ों की दरार में फंसकर आगे की तरफ मुँह निकाल कर मंजू की चूत को टच कर रहा था..
विक्की ने उसकी कमर मे हाथ डालकर उसकी पीठ को अपनी छाती से सटा लिया और उसके गुदाज और नर्म पेट को सहलाते हुए बोला : "अर्रे...मैं तुझे उस तरह से मोटी थोड़े ही बोल रहा हूँ , वो तो बस कुछ-2 जगह ऐसी होती है ना लड़कियों के शरीर की, जहाँ चर्बी थोड़ी ज़्यादा होती है, वो हिस्सा जब हमारे अंग पर तरबूज की तरह से गिरे तो दर्द तो होगा ही ना....''
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