RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
विक्की की सफाई सुनकर मंजू अपनी हँसी ना रोक पाई और ज़ोर-2 से हँसने लगी...
हंसते हुए उसकी नर्म गांड विक्की के लंड पर किसी वाईब्रेटर की तरह घिसाई कर रही थी जिसकी वजह से उसका लंड और भी ज़्यादा कड़क होने लगा..
पर उस बुद्धू मंजू को शायद अभी तक उस चीज़ का एहसास नही हो पाया था.
कुछ देर बाद जब उसकी मैराथॉन वाली हँसी रुकी तो वो बोली : "अच्छा ...तो आप मुझे बताओ, इस तरबूज के अलावा और कौन सी जगह पर एक्सट्रा चर्बी है मेरे....''
बेचारी भोलेपन में वो बात बोल गयी जिसका शायद विक्की भी इंतजार कर रहा था.
उसने तुरंत अपने हाथो में उसके मोटे मुम्मे थाम लिए और बोला : ''ये है ना...तुम्हारे बूब्स...''
एक ही पल में मंजू के चेहरे के एक्शप्रेशन चेंज हो गये....
हँसी गायब हो गयी और एक उत्तेजना का संचार उसके चेहरे पर होने लगा...
विक्की ने उसके वक्षस्थल को अपने हाथो से थाम रखा था पर वो उसे मना भी नही कर पा रही थी...
शायद अंदर से वो भी यही चाहती थी की वो उन्हें थामे...
क्योंकि ऐसा करवाके उसके अंदर कुछ-2 हो रहा था, जो आज से पहले कभी फील नही हुआ था उसे.
एक कमसिन लड़की के स्तनों पर किसी मर्द का पहला टच था, जो उसे बहुत भा रहा था.
विक्की ने उसके मुम्मों को पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया, और उन्हे दबाते हुए अपनी तरफ खींच लिया..
''आअहह विक्की भय्या....धीरे...दर्द होता है....''
यानी वो विक्की को वैसा करने से मना नही कर रही थी, बस धीरे से करे यही गुज़ारिश थी उसकी..
पर विक्की तो एक नंबर का हरामी लौंडा था,
उसने नेट पर कहानियों में अच्छे से पड़ रखा था की जब ऐसा वक़्त अकेली लड़की के साथ मिले तो क्या-2 करना चाहिए...
इसलिए उसने तुरंत अपने दोनो हाथो की उंगलियो से उसके बूब्स को सहलाया और फिर बीचो बीच जाकर उसके उभर रहे निप्पल्स को अपनी उंगली और अंगूठे की गिरफ़्त में लेकर उन्हे होले से भींच डाला..
''आआआआआआआआआआआहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... उम्म्म्मममममममममम भेयययययाआआआआअ....''
इस वक़्त तो उसके मुँह से सिसकारी के साथ भैय्या शब्द बड़ा ही सैक्सी लग रहा था जैसे उसकी चूत की चाशनी में डुबोकर उसे निकाला हो....
विक्की ने अपने उंगली और अंगूठे से उसके निप्पल्स को उमेठना जारी रखा, मंजू किसी साँप काटी लड़की की तरह उसकी गोद में बैठी तड़प रही थी, और अपनी गद्देदार गांड से उसके नाग को कुचल भी रही थी..
शायद अब उसे नीचे भी कुछ-2 होने लगा था क्योंकि विक्की के लंबे लंड को वो अपनी चूत पर जोरों से रगड़ कर एक लय बना रही थी जैसे नाव में बैठने से हिचकोले आते है, ठीक वैसे ही वो अपनी गांड की नाव को विक्की के लंडसागर पर हिचकोले खिला रही थी और उपर तो विक्की ने उसके निप्पल्स को पतवार बना कर उसकी नाव को और तेज़ी से चलने पर विवश सा कर रखा था..
अचानक विक्की ने उसे अपनी तरफ पलटाया और उसके दहकते हुए होंठो पर अपने होंठ रख कर उन्हे चूसने लगा..
मंजू भी शायद इसी पल की प्रतीक्षा कर रही थी...
दोनो की लाइफ का ये पहला चुंबन था पर वो दोनो ही उसे ऐसे परफॉर्म कर रहे थे जैसे बरसों से करते आए हो...
दोनो ही बोर्न किस्सर थे...
एक दूसरे के होंठो और जीभ को मुँह में लेकर ऐसे चूस रहे थे जैसे सारी चाशनी आज ही ख़त्म कर देनी है एक दूसरे के मुँह की.
विक्की के हाथ अभी भी मंजू की ब्रेस्ट पर ही थे, जिन्हे वो धीरे-2 मसल रहा था, उन्हे दबाने में एक अजीब सा आनंद प्राप्त हो रहा था विक्की को, मन तो कर रहा था की उन गुब्बारों को उम्र भर हाथों में लेकर दबाता रहे...
पर मंजू शायद कुछ और चाहती थी,
उसने किस्स तोड़ी और विक्की के मुँह को पकड़ कर नीचे अपनी छाती की तरफ करने लगी...
विक्की समझ गया की वो क्या चाहती है..
वो उसकी नर्म गर्दन को चूमता हुआ नीचे की तरफ जाने लगा, और ठीक उसके बूब्स के उपर पहुँचकर उसने शर्ट के उपर से ही उसके मुम्मे को अपने मुँह में भरकर ज़ोर से काट लिया...
एक बार फिर से आनंद से भरी एक किलकारी मंजू के मुँह से निकल गयी
''आआआआआआआआआआआआआहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़...... काटो मत ना भैय्या .......बस प्यार करो इन्हे.......''
मंजू की प्यार भरी रिक्वेस्ट को उसने मान लिया और उन्हे चूसने लगा...
तब तक मंजू ने अपनी शर्ट के बटन खुद ही खोलने शुरू कर दिए....
और जैसे ही आख़िरी बटन खोलकर उसने अपनी शर्ट के कपाट खोले, अंदर से दूधिया प्रकाश में नहाए हुए 2 कलश विक्की के सामने प्रकट हो गये..
हालाँकि कुछ देर पहले भी उसने इन मुम्मो को देखा था, पर इस वक़्त वो उन्हे और करीब से और अपने हाथो और होंठो की पहुँच के अंदर देख पा रहा था,
विक्की ने उसकी शर्ट को निकाल फेंका और मंजू के नंगे बूब्स को जी भरकर देखने लगा..
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