RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
पर देखते रहने से उसका पेट भरने वाला नही था, उसने उन दोनो मुम्मो को अपने हाथो में पकड़ा और अपना मुँह खोलकर उनपर टूट पड़ा...
उफफफफफफफफफफ्फ़ क्या स्वाद था उनका....
एकदम ककचे आम जैसी चिकनाहट और कठोरपन था उनमे पर साथ ही साथ पके हुए आम जैसी मिठास भी थी...
वो चपर -2 करके उन्हे चूसने लगा....
निप्पलों को मुँह में लेकर उसका दूध दोहने लगा, इतनी ज़ोर से सक करने लगा जैसे आज तो वो उसकी कच्ची छातियों से दूध निकाल कर ही रहेगा..
उधर दूसरी तरफ मंजू का तो बुरा हाल था, जिस पल को सपना बनाकर वो पिछले 2 दिनों से देख रही थी वो उसके साथ सच में हो रहा था....
इसलिए उसका उत्साह देखते ही बनता था....
और सबसे बड़ी बात ये थी की उन दोनो की लाइफ का ये पहला सैक्सुअल एक्सपीरियेन्स था
विक्की ने उसकी शर्ट को पूरी तरह से निकाल कर फेंक दिया और फिर उसने खुद ही अपनी शर्ट भी उतार दी,
हालाँकि उसके दिमाग़ में अभी तक चुदाई करने की कोई बात नही आई थी पर वो उसकी नंगी छातियो को अपने नंगे सीने से लगा कर उस आनंद को प्राप्त करना चाहता था जिसके लिए वो बरसो से तरसता आया था...
और जब उन दोनो के आधे नंगे बदन एक दूसरे से लिपटे तो दोनो के मुँह से एक आह सी निकल गयी,
बड़ा ही सुखद सा एहसास था वो,
एकदम नर्म सा,
और साथ ही दोनो ने जब स्मूच करनी शुरू की तो सोने पर सुहागा सा हो गया...
वो दोनो ना जाने कितनी देर तक एक दूसरे के होंठो , गर्दन और छाती पर किस्स करते रहे उन्हे भी पता नही चला...
और अचानक मंजू का हाथ उसके खड़े हुए लंड से जा टकराया...
एक पल में ही उसके चेहरे पर हैरानी के भाव आ गये, जैसे उसे पता ही नही था की वो क्या है...
पर वो हैरानी शायद इस बात की थी की इतना बड़ा भी लंड होता है क्या...
शायद आज तक उसने गली के छोटे बच्चों की लुल्लिया ही देखी थी,
आज पहली बार वो ऐसा कुछ फील कर रही थी जो शायद उसकी समझ से परे था
और विक्की का ये फ़र्ज़ बनता था की वो उसे इस जादुई दुनिया के जिन्न से मिलवाए...
इसलिए उसने उसके हाथ पर हाथ रखकर अपने लंड पर दबाव और तेज कर दिया....
मंजू की साँसे तेज हो गयी, क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसने किसी साँप की गर्दन पर हाथ रखकर उसे दबोच रखा हो और वो छटपटा कर उसकी गिरफ़्त से निकलना चाहता हो..
साँप का मालिक, विक्की भी शायद यही चाहता था....
इसलिए उसने उसका हाथ हटा कर अपनी जीन्स के बटन खोने शुरू कर दिए....
और सब कुछ खोलने के बाद जब वो लहराता हुआ नाग मंजू की आँखो के सामने आया तो उसकी चीख निकलते हुए बची...
क्योंकि स्कूल में मेडम ने उसे किताबो में जिस शिश्न के बारे में पढ़ाया था ये तो उस से कही ज़्यादा बड़ा था....
उसकी आँखो का कोतूहूल देखते ही बनता था,
वो दम साधे विक्की के लंड को एकटक देखे जा रही थी,
पर एक डर भी था शायद उसके चेहरे पर जिसे विक्की ने समझा और बोला
विक्की : "डरो मत.....पास आओ और छूकर देखो इसको.....काटेगा नही ये...''
वो बिना पलके झपकाए उसके करीब आई और घुटनो के बल उसके सामने बैठ गयी...
विक्की ने उसके चेहरे पर आए बालो को पीछे किया और उसके चेहरे के बिल्कुल करीब अपने लंड को लाकर एक जोरदार तरीके से झटका दिया
आँखों में लाल डोरे चमक गए मंजू के, जब विक्की के लहराते हुए नाग ने उसके चेहरे पर दस्तक दी....
एक अजीब सा आकर्षण था विक्की के लंड में , जिसे वो नजरअंदाज नही कर पा रही थी...
धीरे-2 उसके हाथ उपर आए और उसने विक्की के लंड को अपने कोमल हाथो में जकड़ लिया....
विक्की के मुँह से एक तेज सिसकारी निकल गयी
''आआआआआआआआआआआआआअहह.......... मंजूऊुुुुुुुुुुउउ.... म्म्म्मममममममममम.......... चूसो इसको........... तो.......चाटो मेरी जाआंन ''
मंजू के चेहरे के भाव एकदम से बदल से गये...
चुसू इसको.....चाटू .....और वो भी इस सूसू करने वाली जगह को.....भला क्यूँ ....
वो अपने चेहरे पर आए इन सवालो के साथ विक्की को देख रही थी...
पर वो तो अपनी आँखे भींचे उस पल में डूबा सा हुआ था...
फिर मंजू को पिछले सारे दिनों की बाते एक झटके में याद आ गयी....
की कैसे उसका खुद का दिल विक्की के लिए धड़कता था...
कैसे उसे देखकर उसके निप्पल टाइट से हो जाते थे....
कैसे बाइक के पीछे बैठकर वो अपने मुम्मे उसकी पीठ से रगड़ती थी....
और उसके बारे में सोचकर अपनी चूत को रगड़ने में कितना मज़ा आता था....
और विक्की ने कितनी बार उसे चोकोबार खिलाई थी...
आज उन सभी कोकोबार्स का बदला उतारने का वक़्त आ गया था....
वैसे भी विक्की के लंड से निकल रही भीनी गंध उसे अपनी तरफ खींच रही थी...
उसने धीरे से अपना मुँह खोला और अपनी जीभ बाहर निकाल कर विक्की के लंड को नीचे से उपर तक चाट लिया और फिर उपर जाते ही उसके लंड को मुँह में लेकर अंदर निगल गयी.
आज शायद विक्की को भी नही पता था की उसके साथ क्या-2 होने वाला है.
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