RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
आज इतने सालो बाद एक बार फिर से विक्की को घोड़ा बनाकर उसकी सवारी करने में उसे सच में आनंद आ रहा था...
विक्की भी अपनी पीठ और कमर पर महसूस हो रही गर्मी का आनंद लेते हुए धीरे-2 मुस्करा रहा था...
नेहा के बाल विक्की के चेहरे पर दोनो तरफ से गिरकर उन दोनो को ढक चुके थे...
उसके होंठ विक्की के कान के इतने करीब थे की उसकी गहरी हो रही सांसो की आवाज़ उसे सॉफ सुनाई दे रही थी....
वो साँसे धीरे-2 हल्की सिसकारियों में बदलने लगी...
विक्की को ऐसा लग रहा था जैसे वो इयरफोन लगा कर कोई चुदाई का वीडियो देख या सुन रहा है,
ऐसी सैक्सी आवाज़ें निकल रही थी नेहा के मुँह से...
अचानक नेहा की जीभ बाहर आई और उसने विक्की के कान को चाट लिया...
ये स्पर्श ऐसा था मानो नागिन ने छू लिया हो उसके कानो को डसने से पहले...
विक्की लगभग उछल सा पड़ा पर नेहा के वजन से दबे होने की वजह से वो निकल नही पाया...
विक्की ने दबी हुई सी आवाज़ मे पूछा :" नेहा....ये..ये क्या हो रहा है तुम्हे....चलो उतरो नीचे....तुम्हारे वजन से मेरी जान निकल रही है...''
पर नेहा पर उसकी बात का कोई असर ही नही पड़ा...
उसने तो जैसे सुना ही नही...
अब वो उसके कान को चाटने लग गयी थी अपनी जीभ से...
और नेहा की जीभ विक्की के पूरे शरीर में एक बिजली की लहर की तरह काम कर रही थी....
और जब उससे सहा नही गया तो वो अपना पूरा ज़ोर लगा कर बेड पर सीधा हो गया...
नेहा एक झटके मे उसकी पीठ से फिसलकर नीचे बेड पर गिरी पर उतनी ही डुर्ती से वो वापिस उसके उपर भी आ गयी...
फ़र्क अब ये था की वो उसकी पीठ पर नही बल्कि उसके सीने पर लेटी थी...
विक्की का लंड इस वक़्त किसी मीनार की तरहा उपर खड़ा था, ये भी एक कारण था उसके सीधे होने का क्योंकि उल्टा लेटे होने की वजह से उसका खड़ा हुआ लंड उसे परेशान कर रहा था..
अब उसकी बहन के नन्हे स्तन उसके सीने पर थे और उसकी मखमली चूत का गर्म एहसास उसके खड़े हुए लंड पर...
नेहा भी विकी के खड़े लंड को अपनी चूत पर महसूस करके मचल रही थी...
कल जब विक्की ने उसके नन्हे बूब्स को चूसा था तो उनकी कसक अभी तक उसके अंदर थी...
एक अजीब सी खुजली हो रही थी उसके निप्पल्स पे जिन्हे अब सिर्फ़ और सिर्फ़ विक्की ही मिटा सकता था...
और विक्की के लिए भी अब सब्र करना मुश्किल हो रहा था....
उसने अपने होंठ जैसे ही आगे किए, नेहा उसपर किसी भूखी बिल्ली की तरहा टूट पड़ी और अपना शरीर उसपर रगड़ते हुए उसे बुरी तरह से स्मूच करने लगी...
एक के बाद अब दूसरी स्मूच सच में विक्की के कॉन्फिडेंस को बड़ा रही थी...
इन कमसिन जवानियों को अपनी बाहों में भरकर चूमने का आनंद वो सच में एंजाय कर रहा था..
ख़ासकर अब...
अपनी बहन के साथ...
शायद आज शर्म की एक और दीवार टूटने के कगार पर थी उन दोनो भाई बहनो के बीच..
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विक्की के होंठो को चूमते-2 वो उसकी गर्दन पर भी किस्स करने लगी, और धीरे-2 नीचे जाकर टी शर्ट नीचे खिसकाते हुए उसकी छातियों पर भी...
ये एहसास कुछ इस तरह का था की विक्की का शरीर उपर की तरफ उठ सा रहा था...
नेहा के गीले होंठ, जिनमें से लार निकलकर उसकी गर्दन और छाती को गीला कर रही थी, उसके शरीर को एक अलग ही तरह का एहसास दे रहे थे..
नेहा ने उसकी टी शर्ट को नीचे से उठाकर उपर किया और उसे निकाल फेंका...
अब वो खुल कर उसकी छाती पर चुम्मियों की बारिश कर पा रही थी..
अचानक नेहा ने विक्की के दाँये निप्पल को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया...
विक्की तो उछल ही पड़ा उसकी इस हरकत से...
उसे पीछे धकेलना चाहा पर वो हटी ही नही, किसी भूखी बिल्ली की तरह वो अपना मुँह उसकी छाती से लगाए पता नही क्या चूसने में लगी हुई थी....
विक्की को बड़ी जबरदस्त गुदगुदी सी हो रही थी और साथ ही उसके शरीर मे एक कसावट भी आ रही थी और एक तरंग सीधा उसके लंड तक जा कर उसे और भी कड़क बना रही थी...
शायद यही एहसास लड़कियों को भी होता होगा तभी उनके स्तनो को चूसने से उन्हें अपने आप पर काबू नही रहता.
पीछे तो वो हो नही रही थी, इसलिए उसने उसके रेशमी बालो में हाथ डाल कर उसे सहलाना शुरू कर दिया और उसे और जोर से दबा कर अपनी छाती में घुसा लिया...
उसकी लार से विक्की की छाती पूरी तरह से गीली हो चुकी थी....
फिर वो खिसक कर दूसरे निप्पल तक गयी और उसे भी चूसने लगी..
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