RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
उसके पैर की सारी उंगलिया नेहा की चूत से निकल रहे गन्ने के रस से भीग चुकी थी...
उसके खुद के लंड के आस पास का सारा हिस्सा नेहा की लार से सना पड़ा था...
चेहरा वो पहले ही अपनी चूत के पानी से रंगीन कर चुकी थी विक्की का..
आज तो ऐसे लग रहा था की नेहा अपने मुँह और चूत से निकल रहे गीलेपन से उसे नहला कर रहेगी.
नेहा की चूत में हो रही खुजली अचानक से बढ़ने लग गयी थी,
चूत में उसने उंगली भी की थी पहले कई बार, पर वो भी शायद इसी हद तक ही जा पाई थी जहाँ तक आज विक्की के पैर का अंगूठा जा रहा था...
अब उसे खुजली हो रही थी और अंदर तक कुछ महसूस करने की और इसके लिए लंड से अच्छा कुछ और हो ही नहीं सकता था...
ये सोचते ही उसकी आँखो में वासना उतर आई...
अपने ही भाई के लंड को आज चूत में लेने की सोच रही थी वो...
सोचती भी क्यों नही...
इतना कुछ जो हो चुका था उनके बीच...
अब तो सिर्फ़ चुदाई ही बाकी रह गयी थी....
आज वो भी कर ही ली जाए...
इस विचार के साथ ही वो किसी नागिन की तरह खिसक कर उसके शरीर पर उपर की तरफ फिसलने लगी..
विक्की का लंड लगभग झड़ने के बिल्कुल करीब था...
ऐसे में जब नेहा ने उसके लंड को बाहर निकाला तो उसने भी चौंकते हुए आँखे खोली पर नेहा को अपनी तरफ घूरते देखकर और उसकी आँखो में छुपी वासना के डोरों को पहचानकर उसे समझते देर नही लगी की वो क्या चाहती है...
चाहता तो वो भी यही था पर पहले ही दिन वो ऐसा कुछ करके अपने आने वाले दिनों के मज़े को खराब नही करना चाहता था.
पर नेहा अब डिसाईड कर चुकी थी...
पलक झपकते ही वो उसके उपर आ पहुँची और अपने गीले मुँह से उसके होंठो को दबोच कर जोरों से स्मूच करने लगी.
विक्की का तमतमाता हुआ लंड उसने अपनी चूत पर रख कर उसे अंदर लेना शुरू कर दिया...
और उसी के साथ ही उसके चेहरे पर दर्द की एक लहर उठती चली गयी...
अब उस बेचारी को ये कौन समझाए की पैर के अंगूठे में और लंड नुमा खूँटे में ज़मीन आसमान का फ़र्क होता है...
वो अंगूठा तो उसकी चूत में 2 इंच अंदर तक चला गया था पर ये निगोडा 7 इंची लंड तो 1 इंच पर ही रुक सा गया..
नेहा की हिम्मत नही हो रही थी अपनी गांड को पटककर नीचे करने की जैसा की उसने अंगूठा अंदर लेते वक़्त किया था...
अब उसे सच में अपनी चूत के फटने का डर सता रहा था...
उधर विक्की का भी बुरा हाल था,
एक तो पहले ही वो झड़ने के करीब था जब नेहा ने उसके लंड को मुँह से निकाल बाहर किया था उपर से अब इतनी टाइट चूत में उसका लंड आकर फँसा हुआ था की उसके लंड से बर्दाश्त करना मुश्किल सा हो रहा था...
अब तो उसके सामने 1 ही रास्ता था की उसकी कमर को पकड़े और नीचे से धक्का मारकर अपने लंड की मिसाईल उसकी चूत के अंतरिक्ष में दाखिल कर दे...
पर अगले ही पल उसे इस बात का भी एहसास हो गया की वो इस वक़्त कहाँ पर है,
पहली चूत चुदाई मतलब ढेर सारी चीख पुकार और खून ख़राबा...
और इस वक़्त घर में होते हुए ये सब करना ख़तरे से खाली नही था..
इसलिए उसने ये विचार उसी वक़्त त्याग दिया..
पर लंड नही मान रहा था उसका...
और ना ही उस चूत के मुहाने से बाहर आने को तैयार था वो..
इसलिए समय की माँग के अनुसार उसने उसी एक इंच की जगह पर अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया...
अब एक तरह से नेहा का शरीर हवा में लटक रहा था और विक्की का लंड उसकी चूत में आगे की तरफ फँसा हुआ सिर्फ़ हल्के फुल्के झटके ही मार रहा था...
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