RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
मंजू : "हाँ ....वो सब मुझे याद है और इस बात से मुझे कोई फ़र्क भी नही पड़ता नेहा...भले ही वो तेरा भाई है फिर भी तुम दोनो ने जो किया वो मेरे लिए कोई मायने नही रखता...इनफेक्ट आगे भी विक्की और तुम्हारे बीच अगर कुछ होता है तो मुझे कोई प्राब्लम नही है...मैं तो बस तुझे अपने दिल की बात बता रही हूँ की मुझे तेरे भाई से प्यार हो गया है...और शायद वो भी मुझे प्यार करता है...''
नेहा : "और अगर ये बात मैं भी कहूँ की मुझे भी अपने भाई से प्यार है तो...''
मंजू : "मतलब ??''
नेहा : "मतलब वही जो तू समझ रही है....'सच्चा वाला प्यार ' काइंड ऑफ''
अब जिसके सिर पर बिजली गिरी वो मंजू थी...
उसका मुँह खुला का खुला रह गया...
ये क्या बकवास कर रही थी नेहा...
कोई भला अपने ही भाई से कैसे प्यार कर सकता है...
माना की दोनो की उम्र ऐसी है की अच्छे से अच्छा इंसान बहक जाए और तोड़ा बहुत दोनो बहक भी चुके थे , उसके बावजूद मंजू को उनके रिश्ते से कोई परेशानी नही थी...
पर ये 'सच्चे प्यार ' वाला एंगल उन दोनो के बीच कैसे आ गया...
ऐसा तो कहीं नही होता...
पर वो उस से लड़ भी तो नही सकती थी ...
एक तो वो उसके बचपन की सहेली और उपर से अब उसके भाई से उसे प्यार भी हो गया था तो वो नेहा को नाराज़ नही करना चाहती थी.
और नेहा की ज़िद्द का उसे भी पता था,
उसने अगर कुछ ठान लिया तो वो उसे किए बिना नही रहने वाली थी,
फिर चाहे अपनी जिद्द के लिए अपने खुद के भाई से चुदाई ही क्यों ना करवानी पड़े.
चुदाई का ख्याल आते ही उसके दिमाग़ में एक विचार कौंधा
हो सकता है जिसे नेहा प्यार समझ रही है वो सिर्फ़ अपने भाई से चुदाई करवाने का एक ज़रिया हो....
दोनो सहेलियां बचपन से ही एक दूसरे की रग-2 से वाकिफ़ थी...
ऐसे में मंजू अगर नेहा की जगह होती तो शायद वो भी यही कर रही होती, अपने ही भाई से प्यार का इज़हार...
फिर चाहे उस इज़हार के पीछे चुदाई ही क्यों ना छिपी हो...
फिर मंजू ने सोचा, देखा जाए तो वो भी तो यही चाहती है विक्की से,
बस वो उसकी सग़ी बहन नही है इसलिए प्यार नाम का इस्तेमाल कर सकती है वो..
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