RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
कुल मिलाकर मंजू की समझ में ये परिस्थिति आ चुकी थी...
पर शायद नेहा अभी ये सब समझने की हालत में नही थी...
उसे तो बस यही लग रहा था की भाई उसका है तो सच्चा प्यार भी वही करेगी.
खैर, नेहा को इस वक़्त कुछ भी समझाना मुश्किल था इसलिए मंजू की ने ही हथियार डाल दिए, पर अंदर ही अंदर उसे भी पता था की आने वाले दिनों में नेहा का बर्ताव उसके प्रति कैसे होने वाला है...
ख़ासकर अब क्योंकि उसने उसके भाई के लिए अपने प्यार का इज़हार जो कर दिया था.
माहौल को ठंडा करने के लिए उसने नेहा से कहा : "चल छोड़ ये सब बातें , तुझे मेरे साथ आज एक शादी में चलना है रात को....''
नेहा को बचपन से बस एक ही शौंक था, सजने सँवारने का...
और शादी पर ये काम सबसे बढ़िया तरीके से हो पाता था..
शादी पर जाने की बात सुनकर, वो सब कुछ भूलकर, ऐसे चाहक उठी जैसे अभी कुछ देर पहले उनके बीच कुछ हुआ ही नही था..
नेहा : "शादी...वॉव ...पर किसकी....तेरे मम्मी पापा नही जाएँगे क्या..''
मंजू : "वो भी जाएँगे...मेरी माँ की मौसेरी बहन है, उसकी लड़की की शादी है...सबको बुलाया है...तू भी चल, मैं माँ से बात कर लूँगी...''
नेहा बड़ी खुश हुई....
अब उसके दिलो दिमाग़ से विक्की वाली बात निकल चुकी थी..
उसे तो अब ये चिंता हो रही थी की रात को वो पहनेगी क्या.
स्कूल की छुट्टी के बाद हमेशा की तरह विक्की उनका बाहर इंतजार कर रहा था..
पर इस बार मंजू ने जान बूझकर दौड़कर बाइक पर बैठने की जल्दी नही दिखाई...
वहीं दूसरी तरफ नेहा हिरनी की तरह उछलती हुई गयी और विक्की के पीछे चिपककर बैठ गयी...
मंजू को भागता ना देखकर विक्की को हैरानी ज़रूर हुई पर मंजू ने आँखो के इशारे से उसे चुप रहने को कहा,
विक्की समझ गया की ज़रूर दोनो के बीच कोई बात हुई है.
उसने भी चुप रहना सही समझा और दोनो को बिठा कर घर की तरफ चल दिया...
बाइक पर बैठते ही नेहा ने अपनी नन्ही छातियाँ विक्की की पीठ में गाड़ दी और अपने दोनो हाथों से उसकी छाती को ऐसे पकड़ लिया मानो वो उसकी प्रेमिका हो...
विक्की ने भी उसके हाथ पर हाथ रखकर उसे सहलाया, ये देखकर उसकी छातियाँ और बाहर निकल आई और विक्की को अच्छे से मसाज देने लगी.
वहीं दूसरी तरफ मंजू के दिमाग़ में सब प्लानिंग चल रही थी....
उसे कैसे विक्की से मज़े लेने है, कैसे नेहा को पटाकर रखना है,
ये सब उसके शातिर दिमाग़ में चल रहा था..
रास्ते में दोनों को आइसक्रीम खिलाकर वो घर की तरफ चल दिया , कुछ ही देर में नेहा का घर आ गया और वो बेमन से नीचे उतर गयी...
अब आगे विक्की ने मंजू को छोड़ने उसके घर जाना था, जो कुछ ही दूर था...
नेहा जानती थी की ऐसे मौके को पिंकी हाथ से जाने नही देगी, पर वो कुछ नही कर सकती थी...
बेचारी थके कदमो से अपने घर के अंदर आ गयी..
कुछ दूर आगे चलते ही मंजू ने उसी अंदाज से विक्की को पकड़ लिया जैसे कुछ देर पहले नेहा ने जकड़ा हुआ था उसे...
और अपने रसीले होंठो से उसके कान को टच करते हुए बोली : "मुझे तुम्हे किस्स करना है...अभी...''
ये एक ऐसी लाइन थी जिसे सुनने के लिए लड़के मरे जातें है...
उपर से इतनी हॉट लड़की जब खुद पहल करे तो उसका मज़ा दुगना हो जाता है...
विक्की के मन में भी सुबह से यही चल रहा था, और उसने तो जगह भी चुन ली थी,
इसलिए बिना कुछ कहे उसने बाइक को एक सुनसान सी जगह की तरफ मोड़ लिया...
ये एक टीला सा था, जहाँ उपर तक बाइक जा सकती थी, और उपर से ही दूर से कोई भी आता - जाता दिखाई भी दे सकता था..
उपर पहुँचते ही विक्की ने बाइक एक कोने में लगाई और एक मोटे से पेड़ के तने के पीछे मंजू को सटाकर खड़ा किया और उसके होंठो पर टूट सा पड़ा...
एक तूफान सा छिड़ गया दोनो के बीच,
एक जंग सी होने लगी दोनो के होंठो में ..
और दोनो ही वो जंग जीतना चाहते थे..
विक्की के हाथ उसके बूब्स पर थे...
वो उन्हे जोरों से मसल रहा था...
मंजू भी चाहती थी की विक्की उन्हे चूस डाले...अपने होंठ लगाकर उसके निप्पल्स को निचोड़ डाले.
मंजू ने एक ही झटके में अपनी शर्ट के बटन खोले और उसे निकाल फेंका, नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, घने पेड़ के नीचे वो विक्की के सामने टॉपलेस खड़ी थी, उसके नन्हे बूब्स और उनपर लगे कड़क निप्पल्स विक्की को अपने पास बुला रहे थे
विक्की ने उसके बूब्स को पकड़कर होले से दबाना शुरू कर दिया और अपने होंठों से उसकी गर्दन से लेकर नीचे तक का सफर चाटते हुए तय करना शुरू कर दिया
पर जैसे ही विक्की ने अपना मुंह नीचे करके उसके निप्पल को मुंह में लेकर चूसना चाहा , दूर से कुछ बच्चे उन्हे उपर टीले की तरफ आते दिखाई दिए...
ये जामुन का मौसम था, और वो जिस पेड़ के नीचे खड़े थे वो जामुन से लदा पड़ा था...
उन दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और वहाँ से जाने में ही भलाई समझी....
मंजू ने जल्दी से अपनी शर्ट पहन ली
शुक्र था की उन बच्चों में से कोई भी उन दोनो को नही जानता था, वरना जिस अंदाज से उन्हे वापिस जाते हुए बच्चे उन्हें घूर रहे थे वो पक्का वापिस जाकर उनकी चुगलखोरी कर देते..
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