RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
विक्की तक जाते हुए नेहा के दिल की धड़कन तेज होने लगी....
उसके निप्पल कड़क होकर अलग से चमकने लगे...
उसकी जाँघो के बीच गीलापन आ गया.
मन ही मन वो सोच रही थी की आज उसकी जवानी को उसके भाई के अलावा कोई दूसरा हाथ लगाएगा...
विक्की भी धड़कते दिल और खड़े लंड के साथ अपनी बहन को अपनी तरफ आते देखकर कुलबुला रहा था...
हालाँकि वो अच्छी तरह जानता था की घर में वो नेहा से ज़्यादा अच्छी तरह से मज़े ले सकता है
पर इस स्थिति में एक अलग ही तरह का रोमांच था..
साथ ही उसने आज सोच लिया था की वो एक साथ दोनो से मज़े लेगा..
वो उसके करीब पहुँची तो चाहकर भी विक्की का चेहरा ठीक से देख नही पाई,
घुप्प अंधेरा था वहाँ, उपर से वो जिस पेड़ के नीचे खड़ा था वो भी काफ़ी घना था, इसलिए सिर्फ़ नेहा उसके शरीर को महसूस कर सकती थी, देख नही पा रही थी..
वैसे भी इस वक़्त नेहा के अंदर इतनी चुदासी भरी पड़ी थी की उसे उसकी शक्ल से ज़्यादा उसका लंड देखने की पड़ी थी...
एक अजीब सी शांति छा गयी जब तीनो एक दूसरे के सामने पहुँचे तो...
मंजू ने विक्की को कुछ भी बोलने से मना किया था क्योंकि उसकी आवाज़ से उनका भांडा फूट जाता..
चुप्पी को तोड़ते हुए मंजू ने कहा : "अर्रे यार, ऐसे ही खड़े रहना है तो अंदर ही चलते है ना...जल्दी करो जो भी करना है, ऐसा ना हो की कोई आ जाए...''
ये सुनते ही विक्की के हाथ हरकत में आ गये, वो हाथ बढ़ाकर नेहा के मुम्मे पकड़ने ही वाला था की उससे पहले ही नेहा के हाथ सीधा उसके लंड पर पहुँच गये...
विक्की ने तो सोचा भी नही था की उसकी शरीफ सी दिखने वाली बहन ऐसी हरकत या पहल कर सकती है...
वो जीन्स में फँसे उसके लंड को अच्छे से सहला रही थी,
एक अलग ही टीला सा बना हुआ था विक्की की पेंट में,
नेहा ने सिसकारी मारते हुए अपने शरीर को विक्की से सटाया और अपनी नन्ही बूबियां उसकी छाती पर रखकर ज़ोर से मसल डाली....
अब विक्की के लिए भी रुकना मुश्किल था...
उसने अपने दोनो हाथो मे उसकी चुचियों को पकड़ा और अपना मुँह नीचे करते हुए उसके लरजते हुए होंठों पर अपने होंठ रखकर उन्हे चूस डाला...
एक बिजली सी कड़क गयी जब दोनो के गीले होंठ मिले तो....
हालाँकि ये पहली बार नही था जब दोनो भाई बहन एक दूसरे को चूम रहे थे, विक्की को तो पता था की वो नेहा को ही चूम रहा है, पर नेहा को दूर - 2 तक अंदाज़ा भी नही था की वो उसका खुद का भाई है जिसके साथ वो इस रोमांचक पल में मज़े ले रही है...
नेहा ने फड़फड़ाते हाथों से विक्की की जीन्स खोल डाली और उसके कबूतर को बाहर निकाल लिया....
लंड के बाहर आते ही एक अजीब सा नशा फैल गया हवा में....
नेहा की बेसब्री का आलम ये था की उसने अपनी स्मूच तोड़ते हुए नीचे फिसलना शुरू कर दिया और अपने पंजो पर बैठकर अपने भाई के लंड को एक ही बार में निगल गयी....
विक्की ने बड़ी मुश्किल से अपने मुँह से आआआआआहह की आवाज़ को निकलने से बचाया..
बाकी का काम मंजू ने आसान कर दिया,
वो लपक कर आगे आई और उसने अपने होंठ विक्की के होंठो पर रखकर उन्हे चूसने लगी...
उपर के होंठो पर मंजू के होंठ, नीचे लंड पर नेहा के होंठ, दो लड़कियो को ऐसे चूसने का मौका मिल जाए तो दुनिया के किसी भी मर्द को अपने आप पर गर्व होने लगेगा...
मंजू ने अपने सूट को उपर करके उसे उतार कर साइड के बेंच पर रख दिया,
ब्रा भी उसने एक ही झटके में खिसका कर अपने स्तनो से ऊपर खींच दी,
अब वो विक्की के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी,
विक्की ने भी देर नही लगाई और उसके मदमस्त मुम्मो को एक-2 करके चूसने लगा...
|