RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
विक्की के पास भी कुछ सोचने समझने का वक़्त नही था,
उसने एक लंबी साँस ली और अपनी गति बड़ा दी,
कुछ ही पलों में उसके लंड का गाड़ा रस निकलकर उसकी बहन की चूत में जाने लगा....
''आआआआआआआआआआआअहह.......सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... मैं तो गया रे........मैं तो गया..............''
नेहा भी अपने भाई के गर्म वीर्य को महसूस करके तुरंत झड़ गयी.....
दोनो एक दूसरे के जिस्मों को रगड़ते हुए और एक दूसरे के चेहरों को चूमते हुए अंत तक हल्के-2 झटके देते रहे...
फिर जैसे ही विक्की ने अपना लंड बाहर खींचा, गुलाबी रंग लिए ढेर सारा वीर्य चूत के रास्ते बाहर आ गया....
दोनो ने मुस्कुराते हुए एक दूसरे की तरफ देखा और फिर से एक बार एक दूसरे के होंठों को चूम लिया.
उसके बाद दोनो ने रूम की हालत ठीक की और बेड पर गिरे माल को सॉफ किया...
फिर फ्रेश होकर दोनो फिर से एक बार बेड पर आकर नंगे लेटे और काफ़ी देर तक एक दूसरे की बाहों में लिपटकर लेटे रहे...
नींद दोनो की आँखो में नही थी, मन तो और भी चुदाई करने का कर रहा था पर पहली चुदाई से नेहा की चूत सूज गयी थी, इसलिए सिर्फ़ मुम्मा चुसाई और होंठो की क़िस्सियो से काम चलाया उन्होने...
सुबह होने से पहले नेहा अपने कपड़े पहन कर नीचे अपने रूम में चली गयी और विक्की अपना अंडरवेयर पहन कर आराम से लंबी तानकर सो गया....
आज काफ़ी थक गया था वो , उसे जबरदस्त नींद आने वाली थी.
पर अगले दिन उसकी डबल शिफ्ट होने वाली थी, ये वो नहीं जानता था
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अगली सुबह जब विक्की की नींद खुली तो उसे अपने लंड पर कुछ चिपचिपा सा महसूस हुआ
उसने नीचे देखा तो उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी
नेहा उसके लंड को चूस रही थी और वो भी स्कूल ड्रेस में ...
उसने घड़ी देखी तो सुबह के 7:30 बज रहे थे...
बड़ी मुश्किल से उसने अपनी आंहों पर काबू करते हुए नेहा से कहा : "आअहहह....नेहा की बच्ची .....उम्म्म्मममममम.... ये ये.... क्या कर री है ...सुबह -2 ...... माँ आ गयी तो....''
नेहा ने पूकक्च की आवाज़ से उसके लंड को मुँह से बाहर निकाला और बोली : "माँ मेरे लिए लंच बना रही है....और पिताजी की तबीयत ठीक नही है, इसलिए आज तुम्हे मुझे स्कूल छोड़ने जाना है...इसलिए तुम्हे उठाने आई हूँ ....''
इतना कहते हुए एक कुटिल मुस्कान के साथ उसने फिर से अपने रसीले होंठ उसके लंड पर लगा दिए और उसे जोरों से चूसने लगी....
विक्की : ''आअहहह.......साली.....ऐसे रोज उठाएगी ना तो चुदाई करवाके ही स्कूल जाया करेगी .....'
नेहा : "तो मैं कब मना कर रही हूँ, मैं रोज इसी तरह उठाने आ जाया करुँगी ''
इतना कहते हुए उसने फिर से विक्की के सुपाडे को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया
अब विक्की की हालत नही रह गयी थी कुछ बोलने की
क्योंकि सुबह के इरेक्शन और नेहा के सैक्सी होंठों ने उसके लंड को जल्दी झड़ने पर मजबूर कर दिया और वैसे भी नेहा को स्कूल भी जाना था, इसलिए भी उसका मुँह कुछ ज़्यादा ही तेज़ी से चल रहा था...
एक मिनट भी नही लगा विक्की को झड़ने में..
और झड़ते हुए वो बड़ी ही बेदर्दी से उसकी गर्दन और बालों को पकड़कर अपने लंड को उसके मुँह में ढूस रहा था...
''आआआआआआआआआहह ...... नेहााआआआआआ.... मेरी ज़ाआआअनन् उम्म्म्मममममममममममममम....''
उसने नेहा की चोटी पकड़ कर उसके मुँह में पूरा लोढ़ा घुसेड डाला....
इतनी बेदर्दी से वो अपने लंड को उसके मुँह में रगड़ रहा था की बेचारी की आँखो में आँसू आ गये...
पर मज़ा भी दुगना मिला उसे...
विक्की ने उसके खुले मुंह में अपने लंड का सारा डिपोसिट डाउनलोड कर दिया
नेहा को तो पसंद आया विक्की का ये वहशिपन, इसे विस्तार से महसूस करेगी रात को, ये सोचकर वो अपनी सैक्सी हँसी में मुस्कुरा दी...
फिर जल्दी से अपना मुँह सॉफ करके, शीशे में देखकर अपने बाल ठीक करके वो नीचे भाग गयी...
कुछ ही देर में विक्की भी अनमने मन से उंघता हुआ सा नीचे आया और नेहा को अपनी बाइक पर बिठाकर स्कूल की तरफ चल दिया...
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