RE: bahan sex kahani कमसिन बहन
मंजू की बात मानकर वो कपड़े पहनकर नेहा को स्कूल से लेने तो चल दिया पर जाते हुए उसकी गांड फट रही थी कि कैसे वो अपनी बहन को ये बात बोल पाएगा की आज उसने मंजू की चूत मार ली है.
खैर, मन ही मन दुआ माँगते हुए वो स्कूल के बाहर पहुँचा और अपनी बहन के आने का वेट करने लगा..
और जब दूर से उसे अपने पास आते हुए उसने देखा तो उसका दिल धड़कना ही भूल गया...
आज उसकी चाल में एक अलग ही तरह की लचक थी, वो अपनी कमर को कुछ ज़्यादा ही मटका कर चल रही थी, बेग भले ही पीठ पर था पर ऐसा लग रहा था मानो कोई गाँव की लड़की सिर पर भारी मटकी रखकर मटकती हुई चली आ रही है...चेहरे पर एक अलग ही उत्साह था, शायद कल की चुदाई ने उसके चेहरे पर रौनक ला दी थी, उसकी हँसी सब बयान कर रही थी.
पास आते ही वो विक्की से ऐसे लिपटी जैसे वो उसका भाई नही बाय्फ्रेंड हो...
उसकी बाहे विक्की के इर्दगिर्द थी और उसके मुम्मे उसकी बाहो को रगड़ रहे थे.
विक्की ने सकपकाते हुए इधर उधर देखा की स्कूल की कोई और लड़की तो उसे ऐसा करते नही देख रही, और सच में हर लड़की की नज़रें उसी तरफ थी, पर वो सब ये बात जानती थी की विक्की उसका भाई है इसलिए सिर्फ़ देखकर ही आगे चली जा रही थी, कोई बाय्फ्रेंड होता तो सबकी नज़रों में शरारत उभर आती.
नेहा : " ओह्ह भाई.....पता भी है आज मैने आपको स्कूल में कितना मिस्स किया....सच में , मेरा बस चलता तो आज स्कूल ही ना जाती, पूरा दिन आपके साथ प्यार के पेंच लड़ाती...''
विक्की : "कोई बात नही, स्कूल भी तो ज़रूरी है....चलो अब जल्दी से बाइक पर बैठो, देर हो रही है...''
अभी तक विक्की की समझ में नही आ रहा था की वो उसे कैसे बताए की वो उसे अपने घर नही बल्कि मंजू के घर ले जाने के लिए आया है...
नेहा ने बैठने के साथ ही अपने चिर परिचित अंदाज में उसे अपनी गिरफ़्त में लेते हुए अपनी छातियाँ उसकी पीठ पर लगा दी और अपने मुँह की गर्म साँसे उसकी गर्दन पर छोड़ते हुए बातें करने लगी
नेहा : "भाई...आज आपने ये नही पूछा की मंजू कहाँ है, उसका वेट भी नही किया...''
विक्की : "हाँ , वो इसलिए की मुझे पता है की वो छुट्टी पर है...''
ये उसके मुँह से एकदम से निकल गया....
और जब निकला तो नेहा को साइड से अपने चेहरे की तरफ घूरता हुआ पाया उसने..
जैसे वो जानना छह रही हो की ये बात विक्की को कैसे पता चली की वो छुट्टी पर है.
वो उसे बताना तो चाहता था पर इतनी बुरी तरह से फंसकर बताएगा ये उसे नही पता था.
नेहा ने आँखे तरेरते हुए पूछा : "वो छुट्टी पर है, ये आपको कैसे पता...''
विक्की समझ चुका था की अब बेकार में बात को खींचना सही नही है, इसलिए उसे सच बताना ही सही रहेगा, वरना इधर उधर की बाते करके वो उसका गुस्सा ही बढ़ाएगा.
विक्की : "वो...आज मैं उसी के साथ था...सुबह से....''
नेहा का चेहरा देखने लायक था,
उसके चेहरे पर आए भाव सब बयान कर रहे थे....
और विक्की की दिल की धड़कने बढ़कर कई गुना तेज हो चुकी थी,
अब किसी भी पल वो तूफान आ सकता था जिससे वो डर रहा था..
नेहा : "ओह्ह्ह्ह माय गॉड ........तो यह बात है.....पर....पर तुमने....दोनो ने ये बताया ही नही की....की..''
विक्की : "वो सब एकदम से ही प्लान बन गया नेहा....वर्ना..''
उसकी डरी हुई शक्ल देखकर नेहा की हंसी निकल गयी
नेहा : "अर्रे भोंदू ...मेरे भाई...इसमे डरना कैसा....ये तो मैं भी चाहती थी की तू उससे भी मज़े ले...पर मेरी पहली शर्त यही थी की पहले मेरे साथ लो...और वो तो ले ही चुके हो...इसलिए मुझे कोई प्राब्लम नही है अब....इनफॅक्ट एक-दो दिन में मैं खुद ही तुम दोनो की ऐसी वाली मीटिंग करवाने वाली थी जिसमे तुम उसे भी हर तरह के मज़े दो जो मैं ले रही हूँ ....आख़िर मेरी बचपन की दोस्त है वो....और तुम्हे भी तो वो कब से चाहती है...''
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