non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
06-11-2020, 04:42 PM,
#27
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम पेज पलटी तो इसमें भी लंड की ही पिक्स प्रिंट किये हुए थे. पूनम की नज़र जिस तस्वीर पे रुकी वो उसमे एक नंगी लड़की अपने दोनों पैरों को फैलाये हुए सीधी लेटी हुई थी और लड़का अपने लंड को ऐसे रखे हुए था जैसे नाप रहा हो की लंड चुत के अंदर अगर होती तो कहाँ तक जाती. और उसके बगल वाली पिक में लंड चुत के अन्दर था. पूनम इमेजिन करने लगी और सोचने लगी की लंड कितना अन्दर तक होगा और उसका हाथ अपने आप चुत के छेद को छेड़ने लगा. इस पिक्स में लंड पे कुछ लिखा हुआ नहीं था. ये शायद दुसरे वाले का होगा.

पूनम दोनों पेज में लंड को गौर से देखने लगी. ये दोनों दो अलग अलग लंड थे और पूनम के अंदाज़े से वो दोनों ही लंड उसकी चुत में जाने क लिए तड़प रहे थे. पूनम पहले की भी पिक्स निकल ली. वो पहले वाले पिक्स में और इस पिक्स में लंड देखने लगी. उसे अंदाज़ा हो गया की उन पिक्स में जिस लंड से वो लड़कियां मज़े ले रहे हैं, वो यही दोनों लंड हैं और इन्ही दोनों लड़कों के हैं. पूनम अपनी चुत पे ऊँगली फिराने लगी थी और उसे मज़ा आ रहा था.

वो पिक्स रख दी और सोचने लगी की ‘मैं चुदवा तो ली हूँ, दर्द बहुत हुआ लेकिन मज़ा तो बहुत आ रहा था.’ वो रेस्टूरेंट के दृश्य पूनम की आँखों के सामने घूमने लगे जब अमित उसकी चुचियों को चूस रहा था मसल रहा था और जब वो उसकी पैंटी निकाल कर उसकी चुत को चूस रहा था और ऊँगली अन्दर बाहर कर रहा था. वो अपने मज़े को महसूस करने लगी. वो सोचने लगी की जब अमित ने उसकी चुत में लंड सटाया ही था की वो कितनी उत्तेजित हो गयी थी और उसकी चुत ने काम रस छोड़ दिया था.

लेकिन साथ साथ ही उसे अफ़सोस भी हो रहा था की वो बहुत ज्यादा मज़ा नहीं ले पाई थी. वो अमित के लंड को नोटिस करने लगी और इन पिक्स को देखने लगी तो उसे लगा की ये लंड तो बहुत बड़े हैं. पूनम सबको समेट कर रख दी और सोने लगी, लेकिन उन आँखों में नींद कहाँ जिसे चुदवाने की फिक्र हो.

वो अपने कपड़े पहन ली थी और सोचने लगी की ये लड़के कितने हरामी हैं और कैसे लड़कियों के बारे में सोचते हैं. कोई प्यार मोहब्बत की बात नहीं, कोई जिंदगी भर साथ निभाने के वादे नहीं, बस जवानी का मज़ा, सेक्स बस. बस लड़कियों को चोदना है, उनका मज़ा लेना है बस. इन लोगों ने मुझे भी रंडी समझ लिया है क्या. जिस जिस लड़कियों को इन्होने चोदा होगा वो रंडियां होंगी. मैं ऐसी नहीं हूँ. मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाली और अबकी मैं उन्हें साफ साफ मना कर दूंगी और फिर ज्यादा हुआ तो शोर शराबा भी कर दूंगी.

उसे अफ़सोस हो रहा था की उस लड़के ने उसे एन्वेलोप उठाते हुए देख लिया था, उन लड़कों ने उसे मुस्कुराते हुए देख लिया था. लेकिन वो इन सारी गलतियों को सुधार लेगी. और रही बात मज़ा करने की, तो उसके पास उसका प्यार अमित तो है ही. जो न सिर्फ उसे सेक्स का मज़ा देगा, बल्कि उससे प्यार भी करता है और शादी भी करेगा, जिसका मतलब सिर्फ जिस्म के मज़े से नहीं है. वो अपने रूम का गेट खोल दी और अमित के बारे में सोंचते सोंचते सो गयी.

आज पूनम का मेन्सट्रूअल पीरियड ख़त्म हो गया था तो वो बाल धो कर नहा ली और फ्रेश होकर ऑफिस के लिए निकल ली. रोड पे आते ही वो दोनों लड़के रोड के उस पार खड़े दिख गए. पूनम नज़रे नीची करके चल रही थी, लेकिन न चाहते हुए भी उसकी नज़र उन से मिल ही जा रही थी. पूनम अपनी गली से निकल रही थी और वो ठीक सामने रोड के दुसरे साइड से पूनम को ही देख रहे थे.

जब पूनम रोड पे आई तो उसकी नज़र उन लड़कों के पैंट पर गयी. उसकी नज़र वहां कुछ पल के लिए रुक गयी जब उसके मन में आया की इन्ही पैंट के अन्दर वो बड़ा सा राक्षस मौजूद है जो लड़कियों के चुत को फाड़ता हुआ उनके पेट तक पहुँच जाता है. फिर से पूनम की नज़रें उस लड़के से मिल गयी और उसे महसूस हुआ की वो उनके पैंट की तरफ देख रही थी वो उसने देख लिया है. वो लड़का मुस्कुरा दिया और फिर से अचानक से न चाहते हुए भी पता नहीं कैसे पूनम की मुस्कराहट उसके चेहरे पे फ़ैल गयी. वो अपनी मुस्कान को किसी तरह दूसरी तरफ देखते हुए और चेहरे पे हाथ फेर कर छुपायी, लेकिन जिसे जो देखना था, उसने वो देख लिया था.

पूनम आगे बढ़ गयी और अब जब वो नार्मल हुई तो उसे फिर से अपने पे गुस्सा आ रहा था. लेकिन अब भला हो ही क्या सकता था. बिता हुआ वक़्त गुजर चूका था. पूनम को समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो जाता है। उसके मन में उन लड़कों के लिए कोई फीलिंग नहीं थी और वो उन से नफरत करती थी।

पूनम अपने ऑफिस आ गयी. उसकी चुत में फिर से खुजली हो रही थी. उसका चुदवाने का मन कर रहा था लेकिन वो चुद नहीं सकती थी. अमित आज कहीं बाहर गया हुआ था तो उससे मिलने भी नहीं आया था.

शाम में जब पूनम वापस अपने घर आई तो आज उसे रस्ते में कोई भी नहीं दिखा. वो राहत की साँस ली. पूनम पे चुत का खुमार चढ़ा हुआ था। घर आने के बाद उसे मन नहीं लग रहा था और वो आज फिर से सबके सोने का इंतज़ार कर रही थी. सबके सोते ही वो रूम बंद की और आलमीरा से उन लड़कों का भेजा हुआ सब कुछ निकल ली. वो अपने सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गयी। उसकी चुत तो गेट बंद करते ही गीली हो गयी थी।
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RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार - by hotaks - 06-11-2020, 04:42 PM

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