RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
अब पूनम की नंगी चुच्ची अमित के सीने से दब रही थी। पूनम के बदन को सहलाता हुआ अमित नाइटी को फिर से नीचे खिंचा और पूनम अपने हाथ को सीधी कर दी, नाइटी नीचे गिर गयी और पूनम नंगी होकर अपने प्रेमी की बाँहों में समां गयी. अमित पूनम के होठों को चुसे जा रहा था और उसकी चूची और गांड को कमर को सहलाता मसलता जा रहा था. पूनम अमित की बाँहों में समाती जा रही थी। आज उसे कोई हड़बड़ी नही थी। आज तो उसे रात भर इसी तरह नंगी होकर जी भरकर मस्ती करना था।
पूनम वापस अपने होश में आई जब उसे कॉफी के उबलने का एहसास हुआ. वो अमित की पाकर से खुद को छुड़ाई और बोली “छोड़ो, कॉफी गिर जायेगा.” अमित ने भी अपनी पकड़ को ढीला कर दिया और पूनम जल्दी से वापस किचन स्लैब की तरफ घूम कर गैस को बंद की और फिर कॉफी को कप में डालने लगी. अमित पीछे से पूनम के नंगे गोरे, चिकने मुलायम जिस्म को निहार रहा था.
पूनम को एहसास था की वो किस अवस्था में है और उसे शर्म आ रही थी. वो अमित से एक बार चुद चुकी थी और उसके साथ मस्ती भी कर चुकी थी, लेकिन फिर भी इस तरह पूरी नंगी रहने में उसे शर्मिंदगी का अनुभव हो रहा था. वो एक हाथ से कलाई से अपनी चुचियों को ढंकी और एक कप अमित के हाथ में पकड़ाती हुई बोली “लो, चलो बहार.”
पूनम झुक कर अपनी नाइटी उठाने लगी. अमित ने पैर से पूनम की नाइटी को दबा दिया और बोला “नहीं, अब इसे उठाने की जरूरत नहीं है, ऐसे ही रहने दो.” पूनम शर्माती हुई मुस्कुराती हुई बोली “अच्छा मिस्टर, खुद तो पुरे सूट बूट में हो और मैं ऐसे ही रहूँ.” वो अमित के पैर के निचे से नाइटी खिंच ली और उसे अपने बदन पे रख ली.
अमित ने अपने कॉफी को स्लैब पे रख दिया और पूनम के बदन से सट कर नाइटी हटाने लगा. बोला “नहीं, इसे रहने दो. मैं भी हटा देता हूँ अपने सारे कपड़े, प्लीज़ तुम ऐसे ही रहो. ऐसा मौका हमें फिर कहाँ मिलेगा.” वो फिर से पूनम के लिप को चूसने लगा तो पूनम उसे रोक दी और बोली “ठीक है, नहीं पहनूंगी, कम से कम शरीर पे ऐसे ही तो रहने दो. मुझे ऐसे नंगी रहने में शर्म आती है.”
अमित कुछ नहीं बोला और अपना कॉफी का कप हाथ में ले लिया. पूनम भी अपना कप हाथ में ले ली. अमित वहीं खड़ा था की कहीं पूनम वापस से नाइटी पहन न ले. लेकिन पूनम नाइटी को पहनी नहीं थी, बस अपने कंधे पे रखे हुए थी. पूनम बोली “चलो बाहर.” तो अमित बोला “नहीं, पहले तुम चलो. मैं बाहर जाऊंगा तो तुम नाइटी वापस पहन लोगी.” पूनम शरमाते हुए बोली “बोली न, नही पहनूंगी. लेकिन तुम पहले जाओ. मैं आगे रहूंगी तो तुम्हे पीछे से सब दखता रहेगा.”
अमित आगे चल दिया और बाहर हाल में आकर सोफे पे बैठ गया. पूनम भी उसके पीछे ही आकर दुसरे सोफे पे बैठ गयी. वो नाइटी को कंधे पे ही रखे थी, लेकिन वो ऐसे रखा हुआ था की अमित को कुछ दिख नहीं पा रहा था. अमित अपने शर्ट के बटन को खोल कर शर्ट को ढीला कर दिया बेल्ट को खोल कर जीन्स के बटन को भी खोल दिया था.
वो उठ कर पूनम के बगल में बैठने आ गया तो पूनम फिर से मुस्कुराती हुई बोली. “कॉफी पियो न चुपचाप. जब से आये हो शैतानी ही कर रहे हो.” उसकी आवाज़ में शरारत भरी हुई थी. अमित कॉफी को टेबल पे रखता हुआ बोला “जिसके सामने इतनी रसीली जानेमन बैठी हो, उसे कॉफी पीने में मज़ा आएगा क्या?”
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