RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
“आय हाय मेरी जान, एक्टिंग तो ऐसे रही है जैसे कुछ पता ही नहीं हो की चुदाई क्या होती है, कैसे होती है. ऐसे बोल रही हो जैसे कोई सती सावित्री हो. कूँवारी माल हो.” गुड्डू के बोलने के बाद पूनम कोई रिप्लाई नहीं दी. गुड्डू चिढ़ते हुए बोला “बोल ना, मूड ख़राब मत कर.” गुड्डू समझ रहा था कि पूनम अभी तक गर्म हो गयी होगी, तभी वो अभी तक उससे बात कर रही थी। लेकिन फिर भी पूनम भाव खा रही थी तो उसे चिढ़ हो रही थी।
पूनम मुस्कुराती हुई ही बोली “मैं क्या मूड खराब कर रही हूँ. मैं क्यू बोलूं. जो चीज़ मुझे करवाना ही नहीं, उसके बारे में मैं कोई चर्चा भी क्यू करूँ. तुम फ़ोन रखो और दूर रहो मेरी ज़िंदगी से.” पूनम गुड्डू के मज़े ले रही थी। उसे पता था कि गुड्डू उससे क्या कहलवाना चाहता है। लेकिन उसे तो मज़ा आ रहा था गुड्डू को चिढ़ाने में। वो अपने चुत की दरार में उँगलियाँ फेर रही थी और मुस्कुराती हुई मज़ा कर रही थी।
गुड्डू अब और चिढ गया. बोला “तो जब अमित के साथ पूरी नंगी होकर चूत में लंड पेलवा रही थी, तब मज़ा आ रहा था. जब कुँवारी होकर उसका लौड़ा चूस रही थी तब ज़िन्दगी आबाद हो रही थी। देख, मेरा मूड ख़राब मत कर.” पूनम कोई रिप्लाई नहीं दी. गुड्डू फिर बोला “बोल, क्या नहीं करवाएगी मेरे से.” इस बार उसकी आवाज़ आदेशात्मक टोन में था. पूनम डर गयी थी, लेकिन गुड्डू के मुँह से अपने बारे में वो सब सुनकर उसे और भी मज़ा आ रहा था।
बोली “मैं नहीं बोलूंगी. प्लीज़ देखो मेरे साथ ऐसा मत करो, मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ.”
गुड्डू का गुस्सा अब बढ़ रहा था. बोला “जब चुदवा रही थी तब किस टाइप की लड़की थी. जब रेस्टॉरेंट में लण्ड चूसती थी तब क्या थी। वहाँ चुच्ची मसलवाने में मज़ा आता था। तब लड़की नहीं रंडी थी क्या. और अभी मेरे सामने बोलने में तेरी गांड फट रही है. जब चुदाई वाली पिक और स्टोरी देखकर चूत में ऊँगली करती है तब किस टाइप की लड़की रहती है. बोल, नहीं तो सोच ले की मैं क्या करूँगा.”
पूनम हिम्मत हार गयी. उसे लगा की अब बोल ही देना चाहिए। उसकी चुत का गीलापन अब और बढ़ गया था। वो ऐसे लड़के से ये सब बात सुन रही थी, और अब खुद बोलने जा रही थी, जिससे वो नफरत करती है। लेकिन जब चुत के अंदर गर्मी बढ़ती है तो फिर सब कुछ होने लग जाता है।
गुड्डू फिर से गुस्से में बोला "जब मैं तेरे BF को पीटकर तेरे लाइफ से दूर कर सकता हूँ तो सोच में और क्या क्या कर सकता हूँ। मैं और भी बहुत से लोगों को पीट सकता हूँ। लेकिन मैं बस तेरे साथ प्यार से पेश आना चाहता हूँ। किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता।"
पूनम को लगा की अब बोल ही देना चाहिए। उसे मज़ा भी आ रहा था और उसे डर भी लगने लगा था गुड्डू से. वो एक झटके में बोलना शुरू की “मैं चू..... चू.... नहीं..... मुझसे नहीं होगा यार.”
गुड्डू बोला “आह ये हुई न बात. बोल जान.... अच्छा लग रहा है. लंड टाइट हो रहा है. बोल.”
पूनम फिर से कोशिश की लेकिन फिर से उसके मुँह से अलफ़ाज़ नहीं निकले. भले ही वो अमित के साथ चुदवाई हो, लेकिन वो ऐसे तो अमित के सामने भी नहीं बोल सकती थी. फिर ये तो वो लड़का है जिससे पूनम को प्यार भी नहीं है, नफरत है.
गुड्डू बोला “बोल न जल्दी. बोल मुझे चोदो.” पूनम बोलने की तैयारी कर ही रही थी की गुड्डू के ऐसा बोलने पर वो तुरंत बोली “मैं नहीं चुदवाऊँगी.” बोलते ही पूनम की कमर के नीचे कुछ करंट जैसा दौड़ा। उसकी चुत से ज्यादा रस टपक रहा था अब। पूनम भी बोल कर अपने दाँतों से अपने होठ को दबा रही थी की ये क्या कर रही है वो. वो उस लड़के से ये सब बोल रही है जो उसे चोदना चाहता है। लेकिन उसे भी अच्छा लगा था. वो अपने ट्राउजर और पैंटी को उतार दी थी और अपने दोनों पैरों को पूरा फैला कर चूत सहलाने लगी थी.
गुड्डू को मज़ा आ गया. उसकी गाड़ी रफ़्तार पकड़ रही थी. पूनम उसके लाइन पे चल रही थी. बोला “आह मज़ा आ गया जान, फिर से बोल, फिर से बोल.” पूनम अभी तक अपने ओठ को दाँतों से दबाए थी। गुड्डू फिर से बोला “आह बोल न जान जल्दी. बोल न मैं चुदवाऊँगी.”
पूनम फिर से तुरंत रिप्लाई दी “मैं नहीं चुदवाऊँगी.” गुड्डू पुरे मूड में आ रहा था. बोला “क्या नहीं चुदवाएगी?” पूनम कुछ नहीं बोली. हालाँकी अब उसका मन था बोलने का. लेकिन बोलने का मतलब होता की उसका मन है चुदवाने का.
गुड्डू बोला “बोल न मेरी जान जल्दी बोल न. बहुत मज़ा आ रहा है. आह बोल जल्दी.” पूनम मुस्कुराती हुई शैतानी करती हुई बोली “जो चुदवाया जाता है वही. वही नहीं चुदवाऊँगी.” पूनम अब धड़ल्ले से चुदवाने शब्द का इस्तेमाल कर रही थी. गुड्डू बोला “बोल न. ऐसे मत कर. बहुत मज़ा आ रहा है. मज़ा ख़राब मत कर. बोल चूत चुदवाऊँगी तुमसे.”
पूनम की उँगलियाँ चूत में चलने लगी थी. बोली “चूत नहीं चोदने दूँगी तुम्हे. नहीं चुदवाऊँगी तुमसे.” बोलते ही पूनम के हाथ की रफ़्तार तेज हो गयी.
गुड्डू बोला “ऐसी तो कोई चूत बनी ही नहीं है जान, जिसे चोदने के बारे में हम सोंचे और वो बिना हमसे चुदे रह जाये. जल्दी ही तेरी चिकनी चुत में मेरे लंड का पानी भरा होगा. बाय.” पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन गुड्डू के मुंह से बाय सुनते ही वो शॉक्ड रह गयी. उसके मुँह से निकल गया “क्या हुआ? कहाँ जा रहे हो?” बोलते ही उसे अफ़सोस हुआ लेकिन अब तो तीर कमान से छुट चूका था.
गुड्डू हँसने लगा. बोला “तेरी चूत पूरी गरम हो गयी है न. वाह! मज़ा आएगा तुझे चोदने में. जब फ़ोन चोदन में इतना मज़ा आया तो जब सच में तेरी चुदाई करूँगा तब सोच कितना मज़ा आएगा. जब तुझे पूरी नंगी करके, दोनों पैर पूरा फैलाकर तेरी कमसिन चुत में अपना मोटा लण्ड पेलूंगा, तब सोच कितना मज़ा आएगा तुझे। जब फुल स्पीड में धक्के लगाऊँगा और लण्ड तेरी चुत में इतना अंदर जायेगा, जिसका आधा भी अमित का नहीं गया होगा, सोच तब तुझे कितना मज़ा आएगा। जब तुझे अपने लण्ड पे बिठाकर नीचे से धक्का लगाऊँगा तो तू खुद ऊपर नीचे होकर अपनी चुत को मस्ती में चुदवाने लगेगी”
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