RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
गुड्डू भी पूनम को फ़ोन पे चोद कर बहुत खुश था। पूनम का फ़ोन कटने पर वो ख़ुशी ख़ुशी अपने अड्डे से बाहर निकला। उसे अब पूरा यकीन था कि उसके लण्ड को अब पुनम की चुत में घूमने का मौका मिलेगा। पूनम तो बोल ही दी थी की चुदवाऊँगी। लेकिन गुड्डू को ये भी पता था कि अभी उसे और मेहनत करनी होगी। मुर्गी के हलाल होने में अभी वक़्त था।
वो विक्की से मिला और उसे सब कुछ बताया कि कैसे पूनम फ़ोन पे क्या क्या बोली और ये भी बोली की चुदवाएगी और गांड भी मरवायेगी। गुड्डू इस बात को छुपा गया कि पूनम बस उसी से चुदवाने के लिए तैयार हुई है। वैसे भी इस बात का कोई मतलब नहीं था। चोदना तो दोनों को था और पूनम को दोनों से ही चुदवाना पड़ता।
विक्की को इन बातों में कोई इंटरेस्ट नहीं था। बोला "जब चोदने जाना हो तब बता देना। मुझे न तो उसे और न ही किसी और रण्डी को फ़ोन पे चोदना है। चोदने के लिए मेरे पास लण्ड है। तू फ़ोन पे चोद उसे, गांड मार। जब लण्ड से चोदने की बारी आये, तो मुझे बुला लेना। बस।" गुड्डू को पता था कि विक्की का रिएक्शन कुछ ऐसा ही होगा। वो दोनों बहुत पुराने दोस्त थे और बचपन से लेकर अब तक सब कुछ उन्होंने साथ में ही किया था।
पूनम अंगड़ाई लेती हुई सुबह जगी तो उसका उठने का मन नहीं हो रहा है। लेकिन उसे उठना पड़ा। वो सारे पिक्स और कहानी वाले पेपर को एन्वेलोप में रखी और उसे आलमीरा में रख दी। उसकी नज़र बेड पे गयी। बेड पे चुत के रस का दाग बन गया था। वो सोते वक़्त का अपना फैसला याद की अब ये सब कुछ नहीं करना है। वो अपने मोबाइल को ऑन की तो गुड्डू के कई सारे मैसेज तुरंत तुरंत आने लगे थे. वो जल्दी जल्दी सबको पढ़ी और फिर डिलीट कर दी. कुछ में नॉनवेज जोक्स थे तो कुछ में और कुछ लिखा था जैसे चुत से पानी निकाल ली क्या, आ न जान, लण्ड टाइट है, इत्यादि। मैसेज पढ़ते ही पूनम की चुत गीली होने लगी और उसका रात में लिया हुआ फैसला कमजोर होने लगा। पूनम अपनी माँ के जागने की आहट सुनी तो अपने कपड़े पहनी और बाहर आ गयी।
पूनम आज सारा दिन घर में थी. वो अपनी माँ के साथ ही बात करती रही और घर की साफ़ सफाई करती रही। वो अपने रूम की चादर भी धो दी। जब तक वो घर में व्यस्त रही तब तक तो उसे गुड्डू का ख्याल नहीं आया, लेकिन जब मोबाइल में मैसेज का टोन बजा और वो गुड्डू का भेजा हुआ नॉनवेज मैसेज पढ़ी तो उसका बेचैन हो गया और उसका मन करने लगा की वो पिक फिर से देख ले और वो कहानी पढ़ ले। लेकिन वो अभी ऐसा कर नहीं सकती थी।
दोपहर के बाद पूनम अपनी माँ के साथ तैयार होकर मार्केट जाने के लिए निकली। उसकी मौसेरी बहन की शादी होने वाली थी और वहीँ जाने के लिए वो लोग शॉपिंग करने निकले थे। पूनम घर से बाहर आई तो गुड्डू और विक्की दोनों वहीँ गली के बाहर खड़े थे। विक्की ने इशारे से गुड्डू को पूनम को दिखाया और फिर गुड्डू पूनम को गौर से देखने लगा। पूनम ये सब कुछ देख रही थी और गुड्डू को इस तरह खुद को देखते देखकर वो शर्मा गयी और आज भी फिर से न चाहते हुए भी वो मुस्कुरा दी। वो एक वन पीस पहनी हुई थी और बहुत ही क्यूट लग रही थी।
पूनम अपनी माँ के साथ थी और इस तरह दोनों को खुद को देखते वो ज्यादा ही शर्मा रही थी। उसे पता था कि गुड्डू उसे किस तरह देख रहा होगा। जिस लड़के को वो रात में बोली है कि चुदवाऊँगी और गांड मारवाऊंगी, और चोदने चुदवाने की बात की है, वो तो इस तरह ही देख रहा होगा जैसे पूनम बिना कपड़ों के चल रही हो। और विक्की भी तो उसे चोदने का ही इंतज़ार कर रहा है तो वो भी उसे इसी तरह देख रहा होगा।
गुड्डू की नज़र पूनम की नंगी जांघों पे थी क्यों की पूनम की ड्रेस घुटने के थोड़ी ऊपर थी और गुड्डू ऐसे देख रहा था कि वो आँखों से ही ड्रेस को ऊपर उठा कर पूनम की चुत को सहला रहा है। विक्की की नज़र पूनम की संतरों की तरह गोल चूचियों पे थी। पूनम शर्मा कर नीचे देखने लगी और माँ के साथ रोड पे आ गयी। उसे अपनी गांड पे दोनों की नज़रें चुभती हुई महसूस हो रही थी। पहले भी वो दोनों पीछे से पूनम की चाल का भरपूर मज़ा लेते थे, लेकिन आज पूनम को कुछ ज्यादा ही अजीब लग रहा था। उसे लग रहा था कि दोनों उसकी हिलती हुई गांड देखकर सोंच रहे होंगे की कब ये चुदेगी और कब इस मस्त गांड को मारने का मौका मिलेगा।
पूनम अभी कुछ ही दूर चली थी की उसका मोबाइल मैसेज टोन बजाया। पूनम को पता था कि ये मैसेज गुड्डू का ही होगा। वो न चाहते हुए भी खुद को मैसेज पढ़ने से रोक नहीं पाई। लिखा था "मस्त माल लग रही हो। इस ड्रेस में आगे और पीछे दोनों तरफ से माल लग रही हो।" पूनम अभी ये मैसेज पढ़ ही रही थी की अगला मैसेज आया "तुम्हारी चूचियाँ इस तरह पूरी गोल हैं, ये सलवार सूट में पता ही नहीं चलता था। लण्ड टाइट हो गया।"
फिर तो मैसेज का सिलसिला चल पड़ा। उसकी माँ पूछी भी की क्या बिजी हो मोबाइल में, तो पूनम बात टाल दी। लेकिन गुड्डू के मैसेज अपना काम कर चुके थे और पूनम की पैंटी गीली हो चुकी थी। गुड्डू ने दो बार फ़ोन भी किया था लेकिन पूनम कॉल डिसकनेक्ट कर दी थी। पूनम और उसकी माँ सारी खरीददारी करके और टेलर के पास ब्लाउज सिलने और साड़ी में फॉल पिको करने देते हुए घर आई।
पूनम जब वापस आ रही थी तो दोनों में से कोई उसे नहीं दिखा। रात में पूनम अपने रूम में गयी और सबसे पहले सारे कपड़े उतारकर नंगी हो गयी और फिर वो एन्वेलोप निकाल कर कहानी पढ़ने लगी। कुछ ही देर में पूनम की चुत गीली हो गयी और वो चुत में ऊँगली अंदर बाहर करने लगी। अभी ये चल ही रहा था कि मोबाइल पे मैसेज आया। पूनम उसे इग्नोर कर दी और कहानी पढ़ती रही। थोड़ी थोड़ी देर पे मैसेज आते रहे और फिर गुड्डू का कॉल आया।
यहाँ तक तो पूनम खुद को सम्हाले हुए थी की वो गुड्डू से कोई मतलब नहीं रखेगी, लेकिन अब पूनम के लिए गुड्डू को इग्नोर करना मुश्किल हो गया। पूनम कॉल कट कर दी और मैसेज पढ़ने लगी। थोड़ी देर बाद फिर से गुड्डू का कॉल आ गया। पूनम खुद को रोक नहीं पाई और कॉल रिसीव कर ली। वो पूरी नंगी थी और चुत में ऊँगली कर रही थी। पहले तो वो गुड्डू को दिन में इतने सारे मैसेज के बारे में बोली, और बोली की मुझे कॉल या मैसेज मत किया करो, लेकिन थोड़ी ही देर बाद गुड्डू ने उसे अपनी बातों में फँसा लिया और आज फिर से पूनम वो सारी बात बोली जो गुड्डू सुनना चाहता था।
गुड्डू उसे बोला की "जान, मुझे भी अपने साथ मार्केट ले चलती तो मैं तुम्हारी वन पीस में नीचे से हाथ अंदर डालकर तुम्हारी जांघ और गांड को सहलाता और फिर तुम्हारी पैंटी उतार कर अपने पॉकेट में रख लेता। फिर वहीँ मार्केट में ही तुम्हारी चुत सहलाता और जहाँ अकेले में मौका मिलता, वहीँ तुम्हे पकड़ कर तुम्हारे रसीले होठ को चूसता और तुम्हारी चूचियों की गोलाई नापता। अपने लण्ड को निकाल कर तुम्हारी गोरी चिकनी चुत में सटा देता और फिर वहीँ तुम्हे चोदता।"
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