non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
06-11-2020, 04:47 PM,
#63
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम ऑफिस के लिए निकल पड़ी। अभी गुड्डू रोड पे ही था और पूनम को देखकर अच्छे से मुस्कुरा रहा था। उसे उम्मीद थी की उसके भेजे नॉनवेज चुटकुलों ने सुबह सुबह ही पूनम की पैंटी को गीला कर दिया होगा और वो उसे देखकर शर्माती हुई मुस्कुराएगी। लेकिन अभी पूनम का ध्यान गुड्डू पे नहीं था। उसके दिमाग में उसके मम्मी पापा की बातें गूँज रही थी।

'मैं तो भरोसा तोड़ ही दी हूँ उनलोगों का। अमित के साथ प्यार की, उसके साथ वो सब भी की जो नहीं करना चाहिए था। और अब गुड्डू के साथ ये सब कर रही हूँ। छी..., मैं तो घटिया लड़की हूँ। पापा ने जब काम करने का परमिशन दिया था, तभी बोले थे की कुछ भी ऐसा काम मत करना की लोगों को बोलने का मौका मिले। और मैं तो क्या क्या नहीं कर ली। अमित नहीं छोड़ा होता तो उसके साथ तो पता नहीं क्या क्या करवाती रहती। और अभी तो उससे भी ख़राब कर रही हूँ की गुड्डू के साथ क्या क्या कर रही हूँ और क्या क्या करवाने के बारे में सोच रही हूँ। अमित के साथ तो फिर भी प्यार करती थी, शादी करने का प्लान था उसके साथ, वो करता या नहीं करता ये अलग बात है। लेकिन गुड्डू के साथ तो बस जिस्म के मस्ती से मतलब है।" पूनम परेशान हो गयी थी। उसके पापा की बातों ने उसे अंदर तक झकझोर दिया था।

"नहीं...नहीं, अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। जितना हो चूका, बस हो चूका। अब आगे और कुछ नहीं करुँगी। अमित के साथ जो भी हुआ, लेकिन अभी उसके साथ कुछ नहीं है। और वो इसका जिक्र भी नहीं करेगा किसी के सामने, यहाँ तक की अगर उसने मुझे कहीं देख भी लिया तो पहचानेगा भी नहीं। और गुड्डू के साथ कुछ नहीं करुँगी मैं। अमित के साथ तो फिर भी प्यार था, इसके साथ तो बस सेक्स है। नहीं.... अब और कोई मस्ती नहीं। कुछ नहीं। मैं अपने पेरेंट्स का भरोसा नहीं तोड़ सकती। मैं वैसी लड़की नहीं हूँ।'

पूनम फिर से मजबूती से फैसला की। उसे अफ़सोस हो रहा था कि 'क्यों कई बार ये फैसला लेने के बाद भी की मैं गुड्डू से कोई मतलब नहीं रखूंगी, मैं उसकी तरफ आगे बढ़ती गयी। वो सब उसके दिए एन्वेलोप का असर है। लेकिन अब कुछ नहीं। वो पिक्स भी नहीं देखूँगी और ना ही वो कहानी पढूँगी। गुड्डू से बात भी नहीं करुँगी और अगर रास्ते में कुछ बोला या कुछ दिया, तो भी साफ़ साफ़ मना कर दूँगी।'

दिन में गुड्डू के मैसेज आते जा रहे थे। कई मैसेज को तो पूनम बिना पढ़े ही डिलीट कर दी और कुछ को पढ़ी भी तो आधे मन से और तुरंत डिलीट कर दी। दो बार गुड्डू का फोन भी आया, लेकिन दोनों बार पूनम कॉल कट कर दी। हालाँकि गुड्डू दिन में कॉल नहीं करता था, लेकिन आज तो वो इस उम्मीद में था कि कहीं पूनम उसके पास आने के लिए मान जाये तो मज़ा आ जाये। कितने दिनों का इंतज़ार आज ख़त्म हो जाय और आज ही पूनम के संगमरमरी बदन का लुत्फ़ उठाने का मौका मिल जाये। पूनम शाम में घर लौटी तो अभी गुड्डू या विक्की कोई रोड पे नहीं था।

रात भर पूनम अपने कमरे में आयी तो मोबाइल बंद कर दी। उसे डर था कि अगर गुड्डू का कॉल या मैसेज आ जायेगा तो फिर हो सकता है कि वो खुद को सम्हाल न पाए और फिर से वही सब करे जो वो नहीं करना चाहती है। पूनम को नींद नहीं आ रही थी, लेकिन वो आलमीरा से एन्वेलोप नहीं निकाली और इसी तरह अपने फैसले को मजबूत बनाते हुए और कुछ कुछ सोंचते हुए सो गयी।

सुबह जब पूनम जगी तो वो खुद को बहुत ताज़ा ताज़ा महसूस कर रही थी। उसे खुद पे गर्व हुआ की वो खुद को सम्हाल पायी। आज ऑफिस जाते वक़्त भी दोनों में से कोई रोड पर नहीं था। आज दिन भर में गुड्डू ने भी बस 3-4 मैसेज ही किया। शाम में भी कोई नहीं था। पूनम आज भी रात में अपना मोबाइल बंद कर दी और सोने लगी, लेकिन आज भी उसे नींद नहीं आ रही थी।

जब बहुत देर तक उसे नींद नहीं आयी और उसके दिमाग में कुछ भी उलूलजुलुल सा चल रहा था। उसने ट्रोउजर और पैंटी को घुटने तक कर दिया था और चुत को ऐसे ही सहला रही थी। उसका मन ना तो ऊँगली करने का हो रहा था और ना ही पैंटी ऊपर करने का। वो सोने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जब उसे नींद नहीं आयी तो वो उठी और आलमीरा से एन्वेलोप निकाल कर पिक्स देखने लगी और फिर कहानी पढ़ने लगी। उसे सोची की 'इसमें कोई दिक्कत नहीं है, मुझे बस गुड्डू से दूर रहना है।'

कहानी में वो वही हिस्सा पढ़ रही थी जहाँ चुदाई का दृश्य था और जिसे पढ़ कर उसे ज्यादा मज़ा आया था। वो अपनी चुत में ऊँगली अंदर बाहर करने लगी थी। आज कहानी पढ़ने में उसे ज्यादा मज़ा नहीं आ रहा था, लेकिन वो चुत में ऊँगली अंदर बाहर करती रही। जब उसे मज़ा नहीं आया तो वो कहानी रख दी और फिर से पिक्स देखने लगी।

उसे याद आया की कैसे गुड्डू उसे एक एक पिक समझा रहा था और बता रहा था। वो पिक्स को भी रख दी और ऑंखें बंद करके उस रात की बात इमेजिन करने लगी। वो दोनों पैरों को फैला कर चुत में ऊँगली कर रही थी। इस तरह सोंचने से उसे ज्यादा अच्छा लग रहा था। वो बहुत कुछ सोंचती रही चुदाई के बारे में की अगर गुड्डू और विक्की उसे चोदते तो कैसे कैसे चोदते।

वो गर्म हो गयी थी। उसकी चुत का गीलापन बढ़ गया था। उसका मन हुआ की गुड्डू को कॉल कर ले और चुदवा ले उससे फ़ोन पर, लेकिन वो खुद को रोक ली। वो अपने मोबाइल को ऑन कर ली, लेकिन गुड्डू को कॉल नहीं की और चुदाई की बात सोंचती हुई चुत में ऊँगली करती रही और फिर चुत से पानी निकल जाने के बाद वो सो गयी।

इसी तरह 2-3 दिन और बीत गए. पूनम अपनी मौसेरी बहन की शादी में जाने की तैयारी में व्यस्त रह रही थी तो उसका ध्यान गुड्डू से थोड़ा कम था। पूनम रात में मोबाइल बंद करके सोती थी। दिन में अगर कभी गुड्डू कॉल करता भी था तो वो कट कर देती थी। सुबह शाम भी उसे दोनों में से कोई दिख नहीं रहा था आजकल। शायद वो दोनों भी कहीं और व्यस्त थे। पूनम को लग रहा था कि वो गुड्डू से अब दूर हो गयी है, लेकिन उसके मन में ख़ुशी की जगह बेचैनी थी। उसका मन उदास था। रात में वो रोज पैंटी नीचे करके सोती थी और अगर उसकी चुत चुदाई की बात सोंचते हुए गर्म हो जाती थी तो वो अपनी चुत से पानी निकाल लेती थी।

आज पूनम जब ऑफिस में थी तो गुड्डू ने मैसेज किया कि "तुम मोबाइल रात में बंद क्यों कर देती हो और बात क्यों नहीं कर रही हो?" पूनम अभी ऑफिस में खाली थी और गुड्डू ने कॉल किया तो पूनम कॉल रिसीव कर ली और "गुड्डू के वही सवाल पूछने पैट बोल दी की "मम्मी साथ में सोती है, इसलिए फ़ोन ऑफ रखती हूँ।"

पूनम इसलिए कॉल रिसीव की थी ताकि गुड्डू को बोल सके की अब वो बात नहीं करना चाहती है, उससे दूर रहना चाहती है, लेकिन ऐसा कुछ उसे बोलने का मौका ही नहीं मिला। गुड्डू खुद किसी चीज़ में व्यस्त था, तो उसने "ठीक है, तेरे से बाद में बात करता हूँ फुर्सत में।" बोलता हुआ तुरंत ही कॉल कट कर दिया।

आज उसे लगा था कि गुड्डू शाम में दिखेगा, लेकिन आज भी उसे कोई नहीं दिखा। पूनम को रात में नींद नहीं आ रही थी। उसका मोबाइल बंद ही था। वो आलमीरा से एन्वेलोप निकाली लेकिन अब उसमें कोई मज़ा नहीं था। उसकी चुत गर्म थी, लेकिन उसे मज़ा नहीं आ रहा था। वो अपने मोबाइल को फिर से ऑन कर ली, लेकिन बस अपनी तरफ से गुड्डू को कॉल नहीं की। वो तैयार थी की अगर गुड्डू कॉल करेगा तो देखा जायेगा।

वो नंगी ही गयी और चुत सहलाने लगी। लेकिन आज भी उसे चुत में ऊँगली करने में मज़ा नहीं आ रहा था। वो इसी तरह नंगी ही बिना चुत से पानी निकाले सो गयी। सुबह भी दोनों में से कोई उसे दिखा नहीं था। गुड्डू ने उसे दोपहर में मैसेज किया "सॉरी जान, थोड़ा बिजी था। आज से फ्री हूँ। तुम्हारे लिए नया कलेक्शन है, शाम में ले लेना।" गुड्डू का मैसेज पढ़ते ही पूनम की चुत गीली हो गयी।
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार - by hotaks - 06-11-2020, 04:47 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,462,429 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,013 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,216,456 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,979 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,630,792 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,062,444 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,919,831 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,954,276 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,991,982 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,202 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)