RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम कमजोर पड़ने लगी। बोली "नहीं, कोई देख लेगा, मुझे डर लगता है।" गुड्डू बोला "कोई नहीं देखता किसी को। और देख, अगर आज तेरे पास नहीं आया होता तो मैं नहीं बोलता। लेकिन अब तेरी चुत को देख चुका हूँ, चुम चूका हूँ लेकिन चोद नहीं पाया। मेरा लण्ड टाइट है और इसका पानी तो अब तेरे पर ही निकलेगा। नहीं तो मैं तड़पता रहूँगा। तेरे चुत में मुँह सटाया लेकिन उस नमकीन झील का पानी नहीं टेस्ट कर पाया, आजा मेरी जान।"
पूनम सब कुछ इमेजिन करती जा रही थी। उसने बेलन को चुत में और अंदर कर लिया और अंदर बाहर करती हुई बोली "बस तू आ जा जान, कभी ज़िद नहीं किया हूँ, बस कल आजा। फिर तू इतने दिनों के लिए बाहर भी तो जा रही है। अच्छे से अपने बदन को दिखा दे। और तुझे तेरी पैंटी भी तो लेनी है।" पूनम हार मानती हुई बोली "ठीक है। लेकिन बस कुछ देर के लिए।"
गुड्डू खुश हो गया। "थैंक्स जान। कब आएगी?" पूनम कुछ सोंची और फिर बोली "दोपहर में 2 बजे।" गुड्डू खुश हो गया। बोला "एक रिक्वेस्ट है कपड़े ऐसे पहन कर आना की खोलने उतारने में दिक्कत न हो और टाइम न लगे। और पैंटी पहन कर मत आना, लौटते वक़्त यहीं मेरे से ले लेना। तुम वो जो वन पीस पहनकर उस दिन मार्केट गयी थी, वही पहनकर आना। तू उसमे मस्त भी लगती है और नीचे से खुल्ला है तो चुत तक तो हाथ ऐसे ही पहुँच जायेगा और अगर पीठ पे लगा चैन खोल दूँगा तो फिर तो तेरा पूरा बदन चमक जाएगा। आज तो ठीक से देख भी नहीं पाया था, कल अच्छे से देखूँगा। और हाँ, चुत को चिकनी कर लेना, आज चूसते वक़्त झांटे चुभ रही थी मुँह में।"
शीतल चुपचाप गुड्डू की बात सुन रही थी। उसकी प्लानिंग सुनकर शीतल और गर्म हो रही थी और चुत में तेज़ी से बेलन अंदर बाहर कर रही थी। उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया और वो तुरंत "ठीक है" बोलती हुई फ़ोन कट कर दी। वो हाँफ रही थी। वो तैयार थी कल गुड्डू से मिलने के लिए, उसे अपना नंगा जिस्म दिखाने के लिए। वो तैयार थी गुड्डू से चुदवाने के लिए। अगर वो फिर से घर में अकेली रही तो गुड्डू का लण्ड उसकी चुत में जरूर जायेगा।
पूनम अपने कपड़े पहन ली और किचन में काम करने लगी। उसके मम्मी पापा काफी देर से आये। पूनम को गुस्सा भी आ रहा था खुद पर और अफ़सोस भी हो रहा था कि वो गुड्डू को दुबारा क्यों नहीं बुला ली। इतनी देर में तो गुड्डू उसे पुरे मस्ती से चोद चूका होता और वो भी पूरा मज़ा ले ली होती। वो कल के बारे में सोच रही थी और उसे शर्म आ रही थी की वो कल रेस्टुरेंट क्यों जा रही है।
पूनम पहले भी उस रेस्टुरेंट में गयी थी अमित से मिलने, लेकिन तब दोनों का मक़सद मिल कर साथ में समय बिताने का और बातें करने का होता था। गुड्डू के एन्वेलोप देने के बाद ही वो दो बार वहाँ कुछ कुछ की थी अमित के साथ। लेकिन कल वो गुड्डू के साथ वही सब करने जा रही थी वहाँ। पूनम सोच सोच कर शर्मा रही थी की 'जाते ही गुड्डू उसके बदन से खेलने लगेगा और जैसा उसने कहा था, उस वन पीस में तो 2 मिनट में उसका पूरा बदन गुड्डू की नज़रों के सामने होगा। वो अमित की तरह धीरे धीरे और परमिशन लेकर तो कुछ करेगा नहीं। कल वो गुड्डू का लण्ड देखेगी, असली में। उसे चुसेगी, उसका वीर्य पीयेगी। मम्मम...। मैं भी रण्डी बन गयी हूँ। अब बन गयी हूँ तो बन गयी हूँ। अब जो होना है होता रहे। इतना टेंसन नहीं ले सकती अब।'
गुड्डू पूनम का फ़ोन कटने के बाद विक्की से मिला और खुश होता हुआ उसे सारी बात बताया। जब विक्की को पता चला की पूनम की चुत नंगी कर देने के बाद भी वो उसे चोद नहीं पाया तो विक्की हँसने लगा और गुड्डू को चिढ़ाने लगा। विक्की बोला "साला गांडू, तू फट्टू हो गया है। अब चुत चोदना तेरे बस में नहीं है।"
गुड्डू बोला "कल रेस्टुरेंट में आ रही है।" विक्की आश्चर्य से पूछा "वहाँ क्यों आ रही है?" गुड्डू थोड़ा मायूस होकर बोला। उसे पता था कि विक्की फिर उसपे हँसेगा। बोला "अड्डे पे नहीं आएगी। फटती है साली की। और 8-10 दिन के लिए बाहर जा रही है तो मैंने सोचा की तब तक जो मिल रहा है उसी का मज़ा ले लूँ।" विक्की हँसने लगा। गुड्डू बोला "अरे तू ऐसे हँस मत। चोदुंगा तो जरूर उसे। वो चुदवाएगी भी। कल वो मादरचोद आंटी नहीं आयी होती तो कल ही चोद चूका होता। उसे चोदुंगा भी और तू भी उसे चोदेगा।"
विक्की बोला "रण्डी चुदेगी तो जरूर। ऐसी कोई चुत बनी ही नहीं है जिसके बारे में हम दोनों सोचे और वो हमसे चुदे नहीं।" दोनों साथ में हँस दिए।
पूनम सुबह सोकर जागी तो पूरा प्लानिंग कर रही थी की कैसे कैसे क्या करना है। वो आज उतनी ही एक्साइटेड थी जितना पहली बार अमित के साथ डेट पर जाते वक़्त थी। पूनम नहाने के लिए बाथरूम में घुसी और अपने चुत को चिकनी बना दी। आज उसके चुत की प्रदर्शनी होनी थी। हेयर रिमूवर से बालों को हटाने के बाद वो फेसिअल क्रीम को चुत, कमर, गांड और चुच्ची पर लगाकर अच्छे से मसाज की। अब उसका बदन पूरा चमक रहा था। खास कर उसकी चुत। इतनी तयारी तो पूनम अमित से चुदवाने लिए भी नहीं की थी।
नहाने के बाद पूनम को याद आया की उसे पैंटी तो पहनना ही नहीं है। वो सोची की बिना पैंटी के जाना ठीक रहेगा की नहीं, लेकिन फिर उसे लगा की पैंटी तो उतारनी ही है और जब वो बोला है तो बिना पहने ही जाती हूँ। वो रेगुलर ब्रा की जगह टीशर्ट ब्रा पहन ली। उसे पता था कि उसकी चूचियाँ भी ब्रा से बाहर निकलेगी ही और अगर फिर कल रात की तरह ब्रा का हुक नहीं लगा, तो झमेला हो जाना है। इसलिए वो टीशर्ट ब्रा पहनी। वैसे भी गुड्डू ने उसे ऐसे कपड़े पहनने को कहा था जिसे खोलना उतारना आसान हो। कपड़े ऐसे हो की वो आसानी से उसके पुरे बदन को छु पाए। इस ब्रा से चुच्ची बाहर निकलना आसान था, इसे उतारना और पहनना आसान था और इस के ऊपर से भी अगर वो उसकी चुच्ची मसलता तो ऐसा लगता जैसे बिना ब्रा के चुच्ची मसल रहा हो।
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