non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
06-11-2020, 05:03 PM,
#84
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
टॉप चौड़े गले का था जिसमे से पूनम की गदराई पीठ बंटी की नज़रों के सामने चमक रही थी। बंटी से खुद को रोक पाना संभव न हुआ और वो धीरे से पूनम के पीछे आ गया और उसने अपनी एक ऊँगली को पूनम के गर्दन और पीठ पे घुमाता हुआ बोला "उफ़्फ़... बेमिसाल।" अचानक इस तरह अपने जिस्म पे किसी और का हाथ पड़ते ही पूनम चिहुँक गयी। वो पीछे पलटी और बंटी को देखकर वो चीखने ही वाली थी की उसकी नज़र अपनी मौसी पर पड़ी जो इधर ही आ रही थी तो वो चुप हो गयी। उसे बहुत गुस्सा आया था बंटी के इस तरह छूने पर। बंटी बेशर्मों की तरह मुस्कुराता हुआ किचन से बाहर निकल गया।

सब लोग होटल आ गए थे। 3 दिन के लिए ये होटल बुक कर लिया था पूनम के मौसा ने। पूनम अब इधर उधर ध्यान रख रही थी की कहीं बंटी फिर से उसी तरह न कर दे। वो ज्योति को बताई भी थी तो वो हँस दी थी और बात को टाल दी थी। ज्योति को उबटन लग रहा था और सब हँसी मज़ाक में व्यस्त थे की अचानक से पूनम को अपनी गांड पर मर्दाना हाथ का एहसास हुआ। पूनम चिहुँक गयी और तुरंत पीछे पलटी तो देखी की बंटी अंजान सा मासूम सा बगल से जा रहा है।

पूनम झुक कर रस्म देख रही थी और बंटी उसकी गांड और चुत की दरारों को अपने मजबूत हाथ से सहलाता हुआ गया था। थोड़ी देर बाद जब पूनम की नज़र बंटी से मिली तो वो बेशर्मों की तरह हँस दिया और जब किसी को देखता नहीं देखा तो आँख मार दिया। पूनम अपनी नज़रें झुका ली। उसे शर्म भी आ रही थी कोई लड़का इस तरह खुले आम उसके बदन को छेड़ कर गया है और बंटी पर बहुत गुस्सा भी आ रहा था। उसे इस तरह की हरकतें बिल्कुल पसंद नहीं थी। उसे डर भी लग रहा था कि अगर कोई देख लेता तो क्या होता।

पूनम सोची की वो ज्योति से इस बारे में बात करेगी। उसे बंटी पे बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन वो कोई शोर शराबा नहीं चाहती थी। 'बंटी को जो करना है ज्योति के साथ करे, मेरे साथ क्यों कर रहा है। इस तरह की हरकत तो न तो अमित ने किया था और न ही गुड्डू या विक्की ने। जबकि वो दोनों इस तरह के हैं कि अगर मुझे उठा कर भी ले जाते तो मुझे कोई नहीं बचाता। अजीब छिछोरा लड़का है ये, पता नहीं ज्योति को इसमें क्या दिखा है।'

पूनम ज्योति को ढूंढ रही थी लेकिन वो मिल नहीं रही थी। आज ज्योति को उबटन लग गया था और वो पीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी। उबटन लगने के बाद उसका निखार और बढ़ गया था। ज्योति एक कोने वाले रूम में थी। वहीँ पे 3-4 और लड़कियाँ बैठी हुई थी और बंटी भी वहीँ था। पूनम को उसे देखते ही पारा हाई हो गया। पूनम वापस जाने लगी तो ज्योति उसे आवाज़ देकर बुला ली और बैठा ली। इतने लोगों के सामने पूनम कुछ बोल नहीं पाई।

शाम के बाद मेहँदी की रस्म होनी थी। ज्योति के पूरे हाथ पैर में दुल्हन मेहँदी लगी हुई थी। पूनम और बाँकी लोगों को भी मेहँदी लगा था। नाच गाना, हँसी मज़ाक चल रहा था। सबके खाना खाकर सोते जाते जाते काफी रात हो गयी थी। पूनम के भी दोनों हाथों में बाजु तक मेहँदी लगा हुआ था। इस सारे कार्यक्रम के बीच दो बार बंटी पूनम के करीब आया था और एक बार उसके पेट नेवल एरिया को और एक बार कमर को सहला चूका था। पूनम को इतना तेज़ गुस्सा आ रहा था लेकिन उसे मन मसोस कर रह जाना पड़ रहा था।

रात में जब पूनम ज्योति के साथ अपने कमरे में आयी तो उसे बताई, लेकिन ज्योति पे उसका कोई असर नहीं होने वाली थी। बोली "अरे थोड़ा हँसी मज़ाक कर दिया तो इसमें गुस्सा होने वाली कौन सी बात है। उसकी साली हो तो क्या तुमसे मज़ाक भी नहीं कर सकता।" पूनम को ही चुप हो जाना पड़ा। पूनम भी सोच ली की 'दो दिनों की तो बात है। जब ज्योति अभी तक उससे चुद रही है तो मुझे क्या प्रॉब्लम है।'

पूनम गहरी नींद में थी जब ज्योति उसे आवाज़ देकर जगाई। पूनम नींद में ही पूछी "क्या हुआ?" तो ज्योति उसे बोली की "तू थोड़ी देर के लिए बाहर चल न।" पूनम को समझ नहीं आया की ज्योति क्या बोल रही है। ज्योति बोली "चल न छत पर, मुझे नींद नहीं आ रही है।" पूनम उठ बैठी और दुबारा पूछी तो ज्योति फिर से बोली "छत पर चल न, मुझे नींद नहीं आ रही।" पूनम उसे समझायी लेकिन ज्योति उठने और चलने की ज़िद कर रही थी। वो अकेली छत पर नहीं जा सकती थी और यही बात वो पूनम को भी समझायी और उसे छत पर चलने के लिए मना ली।

पूनम का भी मन नहीं था लेकिन उसे जागना पड़ा। ज्योति उसकी प्यारी बहन थी। ज्योति अब दुल्हन बनने वाली थी और उसका कहीं भी अकेले आना जाना मना था। दोनों छत पर आ गए लेकिन छत पर बंटी पहले से खड़ा था और इन दोनों को देखते ही आगे बढ़ा और ज्योति को अपने सीने से लगा लिया। ज्योति भी उसके गले लग गयी। दोनों ऐसे चिपक गए थे जैसे कितने सालों के बिछड़े प्रेमी हों। ज्योति साड़ी में ही थी और बंटी उसकी पीठ और कमर के नंगे हिस्से को सहला रहा था और उसके गले को चूमता हुआ "आई लव यू जान" बोलता जा रहा था।
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RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार - by hotaks - 06-11-2020, 05:03 PM

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