non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
06-11-2020, 05:03 PM,
#87
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
बंटी अपनी प्लानिंग सोचने में व्यस्त था कि अचानक उसकी नज़र पूनम पर गयी जो स्टोर रूम की तरफ जा रही थी। ये बहुत अच्छा मौका था क्यों की उधर कोई नहीं था। स्टोर रूम सबसे अंतिम वाला कमरा था और गैलरी भी खाली थी। पूनम स्टोर रूम का ताला खोली और अंदर चली गयी। उसके अंदर जाते ही बंटी भी चुपके से अंदर घुस गया। पूनम कुछ ढूंढने में व्यस्त थी और उसका ध्यान बंटी पर नहीं गया।

पूनम अपने कातिल बदन के साथ बंटी की प्यासी नज़रों के सामने खड़ी थी। लेगिंग्स और नी लेंथ कुर्ती में। बंटी के सामने उसकी पीठ थी और उसके बदन के कटाव इस टाइट कपड़े में झलक रहे थे। बंटी का लण्ड तो ये सोच कर ही टाइट था कि वो पूनम के साथ अकेले एक कमरे में है, हालाँकि कमरा अभी बंद नहीं था। उसने कमरा बंद करने का रिस्क भी नहीं लिया नहीं तो पूनम को पता चल जाता और वैसे भी अगर कोई इधर आता तो उसके कदमो की आहट से तो पता चल ही जाता।

बंटी धीरे से आगे बढ़ा और उसने एक हाथ पूनम के हिप पर रखा और दूसरा हाथ सामने लाकर सीने से पकड़ता हुआ उसे अपने बदन से चिपका लिया और गर्दन और पीठ पे खुले हिस्से को चूमने लगा। पूनम अचानक हुए इस हमले से बुरी तरह डर गयी थी और वो छूटने की कोशिश करने लगी। लेकिन बंटी की पकड़ मज़बूत थी। बाज के पंजे में आयी चिड़ियाँ इतनी आसानी से नहीं छूट सकती थी। पूनम को तुरंत पता चल गया थी की वो बंटी की पकड़ में है और इसलिए वो जोर से चीखी तो नहीं, लेकिन छूटने के लिए पूरी ताकत लगाती रही।

बंटी उसके गर्दन पे चूमता हुआ अपने होठों से उसके पीठ को सहला रहा था और इतनी मस्त गदराई माल को अपनी बाँहों में पाकर वो खुद को रोक नहीं पाया और पूनम की गर्दन पे दाँत काटने लगा। अब बंटी का दोनों हाथ सामने से पूनम को पकड़े हुए था और अपने बदन से चिपकाये हुए था। बंटी का एक हाथ पूनम को सीने से दबाये हुए एक चुच्ची को पकड़े था और दूसरा हाथ नीचे पेट से पकड़े हुए था। पूनम छूटने के लिए पूरी ताकत लगा रही थी लेकिन बंटी ने भी पूरे ताकत से उसे जकड़ा हुआ था।

बंटी का दूसरा हाथ कपड़े के ऊपर से पूनम की चुत पर था और वो पूनम को बोला "कितना तड़पाओगे मेरी जान, जब से तुम्हे देखा हूँ, मर रहा हूँ तुम्हे पाने के लिए, लेकिन तुम पता नहीं क्यों मेरे से भाग रही हो।" पूनम छिटकती हुई छूटने की पूरी ताकत लगाते हुए बोली "आह.. छोड़ो मुझे, नहीं तो मैं शोर मचाऊँगी। बंटी भला उसे कहाँ छोड़ने वाला था। वो जोर से पूनम की चुच्ची को मसलता हुआ बोला "पूछी नहीं ज्योति से कितना मज़ा आता है उसे। प्लीज़ मेरी जान, इतना मत तड़पा मुझे।"

पुनम बंटी की पकड़ से छूट गयी और बंटी उससे अलग होता हुआ बोला "क्यों ऐसे कर रही हो। ज्योति ने तुम्हे बताया नहीं। वो तो बोली की तुम अपनी बहन की जगह लेने के लिए तैयार हो।" पूनम हाँफ रही थी और उसका चेहरा गुस्से और गर्मी से लाल हो गया था। वो अभी भी खड़ी थी क्यों की बंटी उसके और दरवाजे के बीच में खड़ा था। पूनम गुस्से से बोली "तुम्हे जो करना है ज्योति दी कि साथ करो, मेरे से दूर रहो। नहीं तो तुम सोच भी नहीं सकते की मैं क्या करुँगी तुम्हारे साथ। मैं बस इसलिए चुप हूँ क्यों की ज्योति दीदी तुमसे बहुत प्यार करती है। लेकिन अब बात बर्दाश्त के बाहर हो गयी है।"

बंटी को भी डर लग गया कि कहीं ये सच में शोर न करने लग जाए। "ठीक है, आई एम सॉरी, तुम हल्ला मत करो। मैं जा रहा हूँ। किसी को कुछ मत बोलना। आई एम सॉरी। मुझे लगा था कि तुम्हे अच्छा लगा है, इसलिए तुम्हारे पास आया था। आई एम सॉरी।" बोलता हुआ बंटी स्टोर रूम से बाहर निकल गया। बंटी के बाहर जाते ही पूनम राहत की साँस ली और अपने कपड़े ठीक करने लगी। थोड़ी देर बाद वो बाहर निकली और स्टोर रूम को वापस बंद कर के लोगों के बीच में चली गयी।

पूनम को बहुत गुस्सा आया हुआ था। ज़िन्दगी में पहली बार किसी ने उसे इस तरह छुआ था, बिना उसके मर्ज़ी के। वो उसी गुस्से में सीधे ज्योति के पास गयी। वो बाँकी किसी और को कुछ नहीं बता सकती थी, लेकिन ज्योति को तो बता सकती थी। ज्योति के पास कई सारे लोग बैठे हुए थे, वो उसे छत पर ले जाकर अभी की सारी बात बताई। छत पे उनदोनो के अलावा और कोई नहीं था। पूनम का गुस्सा देखकर ज्योति उसी वक़्त बंटी को कॉल लगायी और उसे डाँटने लगी।

बंटी फ़ोन पर अपनी सफाई दे रहा था। पता नहीं वो क्या क्या बोल रहा था कि 2 मिनट बाद ही ज्योति हँसने लगी थी। ज्योति को इस तरह बंटी से बात करता देझ पूनम का गुस्सा और बढ़ रहा था। पूनम गुस्सा होकर नीचे जाने लगी तो ज्योति उसका हाथ पकड़ कर रोक ली और ये बोलते हुए कॉल कट कर दी की इसे अब से परेशान मत करना।

पूनम गुस्से में ही ज्योति से पूछी "तुम्हे देख कर लगता है कि तुम उसके चक्कर में पागल हो गयी हो। उसने मेरे साथ ऐसा किया और तुम हँस रही थी!" ज्योति कुछ बोलती उसके पहले ही पूनम फिर से गुस्से में बोली "तुम हँस क्यों रही थी?" ज्योति अपनी मुस्कुराहट को रोकते हुए पहले तो बोली "कुछ नहीं। ऐसे ही।" लेकिन जब पूनम दुबारा से पूछी तो ज्योति बोली "बोल रहा था कि तुम्हारा पेट बहुत मुलायम है, अनारों से ज्यादा।" ज्योति आँखों से पूनम के चुच्ची की तरफ इशारा करते हुए बोली। पूनम का गुस्सा अभी तक बरक़रार था।

ज्योति की नज़र पूनम की गर्दन पे गयी जहाँ बंटी के दाँतों के निशान उभर आये थे और वहाँ पर लाल हो गया था। ज्योति अपने आँचल से गर्दन पोछने लगी, लेकिन वो निशान ऐसे इतनी आसानी से तो नहीं ही मिटने वाला था। ज्योति के रगड़ने से दाँत का निशान तो हट गया लेकिन गर्दन के पास पूरा लाल जरूर हो गया था। "उफ़्फ़... कितनी बेदर्दी से मेरी बहन को काटा है। सिर्फ थोड़ी देर के लिए छुआ तो ये कर दिया, पता नहीं पूरी मस्ती करता तो फिर तो पूरा खा ही जाता।"
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार - by hotaks - 06-11-2020, 05:03 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,460,130 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,759 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,602 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,254 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,486 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,554 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,918,026 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,948,076 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,989,760 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,958 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)