RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम के चुत में पानी आ गया बंटी के साथ कमरे में जाने के नाम पर, लेकिन उसे डर लग रहा था। बोली "नहीं, अब और नहीं।" बंटी उसके टॉप को ऊपर उठा कर ब्रा से चुच्ची बाहर निकाल कर निप्पल चुस्ता हुआ बोला "ऐसे मत करो जान, आज ही भर तो मौका है, फिर तो तुम चली ही जाओगी।" फिर से बंटी का हाथ पूनम की चुत पर पहुँच गया था। पूनम कमजोर पड़ गयी थी। वो बंटी को रोक ही नहीं पा रही थी। वो बोली "ठीक है, अभी तो जाने दो।" बंटी खुश हो गया। चुत को जोर से मसलकर वो पैंटी को और नीचे करता हुआ बोला "थैंक्स जान, आ जाओ जल्दी से।" पूनम "आह" करती हुई जल्दी से अपनी पैंटी पकड़ी और उसे ऊपर करने लगी। बंटी पूनम से अलग हो गया और बोला "पैंटी उतार दो।" पूनम बोली "पागल हो। स्कर्ट है। अब जाओ यहाँ से।"
बंटी वहाँ से चला गया और पूनम अपने कपड़े ठीक करती हुई सोचती रही की वो अब क्या करे। उसका मन इधर उधर डोल रहा था। वो सबके साथ काम करती रही और बात भी करती रही। उसे बहुत जोरों की नींद आ रही थी, लेकिन किसी न किसी काम की वजह से वो सो नहीं पा रही थी। सभी लोग रात भर जगे हुए थे और पूनम तो रात में मोटे मूसल लण्ड से चुदी भी थी और अभी फिर से चुदवाने के लिए उसकी चुत पे चींटियाँ रेंग रही थी। 2- 4 लोग इधर उधर सोने लगे थे तो पूनम भी सोचने लगी की क्या करे।
कुछ सोच कर वो दूसरे ब्लॉक में छत पर बने एक छोटे से कमरे में पहुँच गयी। इस ब्लॉक में कोई नहीं था और छत पर तो कोई भी नहीं था। छत पर यही इकलौता कमरा था और इधर किसी के आने की संभावना कम ही थी। खुद पूनम अभी तक इधर एक बार भी नहीं आयी थी। उसे लगा था कि बंटी यहीं उसका इंतज़ार कर रहा होगा, लेकिन बंटी कहीं नहीं था। पूनम लेट गयी और बिस्तर पर जाते ही पल भर में ही वो नींद के आगोश में समां गयी।
पूनम गहरी नींद में थी और उसे लग रहा था की कोई उसके बदन को सहला रहा है, लेकिन वो ज्यादा विरोध नहीं कर पा रही थी। वो बहुत गहरी नींद में थी। कल रात तो वो बिल्कुल भी नहीं सोई थी और उसके पहले भी वो काफी कम ही सो पायी थी। इस गहरी नींद में जब वो उस हाथ को हटाई और जो थोड़ी बहुत उसकी नींद खुली, तो उसे लग गया था की बंटी ही है जो उसके बदन से खेल रहा है। वो अपने बदन को ढीला छोड़ दी थी और बंटी भी धीरे धीरे उसके मादक बदन का लुत्फ़ ले रहा था।
लेकिन अगर किसी लड़की के बदन के साथ कोई आदमी कुछ करेगा तो वो कितनी ही गहरी नींद में क्यों न हो, वो जरूर जग जायेगी। धीरे धीरे करके जब पूनम थोड़ी सी जगी तो उसे अपनी हालत का पता चला। उसकी स्कर्ट पूरी तरह से ऊपर उठी हुई थी और पैंटी उसके पैरों से निकल चुकी थी। पूनम कमर के नीचे स्कर्ट के इलास्टिक से नंगी थी और उसकी चिकनी चुत और गोरी जाँघें उस कमरे की रौशनी में चमक रही थी। उसकी टॉप और ब्रा भी ऊपर थी और ब्रा का हुक खुला हुआ था।
बंटी पूरा नंगा होकर पूनम के बगल में लेटा हुआ था और निप्पल को मुँह में भरकर आहिस्ते आहिस्ते चूस रहा था और एक हाथ से उस चिकनी चूत को सहला रहा था। पूनम गरम तो तब ही हो गयी थी जब वो नींद में थी, और अब जागने के बाद तो चूत पे बंटी का हाथ रेंगता पाकर वो मचल ही गयी। उसकी नज़र दरवाज़े पर गयी तो बंटी उसे लॉक कर दिया हुआ था।
पूनम निश्चिन्त हो गयी और बंटी की तरफ करवट कर घूम गयी और उसकी मुँह को अपने चुच्ची पर दबाने लगी। उसके पैर थोड़े से फ़ैल गए थे और बंटी का हाथ अब पीछे आ गया और उसकी गांड को मसलता हुआ पूनम के बदन को अपने जिस्म से चिपका रहा था और उसका लण्ड पूनम की जाँघों के बीच में था। पूनम नींद और वासना के आगोश में बहती हुई मदहोश सी आवाज़ में बोली “ओह्ह, ऐसे क्यूँ कर रहे हो?”
बंटी थोडा ऊपर हुआ और पूनम के होठों पर अपने होठों को रखकर पूनम को अपने बदन से चिपका लिया। पूनम की गुदाज चूचियाँ बंटी के सीने से दब रही थी और बंटी पूनम की पीठ, कमर और गांड सहला रहा था। बंटी का लण्ड पूनम की जाँघों के बीच उसकी चुत के पास था। “तुम्हे अभी अच्छे से चोदना है, रात में अँधेरे में ठीक से तुम्हारे सुनहले बदन को देख नहीं पाया था।” बोलता हुआ बंटी पूनम के होठ चूसने लगा और एक चुच्ची को जोर से मसलने लगा। पूनम तो पूरी गर्म थी ही, लण्ड के चुत के पास सटते ही उसकी चुत अब खुल कर लण्ड को आमंत्रण दे रही थी।
बंटी उसी तरह पूनम को सीधा कर दिया और अब वो पूनम के ऊपर लेटा हुआ था और उसी तरह वो पूनम के होठ चूस रहा था और अब दोनों चुचियों को जोर से मसल रहा था। पूनम अपने पैर फैला दी थी ताकि बंटी का लण्ड एक बार फिर से उसकी कसी हुई चुत के अंदर आ जाये। बंटी थोड़ा नीचे हुआ और अब एक निप्पल चूसने लगा और चुत सहलाने लगा। चुत अब पूरी तरह गीली थी और तुरंत ही बंटी की एक ऊँगली रेंगती हुई अंदर पहुँच गयी। कमसिन चुत के अंदर सेक्स की भट्टी जल रही थी।
चुत के अंदर बंटी की ऊँगली की चुभन महसूस करने के बाद अब पूनम के लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया। बोली "आह.. मम्मम... ये क्या कर रहे हो। वो डालो न अंदर..." बंटी उठ बैठा और पूनम की पैरों के बीच में आया और स्कर्ट को पैरों से निकाल दिया। अब पूनम नीचे से नंगी थी। पूनम की ऑंखें अब तक बंद ही थी और वो इसी तरह सेक्स के सागर में डुबकी लगा रही थी। उसने अपने पैर फैला दिए और बंटी उस कमसिन टाइट चिकनी चूत को अच्छे से देखने लगा जिसे रात में चोद कर उसके लंड में दर्द होने लगा था।
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