RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
बंटी ने ब्रा का हुक खोल दिया और अगले ही पल पूनम ऊपर से नंगी होकर बंटी के मर्दाने बदन का एहसास कर रही थी। उसकी ब्रा भी ज़मीन पर गिर कर पूनम को जवानी के मज़े लेते देख रही थी। बंटी ने पूनम को अपने नंगे सीने से चिपका लिया और आधी रात में छत पर नंगी होकर बंटी के बदन से चिपकती ही पूनम होश खोने लगी। बंटी पूनम के बदन को चूमता हुआ नीचे होने लगा और कमर तक आते आते उसने पूनम के शॉर्ट्स और पैंटी को पकड़ लिया और उसे भी नीचे की तरफ खीचने लगा। एक पल के लिए पूनम का हाथ अपने कपड़े को पकड़ने के लिए नीचे आया लेकिन अगले ही पल उसे लगा की ये कपड़ा उतरेगा तभी तो वो चुद पायेगी, तो इसे उतारने से रोकने का तो कोई मतलब नहीं ही बनता है।
बंटी ने उसके शॉर्ट्स को पूरा नीचे कर दिया और पूनम अपने पैर ऊपर करके उसे अपने बदन से अलग कर लेने दी। अब पूनम छत पर पूरी तरह नंगी खड़ी थी और नीचे उसके घरवाले सो रहे थे। बंटी ने पूनम को कमर के पास से पकड़ लिया और नाभि और चूत के पास वाले हिस्से को चूमने लगा और उसके बदन को सहलाने लगा। बंटी का हाथ पूनम के नंगे चिकने बदन पर फिसल रहा था और पूनम गरमा कर पिघलने लगी थी। बंटी पूनम की गांड को दबाता हुआ अपनी तरफ खींचे हुए था और फिर वो चूत के पास अपने होठ फिराने लगा। नंगे गुदाज मखमली बदन से खेलता हुआ बंटी मज़े कर रहा था और मन ही मन ज्योति का शुक्रिया अदा कर रहा था जिसकी वजह से उसे पूनम जैसी माल के हसीन बदन से खेलने का मौका मिल रहा था।
चुत के पास कुछ झांटें उग आयी थी। नंगी चुत गांड जाँघ पर बंटी के हाथ और होठ का असर था कि पूनम का बदन सिहरने लगा था। छत पर आते वक़्त ही उसकी चुत गीली हो गयी थी की वो चुदवाने जा रही है, और अभी तो बंटी उसे नंगी खड़ा करके उसकी चुत को चूम रहा था। बंटी ने उसे पैर फ़ैलाने का इशारा किया और तुरंत ही पूनम के पैर फ़ैल गए। बंटी अब पूनम की टाँगों के बीच में बैठा हुआ था और चूत को पूरी तरह से मुँह में भरकर ऐसे चूस रहा था जैसे खा रहा हो। पूनम की हालत ख़राब हो रही थी। उसके मुंह से सिसकारी निकलने लगी थी। रात के सन्नाटे में मुँह से निकलने वाली हलकी सी आवाज़ भी दूर तक जा सकती थी। पूनम खुद पे नियंत्रण की, लेकिन फिर भी उस सिसकारी को बंटी तो सुन ही पा रहा था।
उसने पूनम को बिछे हुए गद्दे पर गिरा दिया और पल भर में ही उसके ऊपर आकर अपने लंड को चूत से रगड़ने लगा। पूनम टाँगों को फैलाये बंटी के अंदर समाने का इंतज़ार कर रही थी। पूनम आज दिन में ही बंटी से चुदी थी, लेकिन जैसे ही वो मोटा मुसल लंड फिर से उसकी कसी हुई चूत में गया, पूनम को तेज़ दर्द हुआ और वो अपने मुँह को अपने हाथ से दबा कर अपनी चीख रोकी।
बंटी अच्छे से पूनम के ऊपर लेट गया और पूरी ताकत से अपनी साली रंडी की चुदाई करने लगा। अभी बंटी थकने या रुकने के मूड में नहीं था। अगले एक घंटे तक वो हर तरह से उलट पुलट कर पूनम को चोदता रहा और उसके नशीले जिस्म का मज़ा लेता रहा और फिर ढेर सारा वीर्य पूनम के मुँह में भरकर उसे पिला दिया। पूनम बेसुध होकर गद्दे पर ही गिरी रही। पूनम को मज़ा आ गया था चुदवा कर। वो ऐसे ही चुदाई के बारे में सोचती थी, गुड्डू की दी हुई पिक्स और कहानी पढ़ कर।
थोड़ी देर बाद वो उठने लगी तो बंटी ने उसे रोक लिया। उसे पता था की उसके पास बस आज की ही रात है। कल ज्योति की रिसेप्शन पार्टी होगी तो वो पूनम को चोद नहीं पायेगा और फिर उसे पूनम के संगमरमरी बदन से खेलने का मौका मिलेगा या नहीं, ये वक़्त और किस्मत की बात है। उसने लेटे लेटे ही पूनम को अपने बाँहों में ले लिया और फिर बातें करने लगा, अपने और ज्योति के बारे में और और लड़कियों औरतों के बारे में भी जिस जिस को उसने चोदा था या कुछ किया था। उसने पूनम से भी पूछा तो पूनम भी उसे गुड्डू के बारे में तो नहीं, लेकिन अमित के बारे में और उससे चुदाई के बारे में बता दी।
थोड़ी देर तक तो दोनों गद्दे पर लेटे लेटे ही एक दुसरे को बाँहों में भरकर बातें कर रहे थे, फिर बंटी ने पूनम को खड़ा कर दिया और फिर दोनों नंगे बदन छत पर टहलते हुए बातें करने लगे। जब पूनम अमित के बारे में बताई तो वो बंटी से प्यार और शादी के बारे में पूछी तो बंटी बताया की वो ज्योति से सच में प्यार करता है लेकिन उसके साथ उसकी शादी नहीं हो सकती थी, और अब किससे प्यार होगा और किससे शादी होगी ये नहीं बताया जा सकता। उसे पूनम भी बहुत अच्छी लगी थी, लेकिन पूनम के साथ भी उसकी शादी नहीं हो सकती थी तो इस बारे में सोचना ही बेकार था।
पूनम को बहुत अच्छा लग रहा था। वो छत पर नंगी टहल रही थी और बंटी उसके कमर में हाथ डाले उसके साथ चल रहा था। फिर दोनों छत पर खड़े होकर ही एक दुसरे को चूमने लगे और फिर पूनम नीचे बैठकर बंटी के लंड को पूरी शिद्दत के साथ चूसने लगी। बंटी का लंड बहुत बड़ा था लेकिन अभी वो उसे अपने गले तक में उतार ली और पुरे लंड को अपने मुँह में भर ही ली। जब तक उसकी नाक बंटी के पेट में सट नहीं गयी, तब तक वो लंड अन्दर लेने की कोशिश करती ही रही और ऐसा करके ही वो मानी। ऐसा करने में उसका चेहरा और ऑंखें लाल हो गयी थी, लेकिन उस मोटे मूसल लण्ड को गले के अंदर तक वो उतार ही ली। बंटी को भी बहुत मज़ा आया था। पूनम पहली लड़की थी जो ऐसा की थी, नहीं तो बंटी का लंड किसी के मुँह के अन्दर पूरा नहीं गया था।
फिर से बंटी ने उसकी दमदार चुदाई की और 3 बजे सुबह वो अपने कपड़े पहन कर, दवाई लेकर नीचे आ पाई, वो भी इस वादे के साथ की वो फिर कभी बंटी से जरूर मिलेगी और उससे चुदवायेगी भी। पूनम की चूत पूरी छिल गयी थी। उस कमसिन कोमल चुत पर बंटी ने अपने मोटे तगड़े लण्ड से दो दिन में इतना हमला किया था कि उसकी चुत की हालत बिगड़ गयी थी। वो सुबह बाथरूम में अपनी चूत को देखी थी की किस तरह दो ही दिन में उसकी चूत की हालत कैसी हो गयी है। उसके चूत का दाना बाहर की तरफ लटक गया था।
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