FreeSexkahani नसीब मेरा दुश्मन
06-13-2020, 01:04 PM,
#26
RE: FreeSexkahani नसीब मेरा दुश्मन
वह लगातार बोल रहा था।
जाने क्या-क्या कहता चला गया, मगर अब, अलका को मानो कोई आवाज सुनाई न दे रही थी।
कानों के पर्दे सुन्न।
बल्कि अगर यह कहा जाए तो उपयुक्त होगा कि उसका समूचा अस्तित्व ही सुन्न पड़ गया था—अवाक्-सी खड़ी रह गई वह।
आंखें तक पथरा गईं।
पलकों ने झपकना ही नहीं, बल्कि दिल ने धड़कना भी जैसे बन्द कर दिया—जितना सुन चुकी थी उसी ने उसके होश उड़ा दिए, इस कदर कि अब एक भी लफ्ज उसके पल्ले नहीं पड़ रहा था, जबकि अपनी बात समाप्त करके मिक्की ने अलका की स्थिति पर ध्यान दिया।
पथराई हुई आंखें उसके चेहरे पर टिकी थीं।
"अलका....अलका!" उसने उसे झंझोड़ा।
तन्द्रा टूटी।
"आं।"
"क्या सोच रही थी तू.....कहां खो गई?"
अलका का समूचा चेहरा भयाक्रांत हो उठा, मारे डर के वह दो कदम पीछे हटी और फिर बड़ी मुश्किल से बोली— "क.....क्या यह सब सच है?"
"पगली।" वह ठहाका लगा उठा—"क्या तुझे अब भी यकीन नहीं आया कि मैं मिक्की हूं, वही मिक्की जिसके मर जाने पर तू ठीक इस तरह रो रही थी जैसे कोई स्त्री अपना सुहाग उजड़ जाने पर रोती है।"
"तू.....तू वही मिक्की है, मेरा मिक्की?"
"हां, पगली, तेरा मिक्की।"
"और तूने सुरेश को मार डाला?"
"हां.....वह लाश सुरेश की ही थी जिसे दिन में तू मिक्की.....।"
जाने कौन-सी दुनिया में खोई अलका ने पुनः सवाल किया—"सुरेश के बारे में वह सब गलत था जो तू कहा करता था, जो डायरी में लिखा—?"
"हां.....हकीकत तो मैंने तुझे अब बताई है।"
"और वह हकीकत ये है कि सुरेश तुझे बहुत प्यार करता था—उसने कभी तुझे मदद देने से इन्कार नहीं किया—तुझे काल्पनिक तेवतिया के कत्ल के जुर्म में फंसने से बचाने के लिए जो खुद मिक्की बन गया, वह सुरेश था?"
"बेशक।"
"और तूने उसकी हत्या कर दी?"
"अब बार-बार इस बात को मत दोहरा, यदि किसी ने सुन लिया तो.....।"
"तू.....तू कमीना है—खुदगर्ज, बेवफा और जलील है।"
"क.....क्या मतलब?" वह भिन्ना गया।
अलका दांत भींचे मुंह से शब्द नहीं अंगारे उगलती चली गई—"अगर तू सच बोल रहा है, यदि तू सचमुच मिक्की है तो तुझसे बड़ा नीच सारी दुनिया में नहीं हो सकता। तूने उस छोटे भाई को मार डाला जो तेरे लिए जान तक हाजिर कर देता था!"
"होश में आ अलका!" वह गुर्राया—"पागल हो गई है क्या—अपने 'दलिद्दर' दूर करने का इसके अलावा कोई चारा नहीं था—अब मैं सुरेश बन चुका हूं, दुनिया की ऐसी कोई चीज नहीं जिसे मैं खरीद न सकूं—वह वक्त आ गया है पगली, जब हम पति-पत्नी बन सकते हैं, विनीता मुझे तलाक देने पर तुरन्त राजी हो जाएगी, उसके बाद तू होगी और मैं—सारा जहां हमारे कदमों तले होगा—सारी दुनिया की सैर कराऊंगा मैं तुझे—इंग्लैण्ड, अमेरिका, जापान, रोम, स्विट्जरलैण्ड।"
"बस....बस.....बन्द कर अपनी गन्दी जुबान।"
"अलका!"
"अरे चीखता क्या है, डराना चाहता है मुझे?" अलका बिफर पड़ी—"कभी डरी हूं तुझसे जो आज डरूंगी?"
"तू.....तू पागल हो गई है क्या?"
"हां.....मैं पागल हूं—मगर आज नहीं हुई, पिछले दो साल से पागल हूं—पहले तेरे प्यार ने पागल बनाए रखा और अब नफरत पागल किए दे रही है।"
"नफरत?"
"हां.....नफरत.....लेकिन तू नफरत के काबिल भी नहीं है।"
होश उड़ गए उसके, बोला— "म.....मगर तू तो मुझसे प्यार करती हैं!"
"प्यार करती नहीं हूं कमीने, करती थी।" उसने अंतिम शब्द पर जोर देते हुए कहा— "मैं उससे प्यार करती थी जो अपनी जरूरतों पूरी करने के लिए सिर्फ चोरी या ठगी करता था—मेरी नजर में वह सब करना जिसकी मजबूरी थी—मगर हत्यारे से प्यार करने के बारे में तो मैं सोच भी नहीं सकती।"
पलक झपकते ही मिक्की के जिस्म पर मौजूद हरेक मसामों ने बर्फ के मानिन्द ठंडा पसीना उगल दिया, हाथ-पांव फूल गए, बौखलाहट चेहरे पर साफ नजर आने लगी थी, बड़ी कोशिश के बाद मुंह से लफ्ज फूटे—"म.....मेरी बात समझने की कोशिश कर अलका, इसके अलावा कोई चारा नहीं था, ये बेकार की जज्बाती बातें छोड़ और.....।"
"और फिर अपनी घिनौनी करतूत चटखारे ले-लेकर मुझे सुना भी रहा है।" अलका कहती चली गई—"वाह.....बड़ी हिम्मत है तुझमें, मगर यह हिम्मत शायद तूने यह सोचकर कर ली कि अलका को बेवकूफ समझता है, सोचता होगा कि तुझे जिन्दा देखते ही गले से लगा लेगी।"
"द.....दिन में तुझे रोते देखकर यही सोचा था।"
"अब तेरे लिए जेल से ज्यादा बेहतर जगह कोई नहीं है।"
"ज.....जेल?" उसके छक्के छूट गए।
"हां—जेल।"
एकाएक उसका चेहरा सख्त हो गया, आंखों से वहशियत झांकने लगी और किसी जंगली गैंडे की तरह गुर्राया वह—"मुझे कौन जेल भेजेगा?"
"मैं।"
"हुंह!" बड़ी ही खूंखार मुस्कराहट उसके होंठों पर उभरी, गुर्रा उठा वह—"अब मिक्की को दुनिया की कोई ताकत जेल नहीं भेज सकती, किसी को पता नहीं लगेगा कि असल में क्या हुआ है?"
"मैं बताऊंगी सबको, चीख-चीखकर कहूंगी कि.....।"
"बकवास करने के लिए मैं तुझे जिन्दा छोड़ने वाला नहीं हूं।"
"त.....तू.....तू कत्ल करेगा मेरा?"
"मजबूरी है और ये मजबूरी मैंने खुद अपनी बेवकूफी से पैदा की है—आज दिन में आंसू और रूदन देखकर मैं बहक गया, किसी को भी राज न बताने के अपने निश्चय पर कायम न रह सका मैं—जज्बातों में बह गया, जो भूल की है उसे सुधारना मुझे अच्छी तरह आता है।"
"तू कुछ भी नहीं कर सकेगा।"
"अपना नसीब बदलने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं, तेरा कत्ल भी—जिसने सुरेश जैसे भाई को मार डाला उसके लिए तू क्या है—तू मेरे बदले-बदलाए नसीब को ग्रहण लगाना चाहती है—तूने मिक्की को कभी समझा ही नहीं बेवकूफ—मैं ही पागल था जो भावनाओं में बहकर अपना राज बता बैठा—मगर अब मैं तुझे जिन्दा नहीं छोड़ सकता, इसके अलावा कोई रास्ता नहीं कि तुझे इसी वक्त.....यहीं खत्म कर दिया जाए।"
अलका को पहली बार अहसास हुआ कि 'वह' जो कह रहा है वही करेगा भी।
और।
ऐसा अहसास होते ही उसे दिलो-दिमाग पर घबराहट सवार हो गई—पलक झपकते ही जेहन में विचार कौंधा कि इस वक्त वह अकेली है, मिक्की का मुकाबला नहीं कर सकेगी। अतः झट बदलकर बोली— "अरे, तू तो सचमुच मिक्की है।"
"क.....क्या मतलब?" वह उछल पड़ा।
"यह सब बातें मैंने तुझे आजमाने के लिए कही थीं—यह सोचकर कि यदि तू सुरेश है और झूठी कहानी सुनाकर मिक्की होने का ढोंग कर रहा है तो मेरा ऐसा रुख देखते ही तू असलियत पर आ जाएगा—कहेगा कि नहीं, मैं मिक्की नहीं सुरेश हूं।"
"क्या तू सच कह रही है?"
"बिल्कुल सच, अब मुझे यकीन हो गया कि तू मिक्की ही है और तू जानता है कि मैं तेरी दीवानी हूं—तुझे जेल भेजने के बारे में तो मैं सोच भी नहीं सकती।"
"तो दूर क्यों खड़ी है, आ—मेरी बांहों में समा जा।"
अलका के होश उड़ गए।
उसने 'पैंतरा' बदला जरूर था, मगर लग न रहा था कि वह उसकी बातों में आ गया है—उसकी बांहों में गिरफ्तार होने की कल्पना ने ही अलका के होश उड़ा दिए।
अवाक्-सी खड़ी रह गई वह।
"क्या सोच रही है पगली, क्या अब भी तुझे शक.....?"
"नहीं।"
"फिर दूर क्यों खड़ी है, आ।" उसने बांहें फैला दीं।
अब।
उससे न लिपट जाना अलका के बदले हुए पैंतरे के ठीक विपरीत था, अतः साहस करके आगे बढ़ी, दौड़ी और फिर उससे जा लिपटी।
उसने अलका को अपनी मजबूत बाजुओं में भींच लिया।
इस वक्त अलका के जिस्म का रोयां-रोयां खड़ा था।
उसे अहसास था कि वह हत्यारे की बांहों में कैद है और यही अहसास उसके तिरपन कंपकपाए दे रहा था।
दिल हथौड़े के समान पसलियों पर चोट कर रहा था।
अपने अंक में समेटकर मिक्की ने इतनी सख्ती से भींचा कि अलका को अपनी हड्डियां कड़कड़ाकर टूटती-सी मालूम पड़ीं।
हल्की-सी चीख निकल गई उसके मुंह से।
"क्या हुआ?" स्वर बेहद ठंडा था।
मौत के भय से कांपती अलका ने कहा— "इतनी जोर से क्यों भींच रहे हो?"
बाजुओं का कसाव कुछ कम हुआ।
वह हंसा।
ऐसे वहशियाना अंदाज में कि अलका के समूचे जिस्म में ही नहीं, बल्कि अन्तरात्मा तक में मौत की तीव्र लहर दौड़ती चली गई, उसी पल...उसने उसके अधरों का एक चुम्बन लिया, बोला—"क्या तू मूझे बेवकूफ समझ रही है?"
"क्या मतलब?" बुरी तरह इस उलझन में फंसी अलका ने पूछा कि वह उसकी बातों पर यकीन कर रहा है या नहीं?
"मैं तेरी चाल खूब समझ रहा हूं।"
"क.....कैसी चाल?"
"तू यही सोच रही है न कि इस वक्त किसी तरह मुझे बहका ले और बाद में.....।"
"न.....नहीं।" उसका वाक्य पूरा होने से पहले ही भयाक्रांत अलका चीख पड़ी—"ऐसा बिल्कुल नहीं है, मिक्की।"
"ऐसा ही है।"
"म.....मेरा यकीन मानो।" कहने के साथ ही उसने आजाद होने की कोशिश की।
Reply


Messages In This Thread
RE: FreeSexkahani नसीब मेरा दुश्मन - by desiaks - 06-13-2020, 01:04 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,460,460 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,805 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,731 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,331 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,637 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,640 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,918,282 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,948,853 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,990,023 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,986 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)