RE: FreeSexkahani नसीब मेरा दुश्मन
"नसीम बस अड्डे पर सुरेश से हुई बातें जेबी टेपरिकॉर्डर के जरिये टेप कर चुकी है, वह टेप अभी कुछ देर पहले इसने हम दोनों को सुनाया—उससे सुरेश खुद को साफ-साफ जानकीनाथ का हत्यारा स्वीकार कर रहा है। क्यों न अपने पूर्व प्लान के मुताबिक नसीम म्हात्रे के पास जाकर वादामाफ गवाह बनकर यह टेप भी उसके हवाले कर दे, किस्सा ही खत्म हो जाएगा।"
"इससे बढ़कर बेवकूफी-भरी राय और क्या हो सकती है?"
"क्यों?"
"सबसे पहले हमें यह जानना है कि सुरेश स्वयं हमारे बेसिर-पैर के झूठ को आखिर क्यों स्वीकार कर रहा है?" नसीम ने कहा।
विनीता बोली— "इस ऊल-जलूल सवाल में उलझने की क्या जरूरत है?"
"जरूरत है विनीता, बेहद सख्त जरूरत है” , विमल ने एक-एक शब्द पर जोर देते हुए कहा— "इस सवाल का जवाब तलाश किए बिना हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते।"
"क्यों?"
"मुमकिन है कि इस सवाल के पीछे सुरेश की कोई गहरी साजिश छुपी हो, कोई उससे भी जटिल और खतरनाक साजिश—जैसी हम उसके विरुद्ध रच रहे थे—सम्भव है कि उसकी कामयाबी पर उल्टे हम ही बुरी तरह फंस जाएं।"
"ऐसी क्या साजिश हो सकती है?"
"यह पता लगाना ही हमारा पहला कदम होना चाहिए।"
विनीता चुप रह गई।
नसीम ने कहा— "सुरेश की यह हैरतअंगेज स्वीकारोक्ति बेवजह नहीं हो सकती और जब तक हम उस वजह की तलाश नहीं कर लेंगे, तब तक ऊहापोह की इसी स्थिति में रहेंगे जिसमें इस वक्त हैं—आगे की कोई भी रणनीति हम तभी बना पाएंगे जब जान लेंगे कि वह हमारे झूठ को स्वीकार क्यों कर रहा है?"
"क्या यह जरूरी है कि ऐसी साजिश नहीं है तो ऐसा कर ही क्यों रहा हो?"
नसीम बोली— "अगर कोई साजिश नहीं है तो ऐसा कर ही क्यों रहा हैं?"
"साजिश है।" विमल ने कहा— "मेरे पास एक ऐसी दलील है, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि वह सबकुछ निश्चय ही किसी साजिश के तहत कर रहा है।"
"कैसी दलील?"
"उसने खुद कहा कि उंगलियों के जो निशान इंस्पेक्टर ले गया है, वे कील और हथौड़ी से बरामद निशानों से बिल्कुल मेल नहीं खाएंगे—सोचने वाली बात ये है कि ऐसा क्योंकर होगा—इतने विश्वासपूर्वक यह बात उसने किस आधार पर कही, जबकि दोनों स्थानों पर फिंगर प्रिन्ट्स उसी के हैं।"
"मुमकिन है कि इंस्पेक्टर को फिंगर प्रिन्ट्स देते वक्त उसने प्लास्टिक सर्जरी वाली नकली उंगलियों का इस्तेमाल किया हो?"
"निश्चय ही उसने ऐसा किया है।" विमल बोला— "और जब ऐसा किया है तो जाहिर है कि वह हर कदम सोच-समझकर किसी साजिश के तहत उठा रहा है।"
विनीता भी सहमत हुए बिना न रह सकी।
कुछ सोचती-सी नसीम ने कहा— "मेरे दिमाग में एक ख्याल आ रहा है।"
"क्या?" विमल ने पूछा।
"मान लो किसी सोर्स से सुरेश को यह पता लग गया हो कि म्हात्रे जानकीनाथ के मर्डर केस की इन्वेस्टिगेशन कर रहा है और उसने जो कील-हथौड़ी बरामद की हैं, वे वही हैं जिससे एक रोज विनीता ने उससे कील ठोकने में मदद ली थी, तो क्या उसके दिमाग में तुरन्त यह बात नहीं आ गई कि कील-हथौड़ी पर से उसी के फिंगर प्रिन्ट्स बरामद होने जा रहे हैं, और क्या इसी समझ के तहत उसने प्लास्टिक फिंगर प्रिन्ट्स का इस्तेमाल नहीं किया होगा?"
"हो सकता है।" विमल के मुंह से निकला।
"यह केवल एक सम्भावना है जो सही भी निकल सकती है और गलत भी—यदि यह सम्भावना सही है तो जाहिर है कि उसे पक्के तौर पर यह पता लग गया होगा कि उसकी बीवी उसे हत्या के जुर्म में फंसाने की कोशिश करने वाले षड्यंत्रकारियों से मिली हुई है।"
विनीता का चेहरा धुंआ-धुंआ।
नसीम कहती चली गई—"इसका मतलब ये हुआ कि षड्यंत्रकारी के रूप में वह मुझे भी जान गया है, बाकी रह जाता है—विमल—।"
विमल के शुष्क हलक से डरी हुई आवाज निकली—"यदि हम इसी तरह बेवकूफियां करते रहे तो एक दिन वह मेरे बारे में जान जाएगा।"
जवाब में कोई कुछ नहीं बोला।
सन्नाटा छा गया वहां।
इतना गहरा कि अपने ही नहीं बल्कि एक-दूसरे के धड़कते दिल की आवाज वे स्पष्ट सुन सकते थे—ये दिल आतंकित होकर धड़क रहे थे, चेहरे ही बता रहे थे कि उक्त विचारों ने उनके भीतर हड़कम्प मचा दिया है।
राहत नसीम ने पहुंचाई, बोली— "मैंने सिर्फ एक सम्भावना कही है, अत: जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि सम्भावना सही है तब तक हममें से किसी को नर्वस नहीं होना चाहिए।"
"मगर गौर तो किया जाना चाहिए कि अगर ये सम्भावना सही हुई तो हमारा अगला कदम क्या होगा?" विनीता ने कहा।
"उस हालत में सुरेश का मर्डर कर देने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं रहेगा।"
"म.....मर्डर!" विनीता का हलक सूख गया।
"हां, इस बात पर याद आया।" विमल ने कहा— "कोई और है जो सुरेश के मर्डर की कोशिश कर रहा है, उसने मर्सडीज के ब्रेक फेल किए—ड्राइवर बेचारा तो मर ही गया—सुरेश तब भी बच गया तो एक सफेद एम्बेसडर ने उसे कुचलने की कोशिश की—सवाल उठता है कि सफेद एम्बेसडर किसकी थी, कौन है जो सुरेश का मर्डर करना चाहता है?"
दोनों चुप।
जवाब हो तो बोलें भी।
"यह एक और सवाल है जिसका हमें जवाब तलाश करना है।" विमल ने एक-एक शब्द पर जोर देते हुए कहा— "मेरे और विनीता के अलावा ऐसा कौन है जिसको सुरेश की मौत से कुछ फायदा हो सकता है?"
"किसी की हत्या करने की वजह केवल फायदा ही नहीं होता।" नसीम ने कहा— "दूसरी कई वजहें हो सकती हैं।"
"मसलन?"
"कोई किसी से बेइन्तहा नफरत या ईर्ष्या करता हो।"
"अगर वह कोशिश मिक्की की मौत से पहले हुई होती तो इस वक्त मैं फौरन कहती कि ऐसा एक आदमी मिक्की है।" विनीता ने कहा— "वह सुरेश से इतनी ईर्ष्या करता था कि मर्डर तक की बात सोच सकता था।"
"इसके अलावा कोई अन्य ऐसा है, जिस पर तुम्हें शक हो?"
"नहीं।"
"मगर ऐसी कोशिश हुई है, अतः जाहिर है कि कोई सुरेश की हत्या का तलबगार है, वह कौन है और सुरेश की हत्या क्यों करना चाहता है—यह पता लगाना भी उतना ही जरूरी है जितना सुरेश की स्वीकारोक्ति के बारे में पता लगाना।"
"मामला बहुत उलझ गया है नसीम।" विमल ने बहुत थके स्वर में कहा— "जब हमने सुरेश को फंसाने की स्कीम बनाई थी, तब किस्सा बिल्कुल सीधा-सादा और साफ था, मगर अब तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मामला आखिर है क्या?"
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