RE: Maa Sex Kahani माँ का मायका
( Episode 6 )
भाभी भी सुबह से दिखाई नही दी थी,लगता है वो भी सास के साथ बाहर गयी होंगी।दोपहर को खाना खाने सिर्फ मैं और दीदी ही थी।मैं दीदी के कमरे में गया।तो दीदी लैपटॉप पे कुछ काम कर रही थी।मुझे लगा व्यस्त होगी इसलिए मैं फिरसे अपने कमरे में आया।वह पर कांता चाची किसी आदमी को लेकर आयी थी।वो प्लम्बर था।मैं भी वही खड़ा रहा।आधे घंटे में प्लम्बर का काम खत्म हुआ।उसके जाने के बाद कांता ने सब रूम साफ किया जो प्लम्बर के काम के वक्त खराब हुआ था।
कांता ने जाते वक्त मुझसे खाने के बारे में पूछा।मैं बोला "तुम गरम करके रेडी कर दो और दी के कमरे में लेके आओ हम दोनो है तो वही बैठ कर खा लेंगे।"
कांता वहां से चले जाने के बाद मैं फिरसे दी के कमरे में गया।वो अभी भी लेपटॉप पे ही व्यस्त थी।पर उनके हाथ नही चल रहे थे।उनका बदन कांप रहा था।मुझे परिस्थिति में कुछ अजीब सी से महसूस होने लगा।
मैं उनके पास गया तो देखा की लेपटॉप पे दीदी पोर्न देख रही थी।इतनी गौर से देख रही थी की उनके पास जाके खड़ा रहा तब भी उनको होश नही था।मैंने दो बार "संजू दी संजू दी" करके पुकारा तब भी कोई रेस्पॉन्स नही।फिर मजबूरन उनके कंधों पे हाथ रखा तो ओ चौक गयी।जैसे कोई भूतिया फ़िल्म में जब डरता है वैसे।
मैंने सिर्फ "संजू दी आप" इतना ही बोला था की उन्होंने फटाफट बकना चालू किया।
संजू दी:अरे संजू अच्छा किया तुम आ गए मैं तुम्हे ही बुलाने वाली थी।यहां थोड़े आगे आ जाओ प्लीज।
मैं "क्यो?"बोलता उससे पहले उन्होंने मुझे आगे खींचा।
थोड़ा आगे गया तो मालूम पड़ा की उन्होंने सिर्फ सफेद कुड़ता पहना था।बाकी न ब्रा थी न पेंटी।बेड के किनारे बैठी थी तो चुत साफ साफ दिखाई दे रही थी।उस दिन जो थोड़े झांट के बाल थे ओ भी आज पूरे साफ थे जैसे कभी आये ही नही हो।
उन्होंने मेरी शॉर्ट नीचे करके लण्ड को बाहर निकाला और हिलाना चालू किया।
मैं:अरे दी ये क्या कर रहे हो कोई आ जाएगा तो दिक्कत हो जाएगी।
संजू:अरे कुछ नही होगा कोई नही है घर में।कल सब कुछ तुम ही कर रहे थे।मुझे भी खुदसे कुछ करना था।सुबह से से पोर्न देख देख कर सिख रही हु।सोचा कुछ प्रैक्टिकल भी कर लू जिससे पता चले पढ़ाई कहा तक पहुंची।
मैं:पर दी ओ**
संजू:तुझे कुछ प्रॉब्लम है क्या??
(मैं मन में मुझे कैसी प्रॉब्लम 24×7 तैयार ही रहता हु मैं।बस तेरे चक्कर में पकड़े गए तो अपनी गांड नही मरवानी)
मैं:नही कोई प्रोब्लम नही ,कैसा प्रॉब्लम,तुम जो चाहे कर लो।
संजू ने सामने एक पोर्न लगाया और उसे देख देख कर मेरे साथ वैसे का वैसे चालू हो गयी।
उसने लण्ड को पूरा हिला के तैयार किया,और मुह में लेके चूसना चालू किया।वो पूरी तरह से पोर्नस्टार की तरह चूस रही थी।उसकी वासना और अकेलापन उसे पोर्न की तरफ लेके जा रहा था।
संजू अभी बेड पे घोड़ी बनके लण्ड को चूस रही थी।मैं भी आगे पीछे होकर उसको साथ दे रहा था।थोड़ी देर बाद वो उठी।अपना पूरा कपड़ा उतार के पूरी नंगी हो गयी।
खुद ही अपने चुत में उंगली डाल के मसला और खुद ही अपनी उंगली चूसने लगी और नटखट हस के मुझे आंख मारी।उसने मुझे बेड पे खींचा और पीठ के बल सुला दिया।और खुद मेरे ऊपर आके मेरे पूरे बदन को चूमने लगी।मेरे छाती के निप्पल्स को चूसने लगी।फिर मेरे ओंठो की ओर आई।उसकी गर्म सांसे मेरी वासना को और भड़का रही थी।
उसने अचानक से अपने ओंठ मेरे ओंठो से मिला लिए।ओ चूस रहीथी बारी बारी हर एक लब्ज को।मैंने उसके चुचो को मसलना चालू किया।उसने भी उत्तेजन में अपने चुचे बारी बारी मेरे मुह में ठुसाना चालू किया।
उसकी चूची चूसना तो चालू ही था पर वो ऊपर नीचे होकर अपने चुत को मेरे लण्ड को घिसाने लगी थी।उसने उठ के मेरे लण्ड पे थूक लगाई(अरे यार मुझे चाची की याद आ गयी थी)और चुत पे लगाके आहिस्ते से बैठ गयी।थोड़ा नीचे झुकी मेरे छाती पे हाथ रख कर अपने गांड को ऊपर निचे करने लगी।
"आआह यूअर कॉक सो हार्ड आआह फक मि आआह आआह उम्मम आआह फक मि वीरू आआह आआह"
मैं भी नीचे से गांड ऊपर करके ऊपर नीचे होने लगा।कुछ 6 से 7 मिनिट में वो झड़ के मेरे ऊपर ही सो गयी।मैंने भी 1 मिनिट के लिए दम लिया।
उसी वक्त मुझे किसी चीज की टकराने का आवाज आया।
मैंने देखा तो दरवाजा खुला था।जो मैने ही रखा था।मैं संजू दी को बाजू किया और झट से कपड़े पहन के बाहर गया। मैन देखा तो मेरे पैर के नीचे पानी का ग्लास गिरा था और निकजे कांता जल्दी जल्दी में किचन में घुस रही थी।मैं माजला समझ गया।
मैं नीचे किचन में चला गया।कांता को ठंडी AC में भी पासिना छूट रहा था।
मैं: कांता चाची सब ठीक तो है?कोई परेशानी?
कांता(लड़खड़ाते आवाज में):कुछ नही अइसे ही।
मैं:फिर इतने ठंड में पासिना क्यो आ रहा है।
कांता:वो अयसेही!?!?!?!?!
मैं उनके पास गया।उनकी गांड को पीछे से कस के दबाते हुए बोला:ये जवाब हर किसी को देना।किधर मुह खोला तो चुत में और गांड में डंडा डाल के छिनाल की माफिक चोद डालूंगा।रहम की भिक नही मिलेगी।
मैंने फिरसे उसकी गांड को दबोच के कस के नोचा।
कांता ने सिसकी मार ली"आआह आउच्च आआह"
कांता:पर बाबू ये गलत है,ये सही नही है ।
मैं:तुम जैसी रंडी के मुह से ये बाते अछि नही लगती।
(कांता थोड़ा चौक कर मुझे अइसी देखने लगी की उसे कुछ समझ नही आया हो।मेरा लण्ड तो पहले से ही उत्तेजित था।मैंने शॉर्ट निकाली और उसके पीछे से लण्ड घिसना चालू किया।)
मैं:अरि छिनाल अइसे भोली बन के मत देख।उस दिन जो चुत को चुदवा रही थी अपने भाई से अपनी रंडी मेमसाब के साथ मिलके उसके बारे में बता रहा हु।
(कांता की नजरे एकदम फैल गयी।शरीर में हड़कम्प मच गया।अपने बात को संभालने के लिए वो नाकाम कोशिशें करने लगी ।)
कांता:बाबूजी कुछ भी इल्जाम न लगाओ अपने कहा देखा क्या सबूत है उसका।
मैं:अच्छा जी चोर उल्टा कोतवाल को डांटे।ये देख मैं इन झंडों के फैमिली की पैदाइश नही हु।समझी।(मैने मोबाइल से सब फोटो सामने किये)देख रंडी छिनाल तेरी और तेरे रंडिया मेंम साहब की अय्याशी।अगर ज्यादा चुचा की तो इसका अल्बम नाना और शिवकरण चाचा के पास जाएगा।फिर तुम लोगो की जगह रंडी खाने में।
कांता:नही बाबू जी मैं हाथ जोड़ती हु।जान ले लेंगे ये लोग।
मैं:हाथ जोड़ के क्या करूँगा।सिर्फ चुत खुली रख और मुह बंद।ज्यादा गांड मराई तो भंडा फोड़ दूंगा।फिर न घर की न घाट की।
कांता:जो तुम कहो।बस किसीको बताना नही।जो चाहिए वो कर लो।
मैंने उसकी साड़ी को उपर किया उसको ओटे पे झुकाया।और चुत में लण्ड दाल के आहिस्ता चोदने लगा।
मैं:तेरा भाई आज से मुझे मेरे घरवालों के 100 मीटर के दायरे में नही दिखना चाहिए।
कांता:जी आआह आआह ठीक है आआह।
मैं:हम्म,,वैसे कितनी औरतो ने चुदवा लिया है उससे घर के।
कांता एकदम से चुप हो गयी।
मैन उसके खुली गांड पे छपाक से चमेट मार दी।
कांता:आह्हा बताती हु,सभी ने चुदवा के लिया है।तुम्हारी मा बडी मेमसाब छोटी मेमसाब ।कल छोटी मेमसाब का नंबर था।परसो आपकी मा और उससे पहले बड़ी मेमसाब।
मैं:माँ कैसे?
(मैं चौका भी था और गुस्सा भी आया।)
मैं:मा को आये सिर्फ 1 महीना हुआ है।ओ कैसे इस झमेले में आ गयी।(मैंने और एक फ़टका जड़ दिया गांड पे।)
कांता:आहुच आआह।सच बोलू तो दीदी(मेरी मा)और बड़ी मेमसाब(बडी मामी) को छोटी मामी ने इस झमेले में लाया।
वही उनको समझा के ये सब करवाई।
मैं:मुझे सच सच बता ये छोटी छिनाल का मसला क्या है?इतना घमंड किस बात का?कई अपनी बहु को भी तो नही चुदवाया?
(मैं अभी झड़ने वाला था बातों बातों में मैं अंदर ही झड़ गया। लन्ड को बाहर निकाल कांता के पल्लू से पोंछा और शॉर्ट पहन ली।उसने भी अपने कपड़े सही किये।)
कांता:नही चुदवाया।पर जरूरत पड़ेगी।
मैं:क्यो?भैया गे है क्या?
कांता:अरे नही पर स्पर्म उनका प्रभावी नही है।ये बात सबको नही मालूम।जब मेरे पति उनको लेके डॉक्टर के पास गए थे।तब रास्ते में उनकी बातों से पता चला।
मैं:पर ये छोटी छिनाल को मालूम हो गयी क्या?
कांता:नही अभी तक तो नही।इसलिए तो वो टूर पे रहते है।जिससे मा के सामने ज्यादा देर न रहे।
मैं:पर छोटी मामि चाहती क्या है?उनका बर्ताब बहोत अजीब है।
कांता: संपत्ति!!!! बडी मेमसाब और दीदी जी को इस खेल में फसा कर उनको जाल में फसाना चाहती थी।जिससे सब उसके कंट्रोल में आ जाए।आपके पिताजी का देहांत और बड़े साब(बड़े मामा)का बड़ी मेमसाब से कमजोर रिश्ता उसकी वजह से वो दोनो छोटी मेमसाब की जाल में फसी।अब कुछ दिन पहले तो संजू को भी जाल में ओढ़ रही थी।
(मैं मन में:तभी मैं सोचु संजू दीदी का पोर्न देखना इतना चुदासी होना।संजू दी से फेक अकाउंट से रोमांचक बातें करना फ़ोटो लेना।मतलब संजू दी आधी फस गयी थी।मैं देर से आता तो वो पूरी फस जाती)
मैं:और साली तूने भी उसमे साथ दिया है न?
कांता ने मुह नीचे कर लिया मैं सब समझ गया।
तभी संजू दी आ गयी।उन्हें भूख लगी थी।हम लोगो ने मिलके खाना खाया।शाम तक हमने दो बार अलग अलग तरह से चुदाई की।
रात के खाने के बाद मैं टेरेस पे था।तभी एक गाड़ी निचे आके रुकी।चारो औरते उससे बाहर निकली।छोटी मामी और उसकी बहु लड़खड़ा रहे थे।बड़ी मामी और मा ने उनको संभाला।नशे में धुत थी ओ।
[मैं मन में-बस हो गया रंडिया तेरा खेल आज से तेरा यार तेरे खेल में टांग भी डालेगा और लण्ड भी।अभीतक बहोत घटिया खेल खेली अभी घिनोना खेल देखेगी।तेरे दोनो मोहरे जो तेरे खेल के बहोत फायदे मन्द खिलाड़ी थे अब मेरे कब्जे में है।कांता तो मुह न खोलेगी।और अपना राज छुपाने के लिए भाई का बंदोबस्त खुद ही कर लेगी।एक पत्थर में दो शिकार।अभी तुम लोगो की चुदाई की मशीन मैं और मेरी तुम लोग।माँ यार माफ करना ,तेरे कारनामे सुनके अभी वो बची कूची फिलिंग भी चली गयी।अभी होगा ""वीरू दा शो"")
Season 2 End
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