Maa Sex Kahani माँ का मायका
06-16-2020, 01:26 PM,
#17
RE: Maa Sex Kahani माँ का मायका
(Episode 7 A)

नाना और मामा जी का खाना खत्म होने के बाद मैं घर वापस आया।किचन में जाके टिफिन रखा।वहां पे सिर्फ मा थी।हर वक्त की तरह मैं वहां से उनको नजरअंदाज करके जाने लगा।

.
◆वीरू की माँ-सुशीला उम्र 42 से 43 साल हाउसवाइफ
माँ:रुक वीरू मुझे तुमसे बात करनी है।

मैं:पर आपको किसने कहा मैं आपसे बात करना चाहता हु।

मा:मुझे किसी के अनुमति की जरूरत नही।मा हु तेरी ,ये हक है मेरा।

मैं:ओहो मैडम जी आप थोड़ी गलतफहमी में है।आप मेरी मा थी।आपने वो हक कब का खो दिया।अभी आप मेरे लिए सिर्फ मेरे नाना की बेटी हो बस।

मा:तुम उनको नाना इसलिए कहते हो क्योकि मेरे बेटे हो।

मा:यही तो मेरी और नाना की बदकिस्मती है की हमारा आपसे रिश्ता है,मैं तो कुछ रिश्ता नही रखना चाहता आपसे।और मुझे पूरा विश्वास है आपकी हरकत समझ जाने पर नाना भी रिश्ता नही रखेंगे।क्योकि जिसको रिश्ते की मर्यादा नही रखने आती ओ उसके लायक नही होता।

माँ:तुम थोड़ी हद पार कर रहे हो अइसे नही लगता।ये कुछ ज्यादा हो गया।

मैं:आप ये बात कर रही है,शोभा नही देता आपके मुह से।मैं सिर्फ बोला तो इतनी मिर्च लगी,कल मैंने जो देखा उससे मुझे कितना बुरा लगा होगा ये नही सोचा आपने।

मा:पर मेरी बात तो पूरी सुन लो।

मैं:छोड़ो यार घर में आते ही दिमाग मत खराब करो।

तभी बड़ी मामी आती है।

बड़ी मामी:अरे आ गया मेरा बेटा।भूख लगी है तो कुछ खा लेना।

मैं:जी मामी जी।

मैं वहां से अपने कमरे की ओर निकल गया।

मा(रोते हुए):देखा दी आपसे कितनी प्यार से पेश आता है।मुझसे तो अइसे बात करता है जैसे मैं इसकी कुछ हु ही नही।एकदम से अजनबी बना दिया मुझे।

बड़ी मा थोड़ा सोच कर:तुम एक काम क्यो नही करती तुम्हारी जेठानी(पति के बड़े भाई की बिवि)को उसे समझाने को क्यों नही बोलती।आप दोनो के साथ बचपन से रहा है।अगर आपसे रूठा है तो उनकी बात जरूर मानेगा।

माँ:ये बात तो मेरे जहन में आयी ही नही!!!पर दीदी(गांव की चाची)को कैसे मेरी बात बता दु।वो भी गुस्सा हो गयी तो।और फोन पे भी सही से बात नही होगी।

बड़ी मामी:वो भी है,एक काम करते है उनको यही बुला लेते है। आप उनको इत्तिलाह कर देना।

मा:ठीक है।पर वो पेट से है।

बड़ी मामी:कोई नही।ये घर आ जाने के बाद शिवकरण को भेज दूंगी आपके घर वो उनको लेके आ जाएगा।

माँ:ठीक है कोई बात नही।

मा गांव की चाची को कॉल करके बता देती है की उनको शिवकरण लेने आएगा रात को।बाकी कारण जो भी है यहां आने के बाद सही से बता देंगी।

मेरे रूम में-

मैं रूम में आकर बाथरूम में फ्रेश होने गया।जैसे ही बाहर आया,सामने संजू और भाभी खड़ी थी।
संजू मुझे डांटते हुए:कहा मर गए थे,गायब रहते हो।शहर की हवा लग गयी क्या।

मैं:अरे हा हा शांत हो जाओ।क्या हुआ इतनी याद आ रही है।

सिद्धि भाभी:अरे फैमिली रीयूनियन फंक्शन होगा न इस संडे उसकी शॉपिंग करनी है 2 दिन बचे है।तुम्हारे लिए कपड़े लाये है।ट्राय कर लो।

मैं:ठीक है,आप रखो मैं चेक कर लूंगा।

संजू:नही अभी देखो मुझे भी पता चलना चाहिए की मेरी पसंद मेरे भाई से मिलती है या नही।

मैं:संजू दी मैंने कहा ना मैं बाद में चेक कर लूंगा।

मेरी आवाज थोड़ी गुस्सेवाली थी।संजू को वो अछि नही लगी,वो भी पैर पटके वहां से चली गयी।

सिद्धि भाभी:क्या बात है वीरू,इतना गुस्से में क्यो हो?

मैं:कुछ नही भाभी अयसेही ,बिना वजह जिद करती है दी।समझाओ न उसे।

सिद्धि भाभी:मैं तो समझा दूंगी उसे,पर बात वो नही है।बात कुछ और है।बहोत दिनों से घर के बाहर हो,और दिनभर गुस्से में रहते हो।क्या हुआ बताओगे नही अपनी भाभीको।

मैं:सच में अइसी कोई खास बात नही है भाभी।

सिद्धि भाभी:अच्छा जी अभी अपने भाभी से बात छुपाने लगे हो आप।ठीक है नही भरोसा तो छोड़ दो।

भाभी का ताना मुझे सहन नही हुआ।

मैं:भाभी आप संजू या आपकी सास को नही बताओगी ये बात।

सिद्धि भाभी:नही बाबा नही बताऊंगी।

मैंने सारा मामला उनको बता दिया।पर उनके सास मतलब छोटी मामी का छोड़ के सब।

सिद्धि भाभी:और कहते हो कुछ खास नही।ये तुम्हारी और तुम्हारे मा के बीच की बात है इसलिए मैं कुछ नही बोलूंगी।पर उसको इतना भी दिमाग पे मत लो,बाद में तुम्हे ही नतीजा भुगतना पड़ेगा।और ये कपड़े देख लो पसंद नही आये तो बता देना।और संजू को मैं समझा दूंगी।चिंता मत करो।

मैं:थैंक यु भाभी।

भाभी मुस्कराके वहां से चली गयी।

मैंने उनके दिए कपड़े ट्राय कर लिए।मुझे अच्छे लगे।मैंने वैसे उनको बता दिया।रात को खाने के बाद मैं अपने रूम में के बेड पे लेटा था।आज और एक बात मेरे कानो में पड़ी थी वो"फैमिली रीयूनियन"।बचपन से ही 4 लोगो के बीच का मेरा जीवन,अइसे फेस्टिवल कभी मनाए नही,बोलू तो कभी अइसी नौबत ही नही आई।

वही सोचते सोचते मुझे नींद सी आ गयी।रात को करीब करीब 12 से 1 बजे मुझे महसूस हुआ की मैं किसी को लिपटा हुआ सोया हु।पहले मुझे आभास लगा पर जब बाल मेरे नाक में जाके मैं जोर से छींका तब मुझे पक्का हो गया की कोई तो है।मैंने साइड वाला बेड लैंप लगाया तो मुझे पता चला की संजू सोई है।

मैं जैसे"अच्छा संजू सोई है "अइसे सोचते हुए फिरसे सो गया।
पर कुछ ही सेकंड में मुझे करन्ट सा लगा"क्या मेरे साइड में संजू वो भी रात के 12 बजे।क्या पागल है ये लड़की।"

मैने उसको जगाया।

मैं:अरे संजू दी पगला गयी हो क्या,कोई देखेगा तो मेरी तो पिटाई हो जाएगी।प्लीज जाओ यहाँ से।

संजू दी मेरे मुह पे हाथ रखते हुए:शु शु शुऊऊऊ!!!!!!शांत हो जाओ चिल्लाओ मत,कुछ नही होगा।

मैं धीमे:पर आप इतनी रात यहां क्या कर रही हो?

संजू:अरे यार मुझे बहोत बुरा फील हो रहा था और बेचैनी भी थी।बुरा इसलिए की शाम को तुम परेशान थे तब तुमको खामखा तंग कर दिया।और मुझे नींद भी नही आ रही थी।(उसने मुझे नॉटी स्माइल दी।)

मैं:अरे यार संजू दी डरा दिया यार।मैंने राहत की सास छोड़ी और बेड पे लेट गया।

संजू दी मेरे ऊपर चढ़ के बैठ गयी और मुझे चूमने लगी।पर मेरा कुछ मुड़ नही था।

मैं:दीदी आज मुड़ खराब है।आज नही।

पर दीदी कुछ मानने को तैयार नही थी।मैं भी ज्यादा नखरे नही किये,क्योकि भाभी की बात मुझे सही लगी,किसी एक का गुस्सा सबके ऊपर दिखाऊंगा तो मुझे ही भारी पड़ेगा।

मैंने भी उनको ओंठ चूमते हुए साथ देने लगा।वो खुद भी नंगी हुई और मुझे भी नंगा कर दिया।और 69 पोसिशन पकड़ ली।
.

मेरे लण्ड को चूस रही थी।चाट रही थी।मैं उनके चुत को चाट रहा था।

लण्ड चाटते हुए बोली:आजकल आइस्क्रीम कैंडी से तो ज्यादा तेरा लण्ड पसंद है मुझे।(मेरे लण्ड के टोपे पर जीभ घुमाते हुए)

मैं:अच्छा पर उसको कैंडी की तरह खा मत जाना

(दोनो हसने लगे।)

मैंने उसको थोड़ा आगे होने को बोला जिससे उसके गांड का छेद मुझे चाटने को मिले।गांड अभी तक मारी नही थी तो उसका छेद बहुत छोटा था।मुझे उसे चाटने में मजा आ रहा था।

संजू:यार वीरू मत करो बहोत अजीब फील हो रहा है,आआह आआह उम्म आआह उम्मम।"

उसने सीधे होकर मेरे लन्ड पर चुत को घिसाया थोड़ी देर और फिर अंदर डालके घुमाने लगी'"आआह आआह उम्म"

अभी उसकी गांड उछलने लगी।
.

संजू:आआह वीरू गार्डन के सिसो से भी तेरे लण्ड के ऊपर से ऊपर नीचे होने का मजा कुछ अलग है आआह आआह"

मैंने भी नीचे से गांड उठा कर धक्के ठोकना चालू किया।

मैं:अभी कैसे लग रहा है।

संजू:आआह ये तो गजब है आआह उम्म"

उसने लण्ड को बाहर निकाला हाथ से मसला और फिर चुत में डाल के उपर नीचे होने लगी।

"आआह आआह उम्मम वीरू तेरे लण्ड की दीवानी हो गयी आआह चोद दे मेरी चुत आआह आआह"

.

अपने चुचे मेरे मुह में रख दिए।उछलने की वजह से पीर मुह में आ नही रहे थे।मैं बस निप्पल्स को खींच पा रहा था।

वो "आआह साले पूरा मुह में ले।मसल दे।"

मैंने हाथ से चुचे मसलने शुरू किये।

संजू:वीरू जोर से मसल,मा के लौंडे बहनचोद और जोर से लण्ड को और जोर से ठोक फुद्दी में और जोर से आआह रंडी के और जोर से कहा लन्ड है तेरा चोद मुझे रंडी की तरह आआह,।

मुझे उनकी भाषा का आश्चर्य सा नही लगा।क्योकि मुझे मालूम था की ये दिनभर पोर्न में डूबी रहती है।और भाषा का प्रभाव देख मालूम पड़ रहा है की इंडियन दिए चुदाई देख रही है।

ओ मेरे ओंठो को चूमने लगी।उनकी थूक की मिठास बहुत स्वादिष्ट थी।उनके कोमल होंठ से सारा अंग रोमांचित हो रहा था।

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मैंने उनको पकड़ा जोर से कस के और निचे से लन्ड के जोर के धक्के देने लगा क्योकि मेरा झड़ने को था और मुझे उनको भी झडाना था।

करीब 15 मिंनट के बाद वो झड़ी मैं भी लण्ड निकाल के रस छोड़ दिया।उसने उसे चाट के खाया।

संजू:तुम पागल हो अमृत कोई अइसे बर्बाद करता है क्या(वो लण्डसे निकली एक एक बून्द चाट के निगल गयी।)
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(मैं मन में-पूरी पगला गयी है ये लड़कि और खुद ही मुस्कराने लगा।)

हम रात भर जब तक नींद न आ जाए एक दुसरे के ओंठो का रस चखते रहे।वो तो अभी सेक्स में इतना आगे बढ़ गयी थी की पोर्नस्टार को भी हरा दे।

सुबह मेरी जल्दी नींद खुली।चद्दर लपेटे एक हाथ में कपड़े लिए मैंने दीदी को उनके कमरे में छोड़ दिया।सुबह के 6 बजे थे तो कोई उठता भी नही उस टाइम।

मैं फिरसे सोया वो नाश्ते के टाइम पे ही उठा।

नाना नाश्ते के वक्त:वीरू आज हमारे साथ चलना अभी।खाना शिवकरण लेके आएगा,ठीक है।जबसे तुम फेक्ट्री गए हो।काम जल्दी औऱ नियम से हो रहा है।

दोनो मामा भी उस बात पे सहमत थे।ये सुन के बड़ी मामी भी खुश हुई।

बड़ी मामी:फिर क्या आईडिया किसकी थी,मुझे भी कोई शाबाशी दो,ये भला कौनसी बात हुई।

सब हसने लगे।नाना जी हस्ते हुए:हा हा,इसलिए तो घर की जिम्मेदारी तुम पर छोड़ी है ,तुम हो ही काबिल,और शाबाशी की हकदार भी।

"इसलिए इसलिए तो घर की जिम्मेदारी तुम पर छोड़ी है ,तुम हो ही काबिल"ये बात जरूर छोटी मामी को ताना मारने के लिए बोली गयी थी।पर नाना जी ने बोली है तो पलट जवाब नही दे पाई।

मैं और नाना,मामा आफिस निकल गए।बाकी तो आफिस चले गए।मैं फैक्टी के पास जाने लगा।

(पूरे आफिस और फैक्टी के मिलके 3 पार्ट थे।एक मैन आफिस जहा मामा नाना और उनके खास लोग बैठते थे जिनकी नाना और मामा लोगो को हर वक्त जरूरत पड़े।
फिर अति है दूसरी बिल्डिंग जो मैन ऑफिस से लगके थी करीब 50 फिट दूर होगी जिसमे बाकी स्टाफ और मैनेजमेंट के लोग और गेस्ट रूम्स थे।फ़ीर उसके बाद 200 मीटर करीब फेक्ट्री थी)
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RE: Maa Sex Kahani माँ का मायका - by desiaks - 06-16-2020, 01:26 PM

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