Maa Sex Kahani माँ का मायका
06-16-2020, 01:26 PM,
#24
RE: Maa Sex Kahani माँ का मायका
(Episode 5)

समय शाम के 4 बजे

मैंने सियाराम को रात को खाना लाने बोला।वहाँ से बैडरूम में आ गया।

माँ:वीरू तू क्या करने वाला है।देख ये आखरी गलती समझ कर माफ करदे।

मैं:पिछली वाली भी आखरी ही थी।

मा:अरे तुझे भी मालूम है की मैं छोटे भैया के बहकावे में आ गयी थी।प्लीज मुझे माफ कर दे।

वहाँ बैडरूम में चाकू गिरा था,मैंने उसे उठाया।मा की तो बत्ती गुल हो गयी।
वो चीख के रो रही थी:अरे ये क्या कर रहा है,पागल हो रहा है।मा हु मैं तेरी,भला कोई अइसा करता है अपनी मा के साथ।

मैं:ये रंडी चुप बैठ(चाकू बाल्कनी से बाहर नीचे फेक दिया)तेरे पे भरोसा नही कहि हाथ लगा तो घुसा देगी।और तू बोल ही मत की तू मा है मेरी,कोई भला बेटे को मारने की बात करता है।

मा:देख वीरू बहोत देर हो गयी है।बड़ी भाभी राह देख रही होगी।हम जो भी बात है घर पे करते है।

मैं:अरे रंडी घर पे सहेली के शादी का बहाना करके यहाँ यार से चुदवाने आयी थी।और डर लग रहा है की कहि तुझे भगवान को प्यारा न करदु।पर डर मत इतनी आसानी से तुझे मुक्ति नही मिलेगी।कलंक है तू मा के नाम पर तू।

मा:मुझे माफ कर दे वीरू।सच में माफ करदे ।आगे से मेरे से गलती नही होगी।बक्श से तेरी मा को।(मेरे पैर पर गिरी)

मैं:अरे क्या चल क्या रहा है,गलती करो पैर पे गिरो।अभी तो डर लग रहा है कहि कुछ कर न दो।हट यहाँ से।

मा के बालो को पकड़ के उनको बेड पे धकेला।

मैं(कपड़े उतारते हुए):तेरी चुत में बहोत खुजली है,सब जगह मुह काला करती फिरती है,मैं भी देख लू तेरी खुजली वाला कीड़ा।

माँ:तू मुझे चोदेगा....!!?

मैं:सिर्फ चोदूंगा नही,उछल उछल के पेलूँगा,चल कपड़े उतार।

माँ अपने कपड़े उतार देती है।मैं बेड के पास जाकर खड़ा हो जाता हु।मा मेरे लण्ड को ताकती रहती है।उसकी नजर ही नही हट रही थी।

मैं(लण्ड सहलाते हुए):क्यो रंडी पानी आ रहा है मुह में,ले चूस।

मा बेड पे घोड़ी बनके मेरे लन्ड के पास आती है।पास से लण्ड को निहारती है और थोड़ा सहलाक़े मुह में ले लेती है। वैसे भी पहली बार नही था,इससे पहले भी उसने मुझसे चुदवा के लिया था।पर आज अकेली थी।

.

मा लन्ड के टोपे को चाट रही थी।उसपर जीभ घुमा रही थी।पूरी हवस की रोगी हो गयी थी।उसने जरा भी शर्म नही की की फिरसे बेटे से चुदवा रही है।वो लन्ड हाथ में लेके लन्ड के टॉपे से लेके अंडों तक चाटती हुई जीभ घुमा रही थी।उसने लन्ड को पूरा मुह के अंदर लिया और चुदने लगी।मैं भी गांड आगे पीछे कर उसे साथ देते हुए लन्ड अंदर बाहर कर रहा था।कुछ देर अइसे ही चुसम चुसाई चालू रही।सुबह झड गया तो इस वक्त थोड़ा समय लगने वाला था झड़ने में।

मैं बेड पे लेट गया ये मेरे उपर आयी।वो मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी।मेरे छाती को चूमने लगी।मेरे निप्पल के ऊपर जीभ घूमना उसे मसलना चालू कर दी जिससे मैं और उत्तेजित हुआ,मैंने उसका सर पकड़ा और ओंठो को चुसना चालू किया।ओ भी मुझे साथ दे रही थी।उसने मेरा सर पकड़ कर मेरे ओंठ चुसना चालू किये।वो मेरी जीभ मुह में लेके चुसने लगी।अपनी थूक और मेरी थूक मिलाके उसे घुलने लगी और जीभ चुसने लगी।मेरे ओंठो पर जीभ घुमा रही थी।अपनी जीभ मेरे मुह में दे रही थी और मैं भी उसको मुह में लेके चूस रहा था।

मैंने उसके चुचे पकड़ लिए और उसे रगड़ना मसलना चालू किया।उसके निप्पल्स नोच रहा था।ओ सिर्फ सिसकी छोड़ी जा रही थी,"आआह आउच्च धीरे आआह आआह उम्म"

मा ने अपने चुचे मेरे मुह में दबा दिए।मैं एक एक कर दोनो चुचो को चुसने लगा।मा ने नीचे से चुत में लण्ड को घिसड दिया था।मेरे लन्ड को अपने चुत के अंदर घुमाकर घिसा रही थी।फिर आहिस्ता आहिस्ता उछलने लगी।

.

"आआह उम्म आआह साली चुत आआह आआह आआह उम्म ओओओ फक आआह आआह उम्ममैई आआह मर गयी"

वो आहिस्ता आहिस्ता अपना उछलने का स्पीड बढ़ रहा था।मेरा लन्ड पूरा लोहा बन गया था।वो औरत कितनी भी चुदासी क्यो न हो उम्र उसको धोका दे ही देती है।यहां पर भी अइसा ही हुआ।पहले छोटे लत्तेपट्टे लण्ड से उनको इतनी मशगत नही होती थी पिछली बार भी ओ थक गयी थी और इस बार भी।तो मैन उनकी गांड को कस के पकड़ के नीचे से जोरदार धक्के लगाना चालू किया।

.

"आआह आआह वीरू आहिस्ता आआह दर्द हो रहा है आआह धीरे आआह हाये अम्मा आआह उफ्फ अरे रंडी के धीरे आआह अरे भोसडाआआह बना येगा क्या आआह उफ़ आआह आउच्च आआह उम्म सीईई आआह"

मैं:हा हु मै रंडी का बच्चा साली तू तो रंडी ही बन गयी है।

माँ झड गयी थी।पर मेरा बाकी था।मै झड़ने तक उसकी चुत में लण्ड पेलता रहा।वो मेरे छाती पे निढाल पड़ी रही।वो थक गयी थी।जैसे ही मै झड़ने वाला था।उसको बाजू में पीठ के बल सुलाया और मुह में गाढ़े लण्ड रस को छोड़ दिया।और मुह दबा दिया।

मै:साली रंडी चल निगल(उसने चुपचाप निगल लिया।)

कुछ देर दोनो बेड पे ही पड़े रहे।आधे घंटे के बाद मैंने फिरसे अपने लण्ड को सहलाना चालू किया।मा मेरी तरफ पीठ करके सोई थी।मै थोड़ा नीचे खसका उनकके पैर को थोड़ा ऊपर पकड़ के पीछे से चुत में लण्ड लगाया।और धक्का दे दिया।

मा अचानक हुए हमले से तिलमिला उठी"आआह है दैया,लल्ला धीरे आआह"

मैंने ऊपर से हाथ डाला चुचे कर लिए और धपधप धक्के मारने लगा।

.

मा"आआह आआह अय्या यह उम्मम उम्म ललाल आआह वीरू रुरु आआह अहा धीरे से बेटा आआह उम्म आआह आआह,उम्मम"

मैं:बहोत गर्मी है तेरे चुत में आज निकाल ही दूंगा।

मा:अरे सच में मै भैया के बहकावे में आआह आआह आयी आआह मुझे मेरी गलती का सच में अफसोस है आआह आआह उम्म,"

मै:पर तुम्हे अपने ही बेटे को मारने की सूझी कैसे ,बोल रंडी बोल आआह"

मैं निप्पल्स को दो उंगलियोंसे निचोड़ने लगा।मसलने लगा।

मा:आआह वीरू आराम से आआह उम्म,मै कैसे बताऊ आआह उफ आआह उम्म"

मा फिरसे झड गयी।मैंने भी लन्ड को बाहर निकाल के उसके पूरे शरीर पे फैला दिया मेरा लन्ड का रस।

मै:और क्या छुपाया है,मुझे बताओ,इस घर में बहोत खिचड़ी पक रही है(मैन उनके गांड पे चपेट चढ़ा दी)

मा:वो वो बात ये है की।

मैSadउसकी चुत में उंगली डाल के कस के अंदर दबा दी)ज्यादा सस्पेंस मत डाल तुम लोगो की वजह से अभी सहनशक्ति नही बची मेरे में।

मा:मै आआह तुम्हारी जन्म देने वाली मा नही हुआआह,हलाखी मैन बचपन से तुम्हे बढ़ा किया है।

मैं एकदम शॉक में।मेरे हाथ पैर ठंडे पड़ गए।

मै:क्या,ये मजाक करने का वक्त नही है!!!

मा:पर ये सच है।तुम बड़े चाचा के पहले बीवी के लड़के हो।जब तुम्हारे बड़े चाचा की पहली बीवी गुजर गयी और उनकी दूसरी शादी करनी थी पर तेरी अभी की चाची के घरवालों को पता नही चलने देना था की उनका कोई बेटा है।और हमे भी बच्चा नही हो रहा था।हमने टेस्ट किया तो प्रॉब्लम मुझ में ही था।तो तुम्हारे पिता ने तुम्हे बड़े चाचा से गोद लिया।मैने भी मना नही किया।हम दोनो जानते थे की बच्चा नही होगा तो पिताजी हमे घर में नही लेंगे और जायदाद भी मुझे नही मिलेगी।

मै:अच्छा तो इसलिए तुझे मेरे जान की परवाह नही,पर साली इंसानियत भी नही क्या,अइसे किसी को मरवा देगी।

मा धीमी आवाज में:पैसा इंसानियत नही देखता बेटा इस लिए बहक गयी।

मैने गांड पे फिरसे चपेट मारी(मा"आआह दर्द होता है।)साली बेशर्म ,कुछ शर्म बचाये रखी या नही।जब जायदाद तुझे नही मिलेगी ये जानकर मुझे मारने आयी।साली रंडिया!!

मा:मै सच में शर्मिंदा हु,जब मुझे जायदाद का पता चला तभी मुझे भैया के प्लान का मालूम पड़ा।और इसीलिए कान्ता से पता लेके असलियत जानने के लिए यहां आयी।

मैने उसको पट के बल सुलाया।और उसके ऊपर चढ़ गया।अपना लण्ड उसके हाथ में देके:चल हिला कर खड़ा कर इसको।

उसने लन्ड को मसलना चालू किया।

मै:तूने जन्म नही दिया पर बड़ा तो किया,एक बार बोल देती सारी जायदाद नही देता तुझे।तेरे लिए मै गोद लिया था पर तू तो मेरे लिए मेरे सगी मा जैसी थी।कुछ भी हक से मांग लेता दे दिया होता।

मा:अब मै किस मुह से माफी मांग,कभी मुझे इतना जलील ना कर,अब मुझे और तुझे भी मालूम है की जायदाद का क्या हुआ है,अभी मै जो तू बोलेगा वही करूंगी।

मैने उनकी मुह को दबोचा:इस बार सच बोल रही है न।

मा:सच में ,अभी मै सिर्फ तेरी हु,तू जैसे भी रख,मा बनाके या रंडिया बनाके।

मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।उसके चुत में ठुसाके धक्का मार दिया।पर इसबार मा के चीख में कुछ अलग सा अंदाज देखा,पहले धक्के देता तो वो तिलमिला रही थी पर अब वो मजे ले रही थी।

.

मै चुत में धक्के पेलने लगा।उसने मुझे नीचे खींचा और मेरे ओंठो से रसपान करने लगी।

"आआह वीरू चोद तेरी रंडी को आआह डाल पूरा अंदर डाल आआह और जोर से आआह उम्म।

मैंने उसके चुचे मसल दिए।

मा:अरे निचोड़ आआह पूरे हाथ में कस के निचो ओओओ आआह निचोड़ मेरे सैया चोद दे तेरी रंडिया रानी को आआह उफ आआह उम्म"

मै आवाजो से उत्तेजित हो रहा था।उसके चुत ने पानी छोड़ दिया था।लण्ड के धक्कों से चुत से "पच पच पच्छ " की आवाजे आने लगी।जैसे ही मुझे लगा मेरा लण्ड पानी छोड़ने वाला है,मैने उसे बाहर निकाला और मा के पूरे शरीर पे फैला दिया।
.

.

मा शरीर पे फैला पूरा गाढ़ा रस शहद की तरह उंगली से ले लेकर चाटके खा रही थी।मै मैन में-पक्की रंडी है साली,सच में ये मा नही हो सकती,और जायदाद नही चुदाई इसकी कमजोरी है,और उसके चुदाई पर रोक लगाया इसलिए वो मामा के प्लान में फसी,मतलब मै ही अपने ऊपर सब मुसीबत खींच लिया।

मैंने प्यार से मा के ओंठो को चुम्मी दे दी और मुस्कुरा दिया।

मा:तूने मुझे माफ कर दिया आ।

(मै थोड़ा रुकते हुए सोचा-ये तो लन्ड की प्यासी है अभी जायदाद तो वैसे भी नहो मिलने वाली,इसको डर दिखाके अभी कोई मतलब नही।)

मै:हा कर दिया माफ।पर फिरसे गलती नही होनी चाहिए।

मा ने मुझे गले लगाना चाहा।मैन उसे रोक दिया।

मै:रुको पहले खुद को साफ करलो।जाओ!!!

मा बाथरूम में खुद को साफ करने चली गयी।मै भी पीछे चला गया।मा शावर के नीचे खड़ी हो गयी।मै भी पीछे जाके उनसे चिपक गया।और गर्दन पे चुम लिया।मा:"अह सीईई म"

उसके पूरे बदन पे शैम्पू डाल दिया।उनके कंधे फिर बाजू फिर उनके चुचो को मसलने लगा।शैम्पू पूरा गांड की छेद को पार कर जमीन तक गया था।उसके पीछे से उसकी गांड की छेद पर उंगली डाल दी।

"आआह उऑच आआह"

उनको मेरी तरफ घुमाया।उनके ओंठो को चुम लिया,फिर उन्होंने भी मुझे चूमा।उनके ओंठो को मुह में लेके चुसने लगा।उसने मेरे गर्दन को कस के पकड़ लिया।उसके ओंठो के रस से मन पूरा मंत्रमुग्ध हो गया।उसके जीभ को मुह में लेके चुसने लगा।मैन नीचे हाथ सरकाया।ठंडे शावर में भी उसके चुत में गर्मी थी।मैने उसको मसलने लगा उसके चुत को हाथो से रगड़ने लगा।

उसके चुत में लण्ड सट के घुसाया और उसे दोनो पैर ऊपर करके कमर पे बिठाया।उसके ओंठो का रस चूस ही रहा तक,अभी लण्ड चुत का भी रस चुसने लगा।मैने धीरे धीरे उसे ऊपर नीचे और मेरी गांड को आगे पीछे करके उसकी चुत चोदने लगा।

मा-
"आआह मजा आ रहा है वीरू आआह भडवो से चुत आआह मरवा रही थी अभी तक इतना तगड़ा लण्ड साथ होते हुए भी आआह उम्म,काश तेरे बाप की जगह तेरे चाचा से चुदवा लेती,पर छोडो ओ नही उसका बेटा सही,आआह और जोर से"

मा मेरे ओंठ कस के चूस रही थी।मैं उसको जोर से धक्के देने लगा।आज तो वो और मै पूरा मजा लेने वाले थे।मैई बेसिंग के ओटे को लग के खड़ा हो गया।एयर उसकी गांड पकड़ के जोर जोर से लन्ड पे पटकने लगा।करीब 15 मिनिट बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया।और मैंने भी उनके ही चुत में अपना पानी छोड़ दिया।
.

उन्होंने मेरे आंखों में देखा और वो शरमाई और मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी।मैंने उन्हें ओटे पर पिट के बल बैठाया।और एक जरूरी चीज ढूंढने लगा।

मा:क्या ढूंढ रहा है।

मै:रुको बताता हु।

मुझे मेरी जरूरी चीज ऊपर वाले स्टैंडिंग अलमारी में मिल जाती है।

मा की आंखे चौड़ी हो जाती है:तू सच में मेरी गांड मारेगा।

मैने शैतानी वाली स्माइल दी।
मा:पर मैने कभी गांड नही मारी।

मै:तो फिर तेरे नए सैया से मरवा ले।कर टांगे ऊपर।

मा:जी सैया जी पर धीमे और प्यार से आपकी सजनी नई है इस खेल में।

उसके पैर ऊपर किये।वैसलीन उनकी गांड की छेद पे रगड़ा।एक उंगली अंदर घुसेड़ी।

मा"आआह अम्मा अरे लल्ला धीरे दर्द हो रहा है।

मैन रुकके दो उंगली डाल दी तो गांड फैल गयी।अभी थोड़ा वैसलीन लन्ड पे रगड़ा।और टोपा थोड़ा गांड की छेद में लगाया।

मा:वीरू आहिस्ता प्यार से ज्यादा दर्द बर्दाश न होगा मुझसे।

मैंने थोड़ा लण्ड अंदर धकेला।

मा:आआह आउच्च उम्म वीरू धीरे आआह दुख रहा है।
मैन थोड़ा और जोर लगाया पर वैसलीन की वजह से अंदाज से ज्यादा लण्ड अंदर गया।

मा:आआह वेररू आआह निकाल आआह उम्म दर्द हो रहा है आआह गांड फ़टी आआह दैया आआह अऊऊऊ आह"

मैने मा की चुचो को मसलना चालू किया पर उनका दर्द कम नही हुआ।फिर मैने मेरी उंगली उनके मुह में डाली।ओ उसे लण्ड की तरह चुसने लगी।मै लन्ड बाहर नही निकाल सकता था इसलिए मैंने सारे नुस्खे आजमाए और उँगलिवाला कामयाब हुआ।

वो उंगलियो को चुसने में मगन हुई वैसे मैने आहिस्ता आहिस्ता लण्ड गांड में आगे पीछे करना चालू किया।वैसलीन की वजह से जल्दी ही लन्ड आसानी से आगे पीछे होने लगा।और जैसे मुझे उसका कन्फर्म हुआ मैंने जोर से धक्के देना चालू किया।धक्के और दर्द से उन्होंने मेरे उंगली ओ को काट दिया ।उंगलियां कस के दांतो में दबोची।मुझे दर्द हुआ पर मै रुका नही।थोड़ी देर बाद मेरे उंगली को उन्होंने छोड़ा मतलब वो भी अभी सेट हो गयी।और "आआह उम्म "करने लगी,उसमे दर्द नही था।

मै जोर से धक्के देना चालू किया।

.

मा:आआह आआह आआह आआह आआह वीरू बहोत मस्त लग रहा है आआह आआह उफ औ उफ्फ और जोर से मार गांड फाड़ दे आआह आआह उफ और अन्दर दाल आआह"

करीब 20 मिनिट बाद मै झड गया।दोनो बैडरूम में आ गए।

रात 10 बजे

सियाराम खाना लेके आया।हम खाना खाके।बेडपर एक दुसरे को लिप्त लिपट कर हुए थे।

मा:वीरू सच में मै पागल थी की तुझसे अइसे बर्ताव किया।(उसने गाल पर चुम्मा दिया)सौतेला ही सही तगड़ा बेटा मिला आई।चुत की खुजली बुझाने वाला घर में होते हुए बाहर मुह मार रही थी,क्या पगली थी मैई,पर आज से तुहि मेरी प्यास बुझायेगा।बुझायेगा न?

मै:फिर जरूर मेरा लण्ड को तेरे चुत बहुत पसन्द है।और गांड भी।

मा:पर गांड हप्ते में एक बार।बहोत दर्द होता है।

मै हास् के उसके ओंठो को मुह में लेके चुसने लगा।रातभर हमने दिलछोंक कर रात भर चुदाई की।सुबह मा वहां से घर चली गयी मैई ऑफिस चला गया।

ये मत समझो दोस्तो की माँ मेरे निशाने से बाहर है पर दुश्मन इसको बहला सकता है वो सौतेली हुई भी तो मेरे लिए सगी है।ये आखरी मौका दिया है बस अगर अभी नही मानी तो सजाए मौत भी मिल जाएगी।कितना भी कमीना हु पर बेटा हु सौतेला ही सही।इंसान को 3 चांस देने चाहिये दे दिये अभी कोटा खत्म अभी आर या पार।पहले बाकियो को निपटा लू ,मा तो प्यादा थी वजीर और रानी को निपटना जरूरी है।माँ चुत की प्यासी है उसे वो मिल गया बस।पर वो जायदाद के आधीन है कुछ भी कभी भी कर सकते है।उनको निपटना जरूरी है अगर जिना है तो।
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RE: Maa Sex Kahani माँ का मायका - by desiaks - 06-16-2020, 01:26 PM

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