RE: Chodan Kahani कल्पना की उड़ान
मेरे द्वारा उसकी चूत में इस तरह सहलाने के कारण सायरा को भी अपनी टांगों को फैलाने में मजबूर कर दिया। मेरे हाथ अभी तक सायरा के चूत को ऊपर ही ऊपर सहला रहे थे, सायरा के टांगों को फैलाने के कारण अब उंगली भी अन्दर जाने लगी।
सायरा ने मेरे दूसरे हाथ को पकड़ा और अपने चूची पर रख दी। अब मेरे दोनों हाथ व्यस्त हो चुके थे। एक हाथ चूत की सेवा कर रहा था तो दूसरा हाथ उसकी चूची की! इसके अलावा मेरे होंठ और दांत उसकी गर्दन और कान की सेवा कर रहे थे।
सायरा ने भी मेरे हाथों को पकड़ रखा था।
कुछ देर बाद सायरा बोली- पापा, एक बार फिर खुजली शुरू हो चुकी है।
मैंने सायरा को लेटाया और लंड चूत के अन्दर पेवस्त कर दिया। हालाँकि इस बार भी थोड़ा ताकत लगानी पड़ी, पर पहले से अराम से मेरा लौड़ा अन्दर जा चुका था।
सायरा ने अपनी टांगें और चौड़ी कर ली। मैं पोजिशन लेकर चूत चोद रहा था और सायरा का जिस्म हिल रहा था।
इस बार मैं सायरा को और मजा देना चाहता था, इसलिये मैंने अपने लंड को बाहर निकाला, सायरा की टांगें हवा में उठायी और फिर लंड को चूत के मुहाने में रख कर अन्दर डाला लेकिन इस पोजिशन से उसकी चूत थोड़ी और टाईट हो गयी और सायरा को एक बार फिर दर्द का अहसास हुआ।
इस पोजिशन की चुदाई से मुझे भी बहुत मजा आ रहा था लेकिन एक बार फिर मैं थकने लगा। इस बार मैंने नीचे होकर सायरा को अपने ऊपर ले लिया और लंड को सायरा की चूत के अन्दर पेल दिया।
थोड़ी देर तक मैं अपनी कमर को उठा-उठाकर सायरा को चोद रहा था, फिर सायरा खुद ही वो सीधी होकर उछालें मार रही थी।
काफी देर हो चुकी थी और अब मेरा निकलने वाला था. इधर मेरी बहू मेरे लंड पर बैठ कर लगातार उछाले मारे जा रही थी, बीच-बीच में अपनी कमर को गोल-गोल घुमाते हुए मुझे चोद रही थी।
तभी सायरा चीखी- पापा, मेरा दूसरी बार निकलने वाला है!
“मुझे चोदती रहो सायरा बेटी … मेरा लंड भी पिचकारी छोड़ने वाला है।”
मेरे कहते ही दूसरे पल मेरी पिचकारी छुट गयी और साथ ही सायरा भी मेरे ऊपर धड़ाम से गिर पड़ी। फिर अपनी सांसों पर काबू पाने के बाद मुझसे अलग हुई।
“सायरा, इस बार भी मजा आया न?”
“हाँ पापा, आपने इस बार भी मेरी भूख को शांत कर दिया।”
थोड़ी देर तक तो हम दोनों के बीच खामोशी रही।
फिर कुछ देर बाद मैं बोला- सायरा!
“हाँ पापा?”
“सारी मर्यादा हम दोनों के बीच की टूट चुकी है।”
“हाँ पापा! लेकिन पापा, जो भी मर्यादा, सीमाएँ हैं वो हमारे और आपके जिस्म जब बिस्तर पर मिलेंगे तब ही टूटेंगी, बाकी कभी भी आपकी इस बहू बेटी से आपको कभी भी कोई शिकायत नहीं होगी।”
मुझे नींद आने लगी थी, मैंने ऊंघते हुए कहा- सायरा बेटी, मुझे नींद आ रही है।
“पापा, आप सो जाइए!”
मैंने करवट बदली और अपनी आंखें बन्द कर ली। सायरा ने भी तुरन्त करवट बदली और अपने चूतड़ों को मेरी जांघों के बीच फंसा कर मेरे हाथ को अपने मुलायम उरोज पर रख दिया।
अभी मैंने अपनी आँखें सोने के लिये बन्द की थी, वो सायरा की गांड की गर्मी और उसके नर्म गर्म चूची की वजह से खुल गयी।
फिर भी मैंने अपनी आँखें सोने के लिये जबरदस्ती बन्द की, लेकिन अब आँखों से एक बार फिर नींद गायब हो गयी।
किसी तरह मैंने थोड़ा वक्त बिताया लेकिन जब मैं हार गया तो खुद को सायरा से अलग किया और सीधा होकर लेट कर अपनी आँखें बन्द कर ली. सायरा के गर्म जिस्म का अहसास अभी भी मेरे दिमाग में चल रहा था।
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