Incest Porn Kahani एक फॅमिली की
06-19-2020, 01:29 PM,
#27
RE: Incest Porn Kahani एक फॅमिली की
अपडेट 24

ठीक तभी पोलीस की गाड़ी की साइरन सुनाई देती है और पोलीस इनस्पेक्टर रजनी साक्शेणा भागती हुई रवि के करीब पहुँचती है उसकी हालत देख उसका कलेजा उसके मूह को आ जाता है .... अपनी बहन को देख रवि के चेहरे पर स्माइल आ जाती है ....

रवि (दर्द भरी आवाज़ में ) - दिद्द्द्ददडिईईईईईईईईईईई .....

रवि के पाँव लड़खड़ा जाते हैं और आँखे बंद हो जाती है और वो ज़मीन पर गिरने ही वाला है कि रजनी ने अपने मजबूत हाथो मे उसको थाम लिया था और उसको अपने सीने से लगा कर फफक फफक कर रो पड़ी .... रवि तो बेहोश पड़ा हुआ था अपनी बड़ी बहन की बाँहो मे और उसका सरीर उसके ही खून से सना हुआ था और उसकी साँसे भी बहुत धीमी चल रही थी .....

अब आगे

रजनी ने सबसे पहले आंब्युलेन्स बुलाया और रवि,चिराग और बाकी इंजूर्ड लोगो को हॉस्पिटल भिजवाया और घर पर कॉल करके अपनी माँ और पापा को रवि के ज़ख्मी होने की सूचना दी .... रजनी अभी ड्यूटी पर थी इसलिए उसने झांवी और नैना को रवि को रवि की देखभाल के लिए साथ भेजा था ....

रजनी ने सबसे पहले कॅंटीन वाले से अभी कुछ देर पहले हुई झड़प के बारे मे पूछ ताछ की .... कॅंटीन के मालिक ने रजनी को अपने सीसीटीवी कॅमरा की फुटेज दिखा दी जिसमे वीडियो तो पूरा क्लियर दिख रहा था और ऑडियो भी काफ़ी हद तक सॉफ सुनाई दे रहा था ....

फुटेज देखने से एक चीज़ तो क्लियर हो गया था कि इस फाइट मे रवि की कोई ग़लती नही क्यूकी उसने जहाँ तक हो सकता है फाइट ना करने पर ही ज़ोर दिया था ....

रजनी (अपने मन मे ) - मेरा भाई कितना प्यारा है और वो मुझसे कितना प्यार करता .... वो मेरे खिलाफ एक भी वल्गर वर्ड भी नही सुन सकता .... उसने ये लड़ाई मेरी खातिर लड़ी है .... भाई मैं तुझे कुछ नही होने दूँगी आज मेरे दिल मे जमी हुई सारी धूल सॉफ हो चुकी है .... मैं तुझे कुछ नही होने दूँगी .... जो लोग भी तेरी इस हालत के ज़िम्मेवार हैं मैं उन सभी कामीनो को ऐसी सज़ा दूँगी जो मौत से भी बदतर हो ....

रजनी का खून खौल उठा था पर चेहरे पर उसने अपने एमोशन्स आने नही दिए ... रजनी ने फुटेज की सारी रेकॉर्डिंग अपने मोबाइल मे सेव कर लिया और फिर हॉस्पिटल की तरफ भागी जबकि बाकी के पोलीस वाले सभी गुन्डो को जीप मे डाल कर थाने ले गये ....

रजनी जब हॉस्पिटल पहुँचती है तो वो हड़बड़ी मे किसी किसी से टकरा जाती है .... रजनी की नज़र जब टकराने वाले शख्स पर पड़ती है तो वो भी चौंक जाती है ....

रजनी - अरे रेशमा तू यहाँ ....

रेशमा - हां यार मैं एक डॉक्टर हूँ और लास्ट वीक ही मेरी यहाँ पोस्टिंग हुई है .... वैसे तू इस यूनिफॉर्म मे मस्त लग रही है ..... तू बता तू यहाँ कैसे और ये तेरी यूनिफॉर्म पर खून कैसे ....

रजनी की आँखो मे आँसू छलक आते हैं ....

रेशमा - अरे यार तेरी आँखो में आँसू कैसे ... बता ना मेरी बहन क्या हुआ है ....

रजनी - व.....वो रेशू मेरे भाई की कंडीशन बहुत क्रिटिकल है क्यूंकी उसका सारा सरीर खून से सना हुआ है ....

रेशमा - तेरा भाई ... पर तूने आज तक हमे कभी बताया नही कि तेरा कोई भाई भी है ....

रजनी - यार वो सब फिर कभी बताउन्गा .... फिलहाल तो उससे मिलने जा रही हूँ ...

रेशमा रिसेप्षन पर जाकर पूछ ताछ करती है और फिर मिलकर रवि के कॅबिन के तरफ भागते हैं ... रवि के फॅमिली वाले वही खड़े थे ....

रजनी - पापा क्या कहा है डॉक्टर ने कैसा है अब मेरा भाई ....

राज - बेटा डॉक्टर ने जनरल चेक अप किया है और कहा है सर मे काफ़ी चोटे आई हैं और ऑपरेशन करवाने की सलाह दी है ....

रजनी - हां तो फिर क्या प्राब्लम है ऑपरेशन करवाते हैं ना ....

रेशमा - नमस्ते अंकल मैं हूँ रेशमा रजनी की फ्रेंड ...

राज - हेलो बेटा ...

रेशमा - अंकल मैं इस हॉस्पिटल मे एक डॉक्टर के साथ साथ एक सर्जन भी हूँ .... आप टेन्षन ना ले ... मैं भी साथ हूँगी ऑपरेशन के वक्त ....

मोहिनी - बेटा बचा लेना मेरे बेटे को ....

रेशमा - डॉन'ट वरी आंटी रजनी मेरी सहेली है और उसका भाई है तो मेरे भी भाई जैसा हुआ ना .... आइ विल ट्राइ माइ बेस्ट ....

और फिर रेशमा एक कॅबिन के तरफ बढ़ जाती है कुछ देर मे रवि को ऑपरेशन थियेटर मे ले जाया जाता है कुछ ही देर मे सर्जन की ड्रेस पहने हुए कुछ डॉक्टर्स आते हैं जिन मे से एक रेशमा भी थी .... नज़रो से ही उसने रजनी को फेत रखने को कहा ....

सब डॉक्टर्स के अंदर घुसते ही ऑपरेशन थियेटर बंद हो जाता है और रेड बल्ब ऑन हो जाता है ....

रजनी अपने पेरेंट्स और खुशी को ऑपरेशन थियेटर के बाहर लगे हुए बेंच पर बिठाती है ....

मोहिनी - बेटा ये सब कैसे हो गया और तुम कहाँ थी ....

रजनी - माँ अभी इन सब बातो का वक्त नही है .... वो सब बाद में अभी तो भाई का ठीक होना ज़्यादा ज़्यादा ज़रूरी है ....

खुशी ने जब से रवि के बारे मे सुना तब से वो कंटिन्यूवस्ली रोती जा रही .... रजनी ने उसके पोन्छे और उपरवाले पर भरोशा रखने की गुज़ारिश की ....

रजनी झांवी के पास आती है जो काफ़ी देर से गुमशुम खड़ी थी ....

रजनी - झांवी वो लड़का कहाँ है जो साथ मे आंब्युलेन्स पर आया था ....

झांवी - जी दीदी उसको भी काफ़ी चोटे आई है और वो फिलहाल सोया हुआ है .... डॉक्टर्स ने उसका प्लास्टर कर दिया है .... उसके फॅमिली के बारे मे हम कुछ खास नही जानते बस रवि से ही वो थोड़ा क्लोज़ था ... नैना उसके पास ही रुकी है ...

रजनी - ओके तुम यहीं रूको तब तक मैं आती हूँ उससे मिलके और हां यहाँ मेरी ज़रूरत हो तो कॉल कर देना ....

रजनी अभी कुछ आगे ही बढ़ी थी कि तनु और उसकी माँ हड़बड़ी में उसकी तरफ आते दिखे दोनो की आँखें नम थी ....

रखी - बेटा रवि बेटा कहाँ है और कैसा है ....

रजनी दोनो को शॉर्ट कट मे सब कुछ बताती है और अपने पेरेंट्स के पास बिठा कर खुद चिराग की हालत का जाएजा लेने निकल पड़ती है ....

चिराग अभी बेड पर सोया हुआ था उसके दोनो हाथ और पाँव मे प्लास्टर चढ़े हुए थे और नैना वही रूम के बाहर बैठी हुई थी रजनी को देख वो खड़ी हो जाती है ....

रजनी - बैठो बैठो क्या कहा है डॉक्टर ने कब तक इसको होश आ जाएगा ...

नैना - वो मेडम डॉक्टर कह रहे थे कि बस बाहरी चोट है और आराम के लिए उन्होने नींद की दवा दी है ...

रजनी - ओके इफ़ यू विश मे गो होम नाउ ...

नैना - नही मेडम रवि की हालत जाने बगैर मैं घर नही जाउन्गी ना ही कुछ खाउन्गी ....

रजनी - वाउ लगता है काफ़ी क्लोज़ थी तुम उसके ....

नैना - नही मेडम हमारी जान पहचान तो कुछ दिनो पहले ही हुई पर 7 - 8 दिनो मे ही ऐसा लगा जैसे मैं उसको सदियो से जानती हूँ ...

रजनी - कहने को तो मैं उसकी सग़ी बहन हूँ पर आज तक उसको कभी समझ नही पाई या यूँ कहो कि समझना चाहा ही नही ...

नैना - मेडम वो बहुत अच्छा है ...

रजनी - ये क्या बार बार मेडम मेडम लगाए रखा है दीदी नही कह सकती ....

नैना - ओके दीदी ....

रजनी का मोबाइल रिंग होने लगता है उसने कॉल पिक किया कॉल उसके मामा का था ....

दीपक - बेटा हम लोग एरपोर्ट पहुँच गये हैं तुम्हारी मामी भी साथ है ज़रा हॉस्पिटल का लोकेशन भेजना हमलोग तुरंत पहुँच रहे हैं ....

रजनी हॉस्पिटल का अड्रेस उन्हे सेंड करती है ....

कुछ ही देर में दीपक और दिया भी हॉस्पिटल पहुँच जाते हैं .... अभी भी ऑपरेशन थियेटर का गेट नही खुला था और सभी बेसब्री से डॉक्टर्स के बाहर निकलने का वेट कर रहे थे ....

थोड़े देर बाद ऑपरेशन थियेटर का गेट खुलता है और सभी डॉक्टर्स निकलने लगते हैं ....

राज भागता हुआ डॉक्टर्स के पास जाता है ....

राज - डॉक्टर साहब कैसा है मेरा बेटा ....

एक डॉक्टर - आप पेशेंट के फादर हैं ना ....

राज - जी हाँ ....

डॉक्टर - आप जल्दी से मेरे कॅबिन आइए आपसे कुछ बात करनी है ....

राज के साथ साथ दीपक भी भी डॉक्टर के कॅबिन मे आ जाता है और डॉक्टर उन्हे चेर पर बैठने को कहता है ....

डॉक्टर - हमने ऑपरेशन तो कर दिया है .... सर पर चोट लगने की वजह से पेशेंट का काफ़ी ब्लड गिरा है .... पेशेंट को एक या 3 - 4 यूनिट ब्लड की ज़रूरत है ओ नेगेटिव ग्रूप की ..... और हां ब्लड अगर एक घंटे के भीतर मिल जाए तो ज़्यादा अच्छा है ....

राज - ओके डॉक्टर हम जल्द ही उसकी व्यवस्था करते हैं .....

राज और दीपक जल्दी से कॅबिन से बाहर भागते हैं ....

दोनो जल्दी से ब्लड बॅंक की तरफ भागते हैं .... काफ़ी सर्च करने पर भी उन्हे सेम ग्रूप का ब्लड नही मिलता है ....

दीपक - जीजा जी क्या हमारी फॅमिली मे किसी का ब्लड ग्रूप ओ नेगेटिव नही है ....

राज - मेरा , मोहिनी या रजनी का तो नही है ....

दीपक - मेरा और दिया का भी डिफरेंट ब्लड ग्रूप है ....

राज - चलो ना वापस हॉस्पिटल ही चलते हैं शायद कोई डोनर मिल जाए ....

राज और दीपक वापस हॉस्पिटल पहुँचे और उन्होने सभी को ये बात बताई ..... वहाँ मौजूद सभी लोगो मे से किसी का ओ नेगेटिव ब्लड ग्रूप नही था ....

खुशी - पापा मैने कभी ब्लड टेस्ट करवाया नही मैं देखना चाहती हूँ क्या मेरा खून भाई के काम आ सकता है ....

रेशमा - आप मेरे साथ आइए मैं आपका ब्लड ग्रूप चेक कर लेती हूँ .....

रेशमा खुशी का ब्लड ग्रूप चेक करती है जो कि बाइ लक ओ नेगेटिव ही था जिससे खुशी के चेहरे पर स्माइल आ जाती है ....

रेशमा खुशी को साथ लेकर बाकियो के पास पहुँचती है ....

रेशमा - अंकल खुशी की बात है कि हमे डोनर मिल गयी है खुशी दीदी ....

रेशमा जल्दी से जाकर मैं डॉक्टर को ये बात बताती है .... वो भी ज़रूरी समान लेकर वहाँ पहुँचता है ....

डॉक्टर - कौन है डोनर ....

खुशी आगे आती है ....

डॉक्टर - मेडम आप जानती हैं की पेशेंट का काफ़ी खून बहा है और हमे अप्रॉक्स 3 - 4 यूनिट ब्लड की ज़रूरत है और ये काफ़ी ज़्यादा होता है ....

खुशी - डॉक्टर साहब मैं एक ऑर्फन हूँ मुझे इन्होने पाल पोश कर बड़ा किया ... हमेशा मुझे अपनी बेटी ही माना है ... मैने जिंदगी भर इनसे लिया ही है आज पहली बार कुछ देने का वक्त आया है तो मैं पीछे कैसे हट सकती हूँ .... वैसे भी जिसे मेरे खून की ज़रूरत है वो मेरे लिए दुनिया में सबसे अज़ीज़ है .... उसके लिए अगर मुझे अपने जिस्म से खून का आख़िरी कतरा तक देना पड़ा तो भी मुझे अफ़सोस नही होगा ....

वहाँ खड़े सभी लोग खुशी की बात सुन भावुक हो चुके थे ....

डॉक्टर - आइ आम प्राउड ऑन यू मेडम .... आप जैसे लोगो की वजह से ही इस मतलबी दुनिया मे भी अब तक इंसानियत बची हुई है ....

डॉक्टर खुशी को लेकर ऑपरेशन थियेटर के अंदर चला जाता है और बाहर बैठे सभी लोग सब कुछ ठीक तक रहने की उपरवाले से दुआ करने लगते हैं ....
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RE: Incest Porn Kahani एक फॅमिली की - by desiaks - 06-19-2020, 01:29 PM

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