Hindi Kamuk Kahani एक खून और
06-25-2020, 01:43 PM,
#6
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
लेपस्कि की बात पर चहुँओर ठहाका लगा।
माहौल में पसरा तनाव पूरी तरह समाप्त हो गया।
“बढ़िया”—लेपस्कि ने सॉसेज चबाते हुए कहा—“भई तुम लोगों के खाने वाकई जायकेदार होते हैं....मजा आ गया।”
“अरे नहीं....ये तो बस पेट भरने का सौदा है। इसमें ऐसा कुछ खास नहीं है।”—मिसकोलो ने कहा और फिर गंभीर स्वर में पूछा—“वैसे ये कत्ल किया किसने?”
“हम लोग भी यही जानने की जुगत में हैं”—लेपस्कि ने कहा—“वह कल रात आई थी और बता रही थी कि उसे मयामी में कोई जॉब ऑफर थी....ठीक है न?”
“हाँ।”—मिसकोलो ने हामी भरी।
“क्या उसने बताया था कि उसकी हासिल नौकरी किस किस्म की थी....मसलन वो क्या काम करने जा रही थी?”
“नहीं”—कहकर मिसकोलो ने समूह को संबोधित किया—“क्या उसने तुम में से किसी को कुछ बताया था?”
“हम दोनों ने एक ही केबिन शेयर किया था”—समूह में बैठी एक मोटी लड़की ने कहा—“वो कह रही थी कि मयामी में किसी यॉट क्लब में उसे वो जॉब मिलने वाली थी लेकिन मुझे उसकी कहानी पर यकीन नहीं आया था। अपने रंग-ढंग से तो वह ढकी-छुपी कालगर्ल जैसी ही नजर आती थी।”
“तुम्हारा नाम क्या है?”—लेपस्कि ने मोटी लड़की से पूछा।
“कैटी व्हाईट।”
“कैटी पक्के तौर पर यहीं रहती है”—मिसकोलो ने बातचीत का सूत्र दोबारा अपने हाथों में लिया—“और यहाँ कुकिंग वगैरह का सारा काम संभालती है।”
लेपस्कि को लगा कि शायद इसीलिए वह इतनी मोटी थी।
“क्या उसके पास कोई सामान वगैरह भी था?”—प्रत्यक्षतः उसने कैटी से पूछा।
“हाँ....एक बैग था।”
“कहाँ है वो बैग?”
“अभी भी वहीं—केबिन में ही होगा।”
“वह बैग मुझे चाहिए। और कुछ अपने रात के किसी प्रोग्राम के बारे में भी बताया था उसने?”
“उसने सिर्फ इतना कहा था कि वह टहलने जा रही थी।”—कैटी ने कहा—“दरअसल वह मुझे कुछ खास पसंद नहीं आई थी सो मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया था। बाद में वो टहलने निकल गई।”
“वह तुम्हें पसंद क्यों नहीं आई?”
“वह बड़ी सख्त मिजाज थी। जब मैंने उससे बातें करने की कोशिश की तो उसने उनमें जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई।”
“हम्म....”—लेपास्कि ने आगे पूछा—“टहलने वो किस वक्त निकली थी?”
“कोई सात बजे के करीब।”
“तुम में से किसी ने देखा था उसे?”
“नहीं।”—एक संयुक्त आवाज उभरी।
“तो इसका मतलब है कि वो टहलने निकली थी जहाँ बीच रास्ते में ही किसी उसे थामा और वीभत्स तरीके से पेट फाड़कर उसका कत्ल कर दिया।”
प्रत्युत्तर में सभा में गहरा सन्नाटा छा गया।
“अच्छा सुनो”—लेपस्कि ने समूह को संबोधित किया—“वो वहशी कातिल अभी भी आस-पास कहीं मौजूद हो सकता है सो मैं तुम सभी को वार्निंग देना चाहता हूँ कि यूँ अगले कुछ दिनों तक—जब तक कि उस वहशी दरिन्दे को हम पकड़ न लें—तुम लोगों का रात के अंधेरे में निकलना बेहद खतरनाक हो सकता है।”
पुनः बड़ी देर तक खामोशी छाई रही।
आखिरकार लेपस्कि ने ही उस तंद्रा को भंग किया और पूछा—“क्या तुम में से कोई बता सकता है कि यह काम किसका हो सकता है?”
“नहीं”—मिसकोलो ने दृढ़तापूर्वक कहा—“हम सब यहाँ परिवार की तरह मिलजुलकर रहते हैं सो यह काम हमारे में से किसी का नहीं हो सकता।”
“यहाँ पैरेडाईज सिटी में ऐसी नृशंस हरकत पहली बार हुई है और यहाँ हमारा डिपार्टमेन्ट इसे ऐसे ही नहीं जाने देगा। हम दृढ़प्रतिज्ञ हैं कि कातिल को ढूँढकर उसे उसके अंजाम तक पहुँचाएं।”
किसी ने कुछ न कहा।
सभा में शान्ति छाई रही।
“वैसे”—लेपस्कि ने आगे पूछा—“क्या पिछले कुछ घण्टों में यहाँ कोई नया आदमी आया है?”
“हाँ”—मिसकोलो ने कहा—“लगभग दो घण्टे पहले लू बून नाम का एक नौजवान यहाँ आया है।”
“और क्या जानते हो उसके बारे में?”
“खास कुछ नहीं। बस यही कि उसके पास कुछ नकद रकम है, जिससे उसने यहाँ एक केबिन किराए पर लिया है।”
“वह इस वक्त कहाँ होगा?”
“वहीं केबिन में ही सो रहा होगा। उसने बताया था कि वो दूर जैक्सनविले शहर से आया था और बेहद थक गया था।”
“मुझे उससे बातचीत करनी है”—लेपस्कि सॉसेज खत्म कर उठता हुआ बोला—“मुझे बताओ....उसकी केबिन कहाँ है?”
मिसकोलो भी उठकर खड़ा हो गया।
“मैं आपको साथ ही लिए चलता हूँ।”
डस्टी भी कपड़े झाड़ता उठ खड़ा हुआ।
“बढ़िया”—लेपस्कि ने कहा—“आओ चलें।”
तीनों लकड़ी के बने केबिनों की एक कतार की ओर बढ़े।
“मैं नहीं चाहता कि यहाँ कोई किसी किस्म का झंझट पैदा हो”—आगे बढ़ते हुए मिसकोलो ने लेपस्कि से कहा—“मैं दो साल से यहाँ इस कैम्प को आर्गनाईज कर रहा हूँ और इसे लेकर कभी भी किसी को—मेयर को भी—कोई शिकायत नहीं हुई है।”
“ठीक है—लेकिन फिलहाल तो यह बखेड़ा हो ही गया न?”
“हाँ और इसीलिए मैं परेशान हूँ।” मिसकोलो ने कहा और कतार में बने एक केबिन की ओर इशारा किया।
“वो वहाँ”—उसने कहा—“वही उसका केबिन है।”
“बढ़िया”—लेपस्कि ने कहा—“जाओ जाकर उसे जगाओ और बताओ कि हम उससे दो चार बात करना चाहते हैं। जब वो जाग जाए तो हमें इशारा कर देना, हम अंदर आ जाएंगे।”
“वैल मिस्टर लेपस्कि—तुम एक घाघ पुलिस वाले हो और कोई चांस नहीं लेना चाहते। वैसे भी मैंने अभी तक खाना नहीं खाया है सो मैं यहाँ से आगे नहीं जा रहा। मेरा काम तुम्हें केबिन तक पहुँचाने का था सो वो मैंने कर दिया है। अब आगे तुम्हारा काम है तो—तुम जानो तुम्हारा काम जाने।”—मिसकोलो ने कहा और मुड़कर वापिस कैम्प फायर की ओर लौट गया।
पीछे डस्टी ने लेपस्कि की ओर मुस्कुराते हुए देखा और कहा—“वैल—मेरे ख्याल से कोशिश अच्छी थी।”
“हाँ”—लेपस्कि ने कहा—“लेकिन वो भी कोई बेवकूफ नहीं था।”
लेपस्कि ने अपना सर्विस रिवाल्वर निकाला और आगे बढ़कर सावधानी से केबिन के दरवाजे को इंच-इंच करके खोल दिया। पीछे डस्टी ने खुद को घुटने के बल बैठा लिया और लेपस्कि को कवर किए रखा।
केबिन का दरवाजा पूरा खुल गया।
भीतर अंधेरा था।
लेपस्कि ने भीतर झांकने की कोशिश की तो उसके नथुनों से गंदे जिस्म की बदबू का झोंका आ टकराया।
फिर तभी भीतर रोशनी हो गई।
लेपस्कि ने झटके से खुद को केबिन के अंदर धकेला और चिल्लाया—“डोंट मूव—दिज इज पुलिस।”
भीतर एक नंगा दढ़ियल नवयुवक बिस्तर पर बैठा था जिसने अभी-अभी बैड लैंप जलाया था।
नए उभरे हालात में भौंच्चक दढ़ियल ने वहीं बैड से एक गंदी चादर को खींचा और अपने नंगे बदन को ढंक लिया।
“मुझसे क्या चाहिए?”—उसने घिघियाते हुए लेपस्कि से पूछा।
तब तक डस्टी भी भीतर आ गया था। स्थिति को नियंत्रण में देख वह एक दीवार से सटकर खड़ा हो गया।
हिप्पी अभी भी अपने आपको संभाल रहा था। उसे इस तरह हथियार विहीन देख लेपस्कि ने अपनी रिवाल्वर नीचे कर ली और डस्टी की ओर इशारा किया।
डस्टी ने भी अपनी रिवाल्वर को वापिस शोल्डर होल्स्टर में रखा।
“हम यहाँ चैकिंग कर रहे हैं”—लेपस्कि ने हिप्पी से कहा—“क्या नाम है तुम्हारा?”
“लू बून”—वह बोला—“क्या पुलिस किसी को सोने भी नहीं देती।”
लेपस्कि वहाँ मौजूद एकमात्र कुर्सी पर जा बैठा।
उसने उसे घूरकर देखा और पूछा—“बकवास मत करो। फिलहाल ये बताओ कि तुम्हें यहाँ पहुँचे अभी कुछ ही वक्त हुआ है या नहीं?”
“हाँ”—वह बोला—“मैं नौ बजे के करीब यहाँ आया था।”
“तुम यहाँ पहुँचे कैसे?”
“पैदल चलकर और कैसे!”
“मेरा मतलब है किस रास्ते से?”
“मैंने मेनरोड तक सवारी पकड़ी थी और आगे समुद्र तट पर टहलता हुआ यहाँ आ पहुँचा।”
“हम दोनों”—लेपस्कि ने डस्टी की ओर इशारा किया— “यहाँ एक कत्ल के मामले की छानबीन कर रहे हैं और इस वक्त—इस गैर वक्त—हमारी मौजूदगी की यही वजह है।”
“कत्ल....?”
“हाँ—और इसलिए तुम्हारी नाराजगी की कोई कीमत नहीं। हमें हमारा काम कर लेने दो—हम यहाँ से चले जाएंगे।”
“लेकिन मैं इस बारे में क्या जानूं?”
“ये फैसला हम कर लेंगे”—लेपस्कि ने कहा—“तुम ये बताओ कि आते वक्त तुमने किसी को देखा था? कोई आवाज सुनी थी? जिस जगह लड़की की लाश बरामद हुई है वो वहीं सड़क से नजदीक ही है—सो तुम जब उधर से गुजरे तो कुछ अजीब देखा-सुना हो?”
बून सहम गया।
“नहीं, मैं उधर से नहीं गुजरा—मुझे इस बाबत कुछ नहीं पता।”
“तुमने अपने यहाँ आने का जो टाईम अभी बताया है यह लगभग वही टाईम है जिस वक्त लड़की का कत्ल हुआ लगता है....।”
“मैं कुछ नहीं जानता। मैंने कुछ नहीं देखा—कुछ नहीं सुना।”
लेपस्कि को लगा वह झूठ बोल रहा था।
“देखो—गौर से याद करो। शायद तुम्हें कुछ याद आ जाए।”
“दोबारा सोचने की जरूरत ही नहीं है, मैं कह चुका हूँ कि मैंने कुछ नहीं देखा।”
“लड़की का कत्ल पेट फाड़कर किया गया है—और कातिल के कपड़ों पर उसका खून लगा हुआ होगा।”—लेपस्कि ने कहा—“मैं तुम्हारे कपड़े चैक करना चाहता हूँ।”
“तुम ऐसा नहीं कर सकते। मेरे भी कुछ कानूनी अधिकार हैं। तुम्हें इसके लिए पहले सर्च वारन्ट लाना पड़ेगा।”
प्रत्युत्तर में लेपस्कि मुस्कुरा दिया।
“मैंने कहा था—हमें हमारा काम कर लेने दो”—लेपस्कि ने अपने साथी की ओर घूमकर कहा—“इस जगह की तलाशी लो।”
जैसी ही डस्टी आगे बढ़कर अलमारी के पास पहुँचा बून बिस्तर से कूद गया। तभी लेपस्कि ने पुनः रिवाल्वर तान दी।
“शान्त बैठे रहो बून”—उसने ठेठ पुलिसिया अंदाज में कहा।
“मैं तुम्हें तुम्हारी इस कमीनी हरकत का मजा जरूर चखाऊँगा….”—लू बून ने कहा—“मुझे मेरे कानूनी हक से महरूम करके तुम गहरी मुसीबत में फंसने वाले हो।”
लेपस्कि ने बदले में उसकी ओर एक मुस्कुराहट उछाल दी।
“जरूर—लेकिन इससे पहले कि तुम अपनी मनमर्जी करो—जरा हम भी अपनी मनमर्जी कर लें।”
डस्टी ने अलमारी खोली और तलाशी लेने लगा।
“कुछ नहीं मिला।”—आखिरकार उसने निराशा में घोषणा की।
“मैं कल तुम्हारी शिकायत लगाने वाला हूँ….”—बून ने दिलेरी दिखाई।
“बको मत”—लेपस्कि ने उसे घूरते हुए कहा, फिर अपनी जेब से एक पैकेट निकालकर उसे दिखाया—“मैं तुम्हें ड्रग पैडलर होने के शक में अभी गिरफ्तार कर सकता हूँ और कल कह सकता हूँ कि ये पैकेट मैंने कल तुम्हारी जेब से ही बरामद किया था।”
बून को काटो तो खून नहीं।
“तो अब अपना रिकार्ड आन करो”—लेपस्कि ने कहा—“मुझे बताओ कि तुम करते क्या हो? कहाँ से आए हो और यहाँ तुम कब तक ठहरने वाले हो?”
बून ने एक लम्बी सांस छोड़ी और अनिच्छापूर्वक बड़े बेमन से जवाब देने लगा।
डस्टी फुर्ती से सब कुछ अपनी नोटबुक में लिखता जा रहा था।
¶¶
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और - by desiaks - 06-25-2020, 01:43 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,485,595 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,698 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,677 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 927,001 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,645,147 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,073,173 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,938,264 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,014,938 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,016,154 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,375 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)