Hindi Kamuk Kahani एक खून और
06-25-2020, 01:44 PM,
#10
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
जिस वक्त लू बून केटी व्हाईट के पास पहुँचा, वो मोटी अलाव पर सॉसेज बना रही थी। वह अक्सर अकेली काम पर लगी रहती थी और उसे इस बात पर गर्व था कि भूख लगने पर वहाँ हर कोई उसी की पकाई सॉसेज खाता था। कॉलोनी के बाकी लोग या तो सारा वक्त वहीं समुन्द्र में तैरते हुए गुज़ार देते थे या फिर कोई काम-धंधा होने पर चार पैसे कमाने निकल जाते थे।
लू बून एक सासेज लेकर वहीं—उसी के पास बैठ गया और बातें करने लगा। केटी की नज़रों में लू कोई सुपरमैन सरीखा मर्द था जिसकी दाढ़ी, मांसपेशियों और हरी चपल आँखों पर वह फिदा थी। उसके हिसाब से लू में वो सब कुछ था जो किसी लड़की के दिल में हलचल मचा दे।
ऐसी कारआमद काबिलियत वाले लू का पिता ह्यूस्टन शहर में रहता था और अपने जज के ओहदे के बावजूद एक सज्जन, साधु स्वभाव वाला व्यक्ति था। ऐसे में जब उसे अपनी इकलौती और बेहद अजीज़ औलाद की कई प्रतिभाओं के बारे में मालूमात हुई तो उसका दिल ही बैठ गया। अपने रुतबे की रू में उसे अपनी औलाद से ऊँची मुरादें थीं जिनका पूरा होना अब लगभग नामुमकिन सा ही था लेकिन फिर भी अपनी आखिरी कोशिशों के तौर पर बाप ने अपनी औलाद—बिगड़ती औलाद—पर काबू पाने की कई मुख्तलिफ कोशिशें कीं जो आखिरकार तक नाकाम ही रहीं। लू ने अपने पिता की इन तमाम कोशिशों को अपनी निजी ज़िन्दगी में दख़लअंदाज़ी माना और एक दिन उठकर ऐलानिया अपने बाप के घर से निकल आया। ऐसा घर जिसमें वो पैदा तो हुआ था, जिसमें उसकी परवरिश तो हुई थी लेकिन जिसके मालिकान, खुद उसके माँ-बाप, उसकी निगाह में दरअसल इस फानी दुनिया में सबसे बेकार, बेहूदा और बेवकूफों में से एक थे। लू ने अपनी कानूनी पढ़ाई को बीच में ही तिलांजलि दे दी और यूँ इस तरह केवल सत्रह साल की नादान उम्र में ही खुद को बालिग बनाने तुल गया। आज उसकी उम्र तेइस साल हो चुकी थी और घर छोड़े उसे छः साल हो गए थे। उन छः सालों में उसने होटलों में प्लेटें धोने से लेकर गैराज़ में तमाम तरह के काम किए थे लेकिन इन तमाम छोटी-मोटी मज़दूरियाँ करके भी वो खुश था कि इन्हीं की बदौलत वो अपने घर के उस दमघोंटू माहौल से दूर था। पिछली छः साल की ज़िन्दगी के उस तजुर्बे ने उसकी सोच को बदलकर रख दिया था—और आज उसकी ज़िन्दगी का यही फलसफा था कि इस दुनिया में दौलत ही वो शै थी जिसकी हर कोई हर वक्त इज़्जत करता था। दौलत है तो इंसान की अहमियत है वरना क्या बन्दा क्या बन्दे की जात। सब सिफर था, शून्य था, नाकाबिले ज़िक्र था। आज वो खुद के दौलतमन्द होने का ख्वाब देखता था और अपने इसी ख्वाब को पूरा होता देखने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार था।
बाखुशी तैयार था।
आखिरकार तो वह समझ चुका था कि अपनी मौजूदा ज़िन्दगी को वह जिस ढर्रे पर चला रहा था उस हिसाब से— अपनी इस सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक की मज़दूरी करके—तो वह दौलत कमाने से रहा।
वो तीन दिन पहले यहाँ पहुँचा था और यहाँ पहुँचते ही उसे अहसास हो गया था कि उसके पास एक बर्गर खरीदने लायक चन्द सिक्के तक नहीं थे। भूख ने उसकी भला-बुरा सोचने की ताकत छीन ली थी और अपनी इसी फकीराना हालत में उसने अपना अगला कदम उठाया। बेमतलब इधर-उधर घूमते हुए उसकी निगाह एक बूढ़ी औरत पर पड़ी जो पार्क में बैंच पर बैठी ऊंघ रही थी और उसका पर्स, मगरमच्छ की बेहद कीमती खाल से बना पर्स—वहीं बैंच पर उसके बगल में रखा था। लू ने इधर-उधर देखा और पर्स उठाकर झाड़ियों में भाग निकला।
पर्स में चार सौ डॉलर की रकम थी और यह उसकी मौजूदा दुश्वारियों को निपटाने के लिए काफी थी।
अगर आप ने भरपेट खाना खा लिया है तो यकीन जानिए कि इस फानी दुनिया की सबसे विकट कठिनाइयों पर आपने फौरी तौर पर फतह हासिल कर ली है।
तो यूँ अब उसके अगले कुछ दिन आराम से गुज़र सकते थे।
गुज़र रहे थे।
दूसरी ओर केटी, जो पिछले दो साल से यहाँ इस बस्ती में रह रही थी, अब यहाँ रहने वाले लोगों और उन लोगों के रहन-सहन के बारे में थोड़ा बहुत जानने लगी थी।
केटी से बातें करते-करते लू ने इस बात का पता लगा लिया था कि कॉरेन शहर के एक जानी मानी हस्ती की बेटी थी और उसका केबिन वहीं उस मौकाएवारदात से कुछ ही दूर था जहाँ से लाश बरामद की गई थी।
“कॉरेन एक अच्छी लड़की है”—केटी ने लू से कहा—“वह अक्सर यहाँ आती रहती है लेकिन अपने दौलतमन्द बाप के रसूख का दिखावा तक नहीं करती। उल्टा वह जब भी यहाँ होती है—हमेशा हमीं लोगों में एक बनी रहती है।”
“हूँ....”—लू ने कहा—“यहाँ किसी से उसकी कोई खास दोस्ती है?”
“हाँ—है न।”—केटी ने बताया—“वो चेट के साथ उसकी बड़ी नज़दीकी दोस्ती है।”
लू फौरन सतर्क हुआ।
“अगर वो इतने ही पैसे वाले की औलाद है तो इस मामूली केबिन में क्यों रहती है?”
“अरे, वो जगह तो उसकी लव नैस्ट है”—केटी ने कहा— “जब कभी उसे अपने बाप की निगाहों में आए बगैर मौज मस्ती करनी होती है तो यहाँ आ धमकती है। उसके झक्की बाप को उसके इस ठिकाने के बारे में पता नहीं वरना उसे अगर ज़रा भी शक पड़ गया तो वो हाय-तौबा करे बिना कहाँ मानेगा।”
“लड़की को अपने बाप की—उसकी उस हाय-तौबा की—इतनी फिक्र है?”
“यकीनन है, और हो भी क्यूँ न?”—केटी ने हँसते हुए कहा—“एक बार उसने मुझसे कहा था कि अपने उसी बाप के सदके उसे अपनी ज़िन्दगी में हर ऐशोआराम हासिल है लेकिन फिर अगर उसके बाप को उसकी इन ऐय्याशियों की खबर लग गई तो वो उसे एक धेला नहीं देने वाला। हालांकि कॉरेन खुद बड़ी मेहनती है, काबिल है और नौकरी करती है लेकिन अपनी उस इनकम से उसके ऐसे मौज-मेले के खर्चे नहीं निकल सकते।”
“अच्छा....”—लू ने कहा—“कहाँ है उसका आफिस?”
“उसके बाप ने अभी हाल ही में सीकॉम्ब में एक ब्रांच खोली है और कॉरेन सुबह नौ से शाम पांच बजे तक वहीं काम करती है।”
“क्या वो वहाँ की इंचार्ज है?”
“नहीं—इंचार्ज तो केन ब्रेन्डन है”—केटी ने गहरी साँस ली और कहा—“और वो बेहद खूबसूरत व्यक्तित्व का मालिक है।”
“क्या मतलब?”
“मतलब यह है कि वह बेहद आकर्षक है और मुझे तो वो ग्रेगरी पैक की जवानी के दिनों की याद दिलाता है। एक बार उसने मुझे अपनी कार में शहर तक लिफ्ट दी थी”— केटी ने आँखें बन्द कीं और एक आह भरते हुए कहा—“और तभी से वह मुझे इस कदर भा गया है।”
लू के दिमाग में फौरन उस आदमी की तस्वीर उभरी जिसे उसने उस रात कॉरेन के साथ देखा था।
ऊँचा कद।
गहरा रंग।
कॉरेन जैसी हाहाकारी लड़की के साथ सारा दिन काम करने वाले उस आदमी का यूं उसके साथ मौज मस्ती के इरादे से वहाँ उस रात उस केबिन में आना एक मामूली बात थी।
“ओह”—प्रत्यक्षतः लू ने केटी से कहा—“लगता है उसने तुम्हें कोई खास तवज्जो नहीं दी?”
“हाँ....मुझे उसने अनदेखा सा कर दिया था।”
“क्या वो शादीशुदा है?”
“हाँ”—केटी ने कहा—“उसकी एक खूबसूरत स्मार्ट बीवी है जो डॉ. हेन्ज के यहाँ उसकी सैकेट्री के तौर पर कार्यरत है।”
“ब्रैन्डेन की अपनी पत्नी से पटती भी है या नहीं?”
“क्यों नहीं! खूब पटती है, बिल्कुल पटती है और वैसे भी कोई भी समझदार लड़की बैन्डन जैसे मर्द से बिगाड़ना नहीं चाहेगी।”
लू ने महसूस किया कि वो उस मसले पर पहले ही काफी सवाल कर चुका था, सो अब उसने बात बदलते हुए कहा—
“तुम यहाँ इधर इस बस्ती में कब तक रहने वाली हो?”
“मैंने कहाँ जाना है—मैं यहीं रहूँगी और वैसे भी मैं और जाऊँगी भी कहाँ”—कैटी ने अनिच्छापूर्वक कहा—“जब तक यहाँ मेरी ज़रूरत बनी रहेगी, मैं इधर इसी बस्ती में बनी रहूँगी।”
“तुम्हारी ज़रूरत यहाँ हमेशा रहेगी।”—लू ने उसके मोटे हाथ को थपथपाते हुए कहा—“तुम्हारे इन हाथों में कमाल की कारीगरी है और यकीन जानो—तुम्हारे हाथों के बने इन सॉसेज की वजह से तुम यहाँ हमेशा के लिए रह सकती हो।”
“शुक्रिया लू।”
“चलो—मैं चलता हूँ”—लू ने उठते हुए कहा—“मैं यूं ही थोड़ा आस-पास घूमूँगा।”
“हाँ....ज़रूर।”
“फिर मिलते हैं।”
“ठीक है।”
लू केबिन की ओर बढ़ गया और पीछे केटी उसे जाता हुआ देखती रही।
¶¶
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और - by desiaks - 06-25-2020, 01:44 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,485,264 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,653 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,561 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,888 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,644,920 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,073,010 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,938,045 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,013,935 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,015,802 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,341 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)