RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
एक ऊँचे कद और हल्के सफेद रंग के बालों वाले आदमी ने पुलिस हैडक्वार्टर में प्रवेश किया।
वह पैट हैमिल्टन था।
सिटी टी.वी. का क्राइम रिपोर्टर।
लेकिन पुलिस की निगाहों में एक सिरदर्द जो अक्सर उनकी लाइन क्रॉस करता था।
हैमिल्टन सीधे बेगलर के दफ्तर में पहुँचा।
“हाय”—उसने कहा और कुर्सी पर बैठकर अपनी नोटबुक खोलता हुआ बोला—“कत्ल के उस केस में पुलिस कहाँ तक पहुँची है?”
बेगलर का जी तो चाहा कि वो हैमिल्टन को एक ठोकर मारकर वहाँ उस जगह से बाहर फेंक दे लेकिन उस जैसे रिपोर्टर के साथ ऐसा कोई नहीं कर सकता था।
“वैल”—बेगलर ने कहा—“हमारा ऐसा मानना है कि कातिल कोई मैनियाक है, कोई ऐसा वहशी है जो बलात्कार के बाद अपने शिकार को इस तरह भंभोड़कर मार डालता है।”
“हम्म....और पुलिस उस वहशी कातिल को पकड़ने के लिए क्या कर रही है?”
“तुम खुद जानते हो कि हमारा महकमा इस कत्ल के लाइमलाइट में आने के बाद कितनी फुर्ती से इस पर काम कर रहा है। हमारे तमाम काबिल अफसर इस पर दिन रात काम कर रहे हैं लेकिन ऐसे पागल वहशी को पकड़ना टेढ़ी खीर है, सो वक्त लगेगा....लग रहा है।”
“पुलिस महकमा अभी किसी नतीजे पर पहुँचा है भी या नहीं, कोई खास काबिले ज़िक्र सबूत?”—हैमिल्टन ने पूछा।
“हमारा महकमा इस पर दिन रात एक किए हुए है और फिलहाल इस मामले में सबूतों वगैरह को यूँ प्रेस के मार्फत सार्वजनिक करना हमारी कातिल को पकड़ने की उन तमाम कोशिशों में अड़ंगा डाल सकता है।”—बेगलर ने बताया।
“कत्ल का शिकार उस लड़की की शिनाख्त हुई?”
“अभी नहीं”—बेगलर ने जानबूझकर झूठ बोलते हुए कहा—“सिवाय इसके कि उसका नाम जेनी था और वह शायद एक लोकल प्रॉस्टीट्यूट थी।”
“अच्छा!”—हैमिल्टन ने हैरानी दिखाते हुए कहा।
“हमें लगता है कि उसने किसी के सामने उस रात कोई उल्टा-सीधा ऑफर रखा होगा और....”
“उस ऑफर से भन्नाकर कोई आदमी यकायक इस कदर भड़ककर इतना पागल हो उठा कि उसने उस बेचारी को इस बुरी तरह चीर-फाड़ डाला....क्यों?”
“हाँ!”
“और वह कातिल जो फिलहाल कानून के पंजों से आज़ाद है, आगे भी किसी को अपनी वहशत का शिकार बना सकता है।”
“हाँ, ऐसा भी हो सकता है, लेकिन इसके उलट ये भी मुमकिन है कि कातिल अब इस शहर से कहीं और ही कूच कर चुका हो। हम पब्लिक में कोई पैनिक, कोई आतंक फैलाने के हकदार नहीं हैं सो इस बाबत यही ज़ाहिर किया जा रहा है कि सब लोग सावधान रहें।”
“सुनो बेग”—हैमिल्टन ने कहा—“अगर इस शहर में कोई वहशी कातिल छुट्टा घूम रहा है जिसके निशाने पर जवान लड़कियाँ हैं तो हमें शहर में इस बाबत कोई पब्लिक एनाऊन्समैन्ट कर देना चाहिए।”
“अगर हमने ऐसा किया तो कातिल भी एलर्ट हो जाएगा और इससे वो हमारे हाथों से और दूर हो जाएगा।”
“लेकिन बेग अगर....”
“और ऊपर से आम जनता में जो पैनिक फैलेगा वो अलग। नहीं—हमारा महकमा इस पूरे केस पर दिन रात एक किए हुए है तो ऐसे में प्रेस से ये उम्मीद की जाती है कि वो भी हमें हमारे इस मकसद में सहयोग करे और ऐसी किसी खबर को सैंशेनलाइज़ करने से परहेज़ करे।”
“बेग”—हैमिल्टन ने कहा—“ये किसी खबर को सनसनीखेज़ बनाकर पेश किए जाने का मामला है ही नहीं और ऊपर से तुम खुद मानते हो कि शहर में एक वहशी कातिल आज़ाद घूम रहा है तो तुम्हें नहीं लगता कि एक पब्लिक अनाउंसमैन्ट शहर की मासूम आवाम के हित में है।”
“हमें, हमारे महकमे को जो लगता है वह मैं तुम्हें बता चुका हूँ। वैसे इस मुद्दे पर चीफ ऑफ पुलिस की मेयर से बातचीत चल रही है।”
“मुझे उससे कोई मतलब नहीं। हमारी प्रेस की भी कोई ज़िम्मेदारी बनती है और हमसे ये उम्मीद रखना कि हम ऐसे संगीन मामलों में पुलिस महकमे की दिखाई लाइन को आँखें मूंदकर टो करेंगे, बेवकूफी है।”
“अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें नहीं रोक सकता।”—बेगलर ने दोनों हाथ हवा में लहराते हुए कहा।
“वहाँ मौका-ए-वारदात के पास ही हिप्पियों की एक बस्ती बताई जा रही है। वहाँ से कुछ पता चला?”
“पिछली रात हमने वहाँ अपने अफसरों को भेजा था और तहकीकात चल रही है। फिलहाल इतना कहना ठीक रहेगा कि बस्ती में मौजूद सभी लोगों के नाम पते दर्ज कर लिए गए हैं और उन्हें बड़े सब्र से, तरतीब से चैक किया जा रहा है। अभी चूंकि इस पर काम चल रहा है सो इस बाबत अभी कुछ जानकारी शेयर करना जल्दबाज़ी होगा।”
“ऐसा लगता है कि पुलिस जनता से कुछ छिपा रही है।”
“ये आज़ाद मुल्क है मेरे दोस्त और तुम्हें अपनी मुख्तलिफ राय रखने का पूरा हक है।”—बेगलर ने मुस्कुराकर कहा।
“बेग”—हैमिल्टन ने चिढ़कर कहा—“तुम ज़रूर कुछ छिपा रहे हो और प्रेस को ये समझाना चाहते हो कि तुम कुछ नहीं जानते।”
“मैंने पहले ही कहा है कि तुम्हें अपनी मुख्तलिक राय रखने का पूरा हक है। मैं अपनी ओर से, अपने महकमे की ओर से, तुम्हें ये आश्वासन देता हूँ कि जैसे ही हमें कोई जानकारी मिलेगी, हम उसे प्रेस के माध्यम से पब्लिक के साथ शेयर करेंगे।”
“पुलिस का प्रेस के साथ ऐसा रवैया ठीक नहीं।”
“ये तुम्हारी निजी राय है और तुम्हारी मर्ज़ी से हम अपनी इन्वेस्टीगेशन नहीं चला सकते”—बेगलर ने कुटिलतापूर्वक कहा और अपनी मेज़ पर कागज़ों के ढेर की ओर संकेत करते हुए कहा—“हम अभी सभी सूचनाओं को चैक कर रहे हैं। कत्ल का शिकार बनी वो लड़की भले ही एक मामूली वेश्या थी, लेकिन फिर इसी वजह से हमारा महकमा हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ गया है। हम उसके कातिल को पकड़ने और उसे उसके वाजिब अंजाम तक पहुँचाने को दृढ़प्रतिज्ञ हैं।”
“ठीक है”—हैमिल्टन ने हारकर कहा—“क्या लड़की का कोई फोटो हासिल हो सकता है?”
बेगलर ने एक पोलोरायड प्रिन्ट उसकी ओर बढ़ा दिया। हैमिल्टन ने हाथ बढ़ाकर फोटो पकड़ा और उसे गौर से देखा।
“हूँ—मैं समझ गया तुम्हारा अंदाज़ा सही है और मैं इस बात से इत्तेफाक रखता हूँ कि शिकार कोई वेश्या ही दिखती है।”
इसी वक्त जब पुलिस हैडक्वार्टर में यह वार्तालाप हो रहा था, ठीक उसी वक्त जैकोबी अपने साथ लेपस्कि को लिए जेन्ट्स टेलर्स की दुकानों में धक्के खा रहा था। अपनी इसी ड्यूटी को भुगतते जब वे दोनों पांचवीं दुकान पर पहुँचे तो वहाँ के मोटे, अधेड़ मालिक मिस्टर लेवाइन ने फौरन उस गोल्फबॉल जैसे बटन को पहचाना।
“मिस्टर लेपस्कि”—उसने कहा—“यह हमारी दुकान की एक खास स्पेशेलिटी है।” और उसने उनके सामने एक जैकेट रखी जिस पर वैसे ही गोल्फ बॉल वाले बटन लगे थे।
“क्यों, है न लाजवाब आइडिया?”—उसने दाँत दिखाते हुए कहा।
“मिस्टर लेवाइन”—लेपस्कि ने कहा—“हमें एक सिलसिले में इस बटन के मालिक की तलाश है, तो क्या तुम इन जैकेट के खरीदारों के नाम बता सकते हो?”
“जी—अभी लीजिए। हम अपनी तमाम सेल का रिकार्ड मैन्टेन करते हैं।”—कहकर वह भीतर अपने ऑफिस में चला गया।
पीछे जैकोबी और लेपस्कि वहाँ मौजूद जैकेटों को देखने लगे। जैकेटें बढ़िया थीं, मज़बूत थीं और लैपस्कि का मन भी था कि एक ऐसी ही जैकेट अपने लिए भी खरीदे लेकिन फिर उसे अपनी खूबसूरत बीवी का ख्याल हो आया। बीवी जो खूबसूरत तो थी लेकिन साथ ही झगड़ालू, जिद्दी और अफसराना भी थी जिसे अपने खाविंद की हर बात में मीन-मेख निकालने की बड़ी बुरी आदत थी।
तभी लेवाइन लौट आया।
“क्या कोई गड़बड़ है मिस्टर लेपस्कि?”—उसने एक कागज़ उनकी ओर बढ़ाया जिस पर उन चार ग्राहकों के नाम थे जिन्होंने वो जैकेट खरीदी थी।
“नहीं, कुछ खास नहीं मिस्टर लेवाइन”—लेपस्कि ने कागज़ का वो पुर्ज़ा थामते हुए कहा—“आपके इस सहयोग का शुक्रिया।”
दोनों वापिस अपनी पुलिस कार में आ बैठे और हासिल लिस्ट पर निगाह डालने लगे।
“केन ब्रैन्डन”—लेपस्कि ने यकायक उत्तेजित होते हुए कहा—“लिस्ट में मौजूद उसका नाम ही उसकी वहाँ घटनास्थल पर मौजूदगी को स्थापित करता है।”
“अभी नहीं—अभी नहीं”—जैकोबी ने शान्त स्वर में कहा—“अभी तो हमें यह भी नहीं पता कि उसकी जैकेट का ऐसा कोई बटन गायब है भी या नहीं।”
“मैं शर्त लगा सकता हूँ”—लेपस्कि ने कहा—“पिछली रात वो यकीनन वहाँ उस केबिन में उस लड़की के साथ था। वो दोनों एक साथ एक ही दफ्तर में काम करते हैं और ऐसे में उनके बीच इस किस्म के ताल्लुकात बन जाना कोई गैर-मामूली बात नहीं। मैंने खुद उस हाहाकारी लड़की को केवल दस मिनट देखा था और उतने में ही मेरा मामला गड़बड़ा गया था और ब्रैन्डन तो सारा दिन उसके साथ उस छोटे से दफ्तर में गुज़ारता है सो, मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि वो पिछली रात उस केबिन में कॉरेन के साथ मौजूद था।”
“हो सकता है, लेकिन यह उसके खिलाफ कोई खास सबूत नहीं।”—जैकोबी ने कहा—“मैं उसे निजी तौर पर जानता हूँ और मुझे नहीं लगता कि किसी मामूली वेश्या को यूँ इस तरह चीर-फाड़ देने लायक हिम्मत उसमें है।”
“लेकिन उसकी वहाँ घटना स्थल के आसपास मौजूदगी उसे संदेह के उस दायरे में तो लाती ही है जिसमें हम कातिल को मार्क करने की कोशिश कर रहे हैं।”
“हाँ—वो तो है”—जैकोबी ने हामी भरी और पूछा—“तो अब इस मामले पर आगे क्या किया जाए?”
“हम पूरे मामले पर अपनी रिपोर्ट आगे चीफ को देंगे।”— लेपस्कि, जो इस नई हासिल जानकारी के आधार पर कुछ कर गुज़रने को अमादा था, ने कहा—“आगे अगर वो राज़ी हुआ तो मैं खुद ब्रैन्डन से पूछताछ कर उसकी बखिया उधेड़ूंगा।”
“ठीक है—लेकिन उससे पहले क्या हमें इन खास बटनों वाले बाकी के तीन जैकेट के मालिकों से नहीं मिलना चाहिए?”
“हाँ—लेकिन पहले देखें तो सही वो तीन हैं कौन?”— लैपस्कि ने कागज़ का वो पुर्ज़ा संभालते हुए कहा—“सैम मैक्री—डिप्टी कमिश्नर ऑफ वर्क्स।”
“वह तो पिछले हफ्ते से न्यूयार्क में है।”
“हाँ—उसे छोड़ो। अगला नाम....हैरी बेन्टले का है जो गोल्फर है।”
“हैरी....”
“मैं उसे जानता हूँ और मानता हूँ, कि उस पर शक करना वक्त की बर्बादी है लेकिन फिर भी मैं उसे चैक करूँगा।”
“हम्म....और तीसरा नाम! वो कौन है?”
“साइरस ग्रेग।”
“साइरस ग्रेग....! क्या ये वही आदमी नहीं जो पांच महीने पहले एक सड़क हादसे में मारा गया था? वो काफी पैसे वाला था सो अब उसकी मौत के बाद उसका नाम लिस्ट में होना न होना, बराबर ही है।”
“तो उसे भी निकाल दिया जाए।”
“हाँ।”
“तो अब ऐसे में तो सिर्फ ब्रैन्डन ही बचता है।”
“मुझे याद है”—जैकोबी ने जैसे उसे सुना ही नहीं—“ग्रेग नए-नए फैशनेबल कपड़ों का शौकीन था। पता नहीं उसकी बीवी ने उनका क्या किया होगा।”
“बढ़िया—ऐसे ही ख्वाबों में खोए रहोगे तो पकड़ लिया हमने उस वहशी कातिल को!”
जैकोबी हड़बड़ाया।
“अब अपने ख्वाब से बाहर निकलो और कुछ हाथ-पाँव हिलाओ। मैं हेनरी बेन्टले को थामता हूँ और तुम ग्रेग के बारे में और मालूमात हासिल करो। फिर हम एक साथ एक ही बार पुलिस चीफ को रिपोर्ट देंगे।”
“ठीक है”—जैकोबी ने कहा और कार से उतर गया।
“याद रखना”—लेपस्कि ने कार बढ़ाते हुए कहा—“एक वहशी कातिल इस शहर की गलियों में आज़ादी और पूरी बेबाकी के साथ अपने शिकार की तलाश में निकला हुआ है और हमारे ऊपर, हमारे महकमे पर इस शहर की मासूम आवाम को कुछ भरोसा है। हमें उस भरोसे पर खरा उतरना है।”
“जी हाँ—मैं समझता हूँ।”
“बढ़िया—तो काम पर लग जाओ।”—लैपस्कि ने कार दौड़ा दी।
पीछे जैकोबी वापिस लेवाइन की दुकान पर पहुँचा।
“मिस्टर ग्रेग ने इत्तेफाकन जिस दिन इस जैकेट को खरीदा था, उससे ठीक अगले दिन उनकी एक हादसे में मौत हो गई थी।”—लेवाइन ने बताया—“मुझ याद है कि कैसे मिस्टर ग्रेग कोई सात महीने पहले यहाँ आए थे और उन्होंने इस जैकेट को खरीदा। अगली सुबह जब वो अपने दफ्तर जाने के लिए निकले तो किसी ने चोरी की कार उनकी कार में दे मारी। नतीजतन मिस्टर ग्रेग की वहीं मौके पर ही मौत हो गई।”
जैकोबी को भी वह हादसा याद था।
वो एक पुलिसवाला था और उसके शहर में ऐसे हादसे होना कोई आम बात या कोई रोज़-रोज़ घटने वाली घटना नहीं थी। वो शहर के एक रसूखदार शख्स की हादसे में हुई मौत का मामला था जो उन दिनों मीडिया में पूरी तरह छाया रहा था।
और इसीलिए जैकोबी को भी इस घटना की याद थी।
“पता नहीं मिस्टर ग्रेग की जैकेट का क्या हुआ होगा?”
“अब ये तो मुझे भी नहीं मालूम लेकिन हाँ, मिस्टर ग्रेग अपने पूरे वार्डरोब के लिए यहाँ मेरी दुकान पर ही निर्भर करते थे। उनके पास यहाँ से खरीदी गई ढेरों जैकेटें और सूट थे और अब जब उस दुखद हादसे में उनकी मौत हो गई है तो मुझे लगता है कि मिसेज ग्रेग ने वो सारे कपड़े किसी को दे दिए होंगे। मिस्टर ग्रेग के पास मोटा पैसा था लेकिन फिर भी—वो अपनी बीवी और अपनी औलाद—दोनों से परेशान थे।”
“क्या मतलब?”
“यह बात अपने तक ही रखिएगा मिस्टर जैकोबी”— लेवाइन ने राज़दार आवाज़ में कहा—“मैं और मिस्टर ग्रेग बहुत अच्छे से एक दूसरे को जानते थे और हमारे आपसी ताल्लुकात एक दुकानदार और ग्राहक के ताल्लुकातों से कहीं बढ़कर थे। हम अक्सर अपनी ज़िन्दगी में घट रहीं घटनाओं को एक दूसरे से शेयर करते थे और दोस्ती के उन्हीं पलों में मिस्टर ग्रेग ने यह बात मुझे खुद बताई थी।”
“मामला क्या है?”
“दरअसल मिस्टर ग्रेग ने कहा था कि उनकी बीवी— मिसेज़ ग्रेग—एक अजीब किस्म की औरत है जिसने उन पर— अपने पति पर—कभी कोई गौर नहीं किया। हालांकि खुद मिस्टर ग्रेग एक बढ़िया इंसान थे लेकिन उनकी बीवी को अपने खाविंद से ज़्यादा अपनी औलाद में दिलचस्पी थी। जिस दिन से उनके घर में उनका बेटा पैदा हुआ था, मिसेज़ ग्रेग ने अपनी सारी तवज्जो अपने बेटे पर केन्द्रित कर दी और अपने खाविंद से पूरी तरह विमुख हो गई थीं।”
“ओह....तो ये बात है। मिस्टर ग्रेग ने और भी कुछ कहा था क्या?”
“नहीं....लेकिन उल्टा मैंने ही उन्हें ये राय दी थी कि इन हालातों में वो अपने लिए किसी महिला दोस्त से रिश्ते बना लें, लेकिन मिस्टर ग्रेग खुदा का खौफ खाते एक पक्के कैथोलिक थे, सो उन्होंने मेरी इस राय को खड़े पैर नामंजूर कर दिया था।”
“ओह!”
“मिस्टर ग्रेग ने अकूत दौलत तो कमाई लेकिन बद्किस्मती देखिए कि यही दौलत उनके पारिवारिक जीवन की गुत्थियों को सुलझाने में कोई मदद न कर सकी। मिस्टर ग्रेग एक अरसे से अपनी मौजूदा जिन्दगी से नाखुश थे और उनकी यही फ्रस्ट्रेशन तब और बढ़ जाती थी जब उन्हें ये अहसास होता था कि उनका उनकी बीवी पर कैसा भी कोई होल्ड अब नहीं था। अपने बेटे के पैदा होने के बाद मिसेज़ ग्रेग की दुनिया अब बस वही बेटा था और उस दायरे में, उस घेरे में मिसेज ग्रेग के लिए उनके पति की भी कोई हिस्सेदारी नहीं थी।”
“हम्म....और मिस्टर ग्रेग का ये बेटा करता क्या है?”
“मालूम नहीं....मैं उसके बारे में कुछ नहीं जानता।”
“ठीक है”—जैकोबी ने उठते हुए कहा—“शायद मिसेज ग्रेग खुद बता सकें कि उन्होंने अपने पति की हादसे में हुई मौत के बाद उनकी उस जैकेट का क्या किया था।”
“ओह—तो तुम उनसे पूछताछ करने की सोच रहे हो?”
“हाँ।”
“ठीक है—लेकिन होशियार रहना। वो औरत पैसे वाली तो है ही लेकिन साथ में बेहद रूखी मिजाज़ की भी है। मुझे लगता है कि किसी भी मामले में किसी पुलिसवाले का उसके घर यूँ लपके आना उसे कोई खास पसंद नहीं आने वाला।”
“हम्म....शुक्रिया, हम इस बात का ध्यान रखेंगे। वैसे वो रहती कहाँ है?”
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