Hindi Kamuk Kahani एक खून और
06-25-2020, 01:47 PM,
#20
RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
लाऊँज के अधखुले दरवाज़े के पीछे छुपी खड़ी मिसेज़ ग्रेग, मिसेज ऐमिलिया ग्रेग ने, इतने अप्रत्याशित तौर पर वहाँ आ पहुँचे उन दो पुलिसियों और अपने बटलर रेनाल्ड्स के बीच हुए उस पूरे वार्तालाप को सुना।
अट्ठावन साल की एमिलिया ग्रेग ऊँचे लम्बे कद की स्थूलकाल सी महिला थी जिसका गोल चेहरा उस वक्त किसी पत्थर की तरह सख्त और सपाट था। उसके चेहरे की बनावट से ही उसके हाव-भावों में क्रूरता और उद्दंडता झलकती थी।
जब उसने सुना कि पुलिसिए वहाँ उस गोल्फ बाल वाले खास बटनों की गैरमामूली जैकेट की बाबत पूछताछ कर रहे हैं और रेनाल्ड्स ने उन्हें उक्त जैकेट को साल्वेशन आर्मी को दे दिए जाने के बारे में कहा है तो वह सिहर उठी।
खून आलूदा वो जैकेट और साथ में ग्रे कलर की एक पैन्ट अब उसके बेटे की मिल्कियत थी और वो दोनों कपड़े इस वक्त वहीं उसी इमारत की बेसमेन्ट में बने बॉयलर रूम में मौजूद थे।
उसने दोनों पुलिसियों को वहाँ से लौटते सुना तो अपने स्थान से हटकर भीतर एक कुर्सी पर जा बैठी।
अभी चन्द महीने पहले हुई अपने पति की एक कार हादसे में हुई मौत ने उसकी ज़िन्दगी को हैरतअंगेज़ तरीके से बिखेरकर, बदलकर रख दिया था।
उसके पति ने मरने से पहले अपनी सारी दौलत और जायदाद का वारिस उनकी इकलौती औलाद उनके बेटे क्रिसपिन, के नाम करने का फैसला किया था, उससे उसे करारा आघात लगा था। आगे अपने मरने के बाद किसी किस्म की मुकद्मेबाज़ी की स्थिति से बचने के लिए उसने क्रिसपिन को यह कहा कि वो जितना ठीक समझे अपनी माँ को मासिक खर्चा देता रहे।
यानि अपने मरने के बाद मिस्टर ग्रेग ने इस बात का पूरा और पक्का इंतज़ाम किया था कि एमिलिया अपने बाकी बचे दिन अपनी औलाद के आसरे काटे।
उस औलाद से हासिल होते उस मासिक भत्ते की आस में काटे जिस औलाद की बाबत मिस्टर ग्रेग का मानना था कि वो बिल्कुल अपनी माँ पर गया था।
माँ जो लालची, चालाक और धूर्त थी।
और औलाद जिसमें इन गुणों की मिकदार अपनी माँ से भी ज्यादा थी।
उस कार हादसे में मरने के बाद जब मिस्टर ग्रेग के अटार्नी ने उसे ‘मेरे मरने के बाद खोला जाए’ मार्का ख़त दिया, तब जाकर उसे पता चला कि कैसे उसके खाविंद ने अपनी सत्ताईस साला शादीशुदा ज़िन्दगी में की गई उसकी सेवा का बदला दिया था।
वो ख़त उसकी बर्बादी का मज़नून था जिसमें उसे लिख छोड़ा था—
ऐमिलिया,
तुमने अपनी पूरी जिन्दगी में बस दो ही बातों पर सिर धुना है कि कैसे तुम हमारे बेटे को पूरी तरह अपने काबू में रख सको और कैसे तुम मुझसे ज़्यादा-से-ज़्यादा पैसा ऐंठ सको। क्रिसपिन के पैदा होने के बाद मैं तुम्हारे लिए सिर्फ तुम्हारा बैंक अकाऊन्ट था, और कुछ नहीं। मैं जानता हूँ कि क्रिसपिन तुम पर गया है और मक्कारी और चालाकी में तो वो तुमसे भी बेहतर है। उसमें वो सारे गुण मौजूद हैं जो मुझे तुममें दिखते हैं। बल्कि उसमें वही गुण तुमसे कहीं बेहतर, कहीं आगे हैं। इसीलिए मैंने ये फैसला किया है कि मेरे मरने के बाद मेरी इस जायदाद, मेरी इस दौलत पर पूरा हक क्रिसपिन का होगा। वो मुझे पूरी उम्मीद है कि इस दौलत के अपने हाथ आते ही फौरन अपना असली रंग दिखाएगा और आगे तुमसे ऐन वैसा ही बर्ताव करेगा जैसा कि तुम्हारा मेरे साथ रहा है।
मेरी इस तहरीर को मेरी वसीयत माना जाएगा जिसे किसी भी तरह न तो बदला जा सकेगा और न ही उसे रद्द किया जा सकेगा।
इतना ही नहीं, अगर क्रिसपिन खुद किसी वजह से मर जाता है तो भी ये सारी जायदाद, ये सारी दौलत आगे तुम्हें नहीं बल्कि कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट को चली जाएगी।
उस स्थिति में तुम्हें केवल दस हज़ार डॉलर सालाना भत्ता मिलेगा।
अब जब क्रिसपिन को इस बात का अहसास होगा कि वो तुम पर निर्भर नहीं, तब वो अपने असली रूप में आएगा। तब तुम्हें पता चलेगा कि हमारी औलाद कई मायनों में तुमसे भी बेहतर है। मक्कारी, जालसाज़ी और कमीनगी की जिन ऊँचाइयों पर वो बैठा है, वहाँ से वो तुम्हें अपना असली चेहरा दिखाएगा—ऐसे जैसा कि कभी तुमने मुझे दिखाया था। और तब तुम्हें मेरी वक़त होगी। तब जाकर तुम्हें मेरी कद्र होगी। जब तुम मेरे इस ख़त को पढ़ रही होगी, मैं मर चुका होऊँगा लेकिन क्रिसपिन ज़िन्दा होगा। होशियार रहना एमिलिया— और याद रखना मेरी बात।
वो एक सख्तजान स्वेच्छाचारी आदमी बनेगा और मुझे इस ख्याल से बड़ी राहत मिलती है कि कैसे उसका यही चालचलन—जो दरअसल तुम्हारी ही देन है—अब तुम्हें ही भारी पड़ने वाला है।
तुम्हें उस पर हावी रहने का इतना भूत सवार था कि तुमने कभी अहसास ही नहीं किया कि वो कोई आम आदमी नहीं है।
वो अलग है।
सबसे अलग
और जिसे किसी डॉक्टर के कंसल्टेशन की ज़रूरत है।
तुमने कभी मेरी इस गुहार पर कान नहीं दिए और अब यही बात तुम्हारी आईन्दा ज़िन्दगी का रुख तय करेगी।
इस असलियत का—कि हमारी औलाद कैसी है—तुम्हें तब पता चलेगा जब वो मेरी दौलत पर काबिज़ हो जाएगा।
हस्ताक्षर
(साइरस ग्रेग)
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RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और - by desiaks - 06-25-2020, 01:47 PM

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