RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
लूइस डी मारने उदास था। उसकी नजरों में केनड्रिक की यह जिद बेवकूफाना थी कि शनिवार के दिन दोपहर बाद भी गैलरी को खोला जाए। केनड्रिक की इस बात को भी वह बेहूदा समझता था कि सारे स्टाफ की तो उस रोज छुट्टी रक्खी जाए मगर हैड सेल्समैन होने के नाते लुइस का यहां रहना जरूरी था।
इन दोनों कारणों से उदास होने के अलावा वह कुपित भी था। ग्रेग की विला में जाकर शराबी बटलर से पेंटिंग लाने के बाद गैलरी में आकर जब उसने ग्रेग की बनायी प्राकृतिक दृश्य की पेंटिंग के ऊपर लिपटा कागज हटाया तो सचमुच उस पर क्रोध मिश्रित बौखलाहट सवार हो गई थी।
“हम इसे गैलरी में नहीं लगा सकते।” लगभग चीखते हुए उसके केनड्रिक से कहा—“देखो तो क्या बकवास है?”
केनड्रिक ने निराश भाव से पेंटिंग का अध्ययन किया और बोला—“बहुत एडवान्स्ड है।”
“एडवान्स्ड?” लुइस बिफर कर बोला—“यह कला का अपमान है। इसे गैलरी में लगाना गैलरी की तौहीन करना है।”
“शांति से काम लो, लुइस।” केनड्रिक ने उसे झिड़क दिया—“इसे विंडो में लगा दो। मैं इसे डिस्प्ले करने के लिए कह चुका हूँ इसलिए डिस्प्ले तो करूंगा ही और फिर यह भी मत भूलो कि उससे हमें चालीस हजार डालर लेने हैं।”
लुइस ने साइड विंडो साफ करके ईजल पर ग्रेग की पेंटिंग लगा दी। फिर अपने डेस्क पर बैठकर क्रोध पर काबू पाने का यत्न करने लगा।
जब लेपस्कि गैलरी में दाखिल हुआ तो वह एक मैगजीन द्वारा स्वयं को बहलाने की नाकाम कोशिश कर रहा था।
लुइस उसे देखते ही सहम गया। वह शहर के प्रत्येक पुलिसमैन को पहचानता था। लेपस्कि तो उसकी नजरों में बेहद फसादी आदमी था। उसने तुरंत कारपेट के नीचे छुपा एक बटन दबा दिया। केनड्रिक के डेस्क पर एक लाल बल्ब जलने लगा। वह समझ गया बाहर पुलिस मौजूद थी। उसकी गैलरी में कोई अवांछनीय वस्तु नहीं थी, इसलिए डरा तो नहीं मगर उसे ताज्जुब जरूर हुआ। पिछले छह महीने से पुलिस उसके पास नहीं आई थी।
वह कुर्सी से उठा। शीशे के सामने जाकर विग सर पर ठीक से सैट किया, दबे पांव दरवाजे के पास जाकर दरवाज़ा खोला और सुनने लगा।
लुईस कुर्सी से उठा। उसकी चूहे जैसी शक्ल पर मुस्कराहट पुत गई।
“डिटेक्टिव लेपस्कि”—वह कदमों में बिछता हुआ-सा बोला— “आओ। शायद अपनी खूबसूरत बीवी के लिए किसी उपहार की तलाश है, वाकई सही जगह आ पहुंचे हो। ऐसी चीज दूंगा कि फड़क उठोगे और कीमत भी तुम्हारे लिए खासतौर से रियायती होगी।”
इस स्वागत से चकित लेपस्कि पहले तो हिचका फिर लुइस को पुलिसिया अंदाज में घूरा।
“मैं जानना चाहता हूं कि विंडो में लगी लाल चांद वाली पेंटिंग किसने दी है।”
केनड्रिक ने सोचा, अब उसका वहाँ उस वार्तालाप में पहुंचना ही उचित था। सो, वह भारी कदमों से गैलरी में आ गया।
“ओह, फर्स्ट ग्रेड डिटेक्टिव लेपस्कि”—केनड्रिक ने नकली खुशी का इजहार किया—“आओ, स्वागतम्। तुम विंडो में लगी पेंटिंग के बारे में पूछ रहे हो?”
“मैं उस पेंटिंग के पेंटर का नाम जानना चाहता हूं।” लेपस्कि कटुतापूर्वक बोला।
“पेंटर का नाम?” केनड्रिक ने भौंहें चढ़ाईं और कुछ सोचने का अभिनय करता हुआ बोला—“इसे किसने पेंट किया है? यह तो बड़ी भारी समस्या है, डिटेक्टिव लेपस्कि। क्योंकि मैं पेंटर को नहीं जानता।”
“क्या मतलब?” लेपस्कि का स्वर ऐसा था जैसे भारी हथौड़ा गिरा हो।
“अगर मेरी याद्दाश्त धोखा नहीं दे रही है तो कोई आर्टिस्ट इसे बेचने के लिए हमारे पास छोड़ गया था। हालांकि पेंटिंग में अपनी अलग खूबी तो है, मगर इसकी कीमत खास नहीं है। मैं इसे सिर्फ पचास डॉलर में बेच सकता हूँ।”
“दिस इस पुलिस बिजनेस।” लेपस्कि पैनी आवाज में बोला—“मैं आर्टिस्ट का नाम जानना चाहता हूं।”
“मेरी जानकारी के मुताबिक न तो उसने अपना नाम ही हमें बताया था और न ही पेंटिंग पर कहीं दस्तखत किए हैं। उसने फिर आने के लिए कहा था लेकिन अभी तक तो आया नहीं है।”
“पेंटिंग कब दे गया था तुम्हें?”
“चन्द हफ्ते हुए होंगे।” कहकर केनड्रिक ने लुइस से पूछा—“तुम्हें कुछ याद है?”
“नहीं।”—लुइस ने लापरवाही से इन्कार कर दिया।
“उस आर्टिस्ट का हुलिया कैसा था?” लेपस्कि ने पूछा।
“हुलिया?”—केनड्रिक पर उदासी छा गई—“दरअसल मैंने उसे डील नहीं किया था। तुम्हें याद है लुइस?”
“मैंने भी उसे डील नहीं किया।” लुइस के स्वर में पूर्ववत् लापरवाही थी।
लेपस्कि समझ गया कि दोनों ही झूठ बोल रहे थे।
“फिर वह किससे मिला था?”
“मेरे स्टाफ का ही कोई आदमी रहा होगा।”
“मैं पहले भी कह चुका हूँ कि यह पुलिस बिजनेस है।” लेपस्कि स्वयं पर काबू पाकर बोला—“हमारे सामने कुछ ऐसे कारण हैं जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि इस पेंटिंग के पेंटर का जेनी बैडलर और लू बून की हत्याओं में हाथ है। इन दोनों मृतकों के बारे में तो तुमने सुना ही होगा।”
केनड्रिक को पल भर के लिए दिल की धड़कन रुकती-सी प्रतीत हुई, लेकिन अपने मनोभावों पर काबू पाने में वह पूरा माहिर था। उसने मात्र अपनी भौंहें चढ़ाईं।
“यह तुम किस आधार पर कह सकते हो?”
“इस बात को भूलकर उसका हुलिया बताओ। वह आदमी हत्यारा हो सकता है।”
केनड्रिक ने क्रिसपिन ग्रेग के बारे में सोचा। उस पर बाकी अपने चालीस हजार डालर भी उसे याद आ गए।
“मैं अपने स्टाफ से पूछूंगा, डिटेक्टिव लेपस्कि। शायद उनमें से किसी को याद हो। आज तो शनिवार की वजह से वे सब छुट्टी कर गए हैं।”
लेपस्कि को लगभग पूरा यकीन था कि उसे धता बसाई जा रही थी।
“मैं बताए देता हूँ”—वह बोला—“हमें जिस आदमी की तलाश है उसके बाल छोटे-छोटे हैं, कद करीब छह फीट और हाथ कलाकारों जैसे। वह आखिरी बार, सफेद गोल्फ बॉल बटनों की नीली जैकेट, हल्की नीली पेंट और गक्की शूज पहने देखा गया है। हमारे पास सबूत है कि ये दोनों नृशंसतापूर्ण हत्याएँ उसी ने की हैं। अब मैं आखिरी बार पूछता हूँ कि इस पेंटिंग का पेंटर कौन है?”
केनड्रिक को अपनी पीठ पर ठंडा पसीना बहता महसूस हुआ। क्षण मात्र के लिए वह सहम गया और उसका यह सहमना लेपस्कि ने भी साफ नोट किया।
केनड्रिक का खुराफाती दिमाग फौरन सक्रिय हो गया। क्रिसपिन का वह खौफनाक अन्दाज उसे अभी तक याद था।
क्या वह हत्यारा हो सकता था?
मान लो हत्यारा था? मान लो उसने—केनड्रिक ने—उसे गिरफ्तार करा दिया?
तब चालीस हजार की रकम डूब जाएगी।
सुलेमान पैन्डेंट दुबारा नहीं बेचा जा सकता।
“मुझे इसकी गम्भीरता का कोई आइडिया नहीं है।” वह नकारात्मक सर हिलाकर बोला—“मेरा यकीन करो, डिटेक्टिव लेपस्कि। सोमवार को मेरा स्टाफ आएगा। मैं उनसे मालूम करूंगा। बल्कि बेहतर तो यह होगा कि सोमवार की सुबह तुम खुद ही आकर उनसे पूछ लो।”
“तुम्हारा स्टाफ कहां है?” लेपस्कि गुर्राया।
“ओह, यह भला मैं कैसे जान सकता हूं? वीकएंड है। न मालूम कौन कहां गया होगा। लेकिन सोमवार को वे सब यहीं मिलेंगे।”
“सुनो”—लेपस्कि का स्वर ठेठ पुलिसमैन जैसा था—“याद रखना कि इस आदमी को छुपाने वाला दो-दो हत्याओं में उसका सहयोगी समझा जायेगा। मैं सोमवार सुबह को आऊंगा।”
लेपस्कि के गैलरी से बाहर जाते ही केनड्रिक ने लुइस की ओर देखा।
“मुझे इस मुसीबत में मत फंसाना।” लुइस चिल्लाया— “तुमने बता क्यों नहीं दिया था? दो-दो हत्याओं में सहयोगी।”
“बता दूं”—केनड्रिक ने अपनी विग नोंच फेंकी—“ग्रेग मेरा चालीस हजार का कर्जदार है।”
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