RE: Hindi Kamuk Kahani एक खून और
जेकोबी सहित अपनी कार में बैठा लेपस्कि एकेशिया ड्राइव की ओर जाती केन की कार का पीछा कर रहा था।
“तुम जानते हो कि तुम क्या कर रहे हो?” जेकोबी चिन्तित स्वर में बोला—“अगर कोई गड़बड़ हो गई तो चीफ हमारी खालें खिंचवा देगा। तुम्हें पहले चीफ को रिपोर्ट देनी चाहिए थी।”
“क्यों मरे जा रहे हो?”—लेपस्कि बोला—“तुम अच्छी तरह जानते हो कि अगर मैं चीफ को रिपोर्ट देता तो उसने दुनिया भर की फच्चर डाल देनी थीं। अब हम इस केस को निपटाकर ही रहेंगे, मैक्स।”
“ब्रेन्डन का क्या होगा?” जेकोबी ने पूछा—“मान लो, वह मुसीबत में फंस गया? मान लो, ग्रेग ही वास्तविक हत्यारा है? हम जानते हैं कि हत्यारा पागल है। अगर उसने ब्रेन्डन की हत्या कर दी तब? हमारा क्या हश्र होगा?”
“तुम फिक्र मत करो”—स्वयं लेपस्कि भी कम चिन्तित नहीं था, मगर प्रगट में बोला—“हम ब्रेन्डन की रक्षा करेंगे। इसीलिए मैंने तुम्हें बुलाया है।”
“क्या तुमने ब्रेन्डन को सावधान कर दिया था कि वह परेशानी में पड़ सकता था?”
“देखो, मैक्स, ब्रेन्डन इनाम के चक्कर में हमारे साथ सहयोग कर रहा है।”—लेपस्कि ने कहा, हालांकि वह जानता था, ब्रेन्डन को सचेत कर देना चाहिए था—“अगर वह ग्रेग की शिनाख्त कर देता है तो दो लाख डालर पा जाएगा।”
“हां, बशर्ते पहले ही मारा न गया।”—जेकोबी बोला—“वैसे उसे गोल्फ बॉल जैकेट पहनाने का तुम्हारा आइडिया भी कम जोरदार नहीं है।”
“अगर ग्रेग हत्यारा है तो जैकेट देखते ही उखड़ जाएगा”— लेपस्कि ने कहा—“वरना जैकेट का उस पर कोई असर नहीं होगा। ये पागल मानसिक दबाव पड़ने पर आसानी से बोल जाते हैं और फिर दो लाख डालर हासिल करने के लिए कुछ रिस्क भी तो दरकार है।”
“तुमने ब्रेन्डन को सावधान कर दिया था?” जेकोबी ने पुनः पूछा।
“मैंने उसे समझा दिया था कि कोठी के अन्दर न जाए”— लेपस्कि ने बेचैनी से पहलू बदला—“बस दरवाजे में खड़ा रहे ताकि हम उसे बराबर वॉच कर सकें।”
अब तक वे एकेशिया ड्राइव पहुंच चुके थे और योजनानुसार ग्रेग की कोठी से करीब सौ गज पहले केन ने कार रोक दी।
“आओ चलें।”—लेपस्कि ने कहा और जेकोबी सहित अपनी कार से उतरकर केन की कार की ओर बढ़ गया।
“जाओ, मि. केन”—उसकी कार की खिड़की से झांककर लेपस्कि बोला—“याद रखना कि तुम्हें कोठी के अन्दर नहीं जाना है। बटलर से कहना तुम मि. ग्रेग से बस दो बातें करना चाहते हो। अगर वह तुम्हें अन्दर आने के लिए कहे तो बता देना कि तुम्हारी कार गलत जगह पार्क्ड है। बस एक मिनट से ज्यादा नहीं लगेगा। तुम्हें सिर्फ गौर से ग्रेग को देखना भर है। ओके?”
स्टियरिंग पर रखे केन के हाथों में कंपकंपाहट थी।
“ग्रेग खतरनाक साबित हो सकता है?” उसने फंसे स्वर में पूछा।
“ओह, तुम घबराओ मत।”—लेपस्कि ने बेचैनी से पहलू बदला—“बस दरवाजे में ही खड़े रहना, ताकि हमें दिखाई देते रहो।”
“मान लो, मुझे अन्दर जाना पड़ गया।”—केन को पसीना छूटने लगा था।
“तुम अंदर नहीं जाओगे।”—लेपस्कि उच्च स्वर में बोला—“अगर ग्रेग वही आदमी है जिसकी हमें तलाश है तो अपनी मां और बटलर की मौजूदगी में वह कुछ नहीं करेगा। तुम्हें दो लाख डालर हासिल हो सकते हैं।”—कार की खिड़की में हाथ डालकर उसने केन का कंधा थपथपाया—“तुम फिक्र मत करो, मिस्टर ब्रेन्डन। हम ठीक तुम्हारे पीछे रहेंगे।”
केन हिचकिचाया, फिर इनाम के बारे में सोचा और फिर विवशतापूर्वक मुस्करा दिया।
“ओके….मैं जा रहा हूँ।”
वह ग्रेग की कोठी की ओर कार ड्राइव करने लगा। ड्राईविंग मिरर में, लेपस्कि और जेकोबी पैदल ही कार के पीछे आते दिखाई दिए। न चाहने के बावजूद भी लेपस्कि के आग्रह पर उसे गोल्फ बॉल जैकेट पहननी पड़ी थी। कोठी के बाहर कार पार्क करके वह नीचे उतरा और धीरे-धीरे ड्राइव-वे की ओर चल दिया। उसने पीछे नजर डाली। दोनों डिटेक्टिव अंदर आकर फूलों की झाड़ के पीछे छुपते दिखाई दे गए।
कोठी के दरवाजे पर पहुंचकर उसने हौसला जुटाते हुए डोरबैल बटन पुश कर दिया।
अन्दर कहीं घंटियां बजने की आवाज सुनाई दी। गर्म धूप में खड़ा वह धड़कते दिल से प्रतीक्षा करने लगा। अन्दर से किसी हलचल का आभास न पाकर उसने व्याकुलता पूर्वक पीछे देखा, लेकिन डिटेक्टिव नजर नहीं आए। डरते-डरते उसने दुबारा घंटी का बटन दबा दिया। घंटी की आवाज के अलावा पूरी कोठी में गहरी निस्तब्धता व्याप्त थी।
उसने रूमाल निकालकर चेहरे से पसीना पोंछा और राहत महसूस करते हुए सोचा कि शायद घर में कोई नहीं था।
वह निराश-सा हो गया।
दो लाख डालर का सपना टूटने लगा।
इन्तजार में ऊबने के बाद ठीक उस वक्त जबकि वह पलटकर अपनी कार की तरफ लौट रहा था—दरवाजा खुला।
फूलों की बाड़ के पीछे छुपे लेपस्कि और जेकोबी ने केन को सीढ़ियों से उतरते, फिर रुककर मुड़ते देखा। उन्होंने देखा कि दरवाजा खुल गया था लेकिन इससे ज्यादा कुछ दिखाई नहीं दिया। केन मुड़कर वापिस ऊपरी सीढ़ी पर जा खड़ा था और उसकी चौड़ी पीठ ही उन्हें नजर आ रही थी।
केन को सबसे पहले पालिश से चमकते दो गक्की शूज दिखाई दिए। फिर निगाहें ऊपर उठाईं।
सामने ऊंचे कद और सुनहरी बालों वाला एक युवक खड़ा मुस्करा रहा था।
ऊँचा कद।
सुनहरी बाल।
गक्की शूज।
इसी आदमी की तो तलाश थी पुलिस को।
केन का मुंह सूख गया। उसके अन्तर्मन ने चेतावनी दी कि पलटकर भाग खड़ा हो, लेकिन वह स्तब्ध खड़ा रह गया।
सम्मोहित-सा।
“कहिए”—क्रिसपिन नम्रतापूर्वक बोला।
“तकलीफ देने के लिए माफी चाहता हूं”—केन ने स्वयं को संयत करके पूछा—“तुम मिस्टर ग्रेग हो?”
“जैकेट तो बढ़िया पहन रखी है तुमने”—क्रिसपिन ने कहा—“मेरे पिता के पास भी ऐसी ही एक जैकेट थी। खैर....चाहते क्या हो तुम?”
“मैंने खामाखाह तुम्हें डिस्टर्ब कर दिया।”—केन ने सूखे होंठों पर जुबान फिराई—“अब नहीं। फिर कभी आऊंगा”—और एक कदम पीछे हटा, फिर ठिठक गया।
क्रिसपिन के हाथ में पिस्तौल थी, जिसका रुख सीधा उसी की ओर था।
“अगर मरना नहीं चाहते हो तो अन्दर आ जाओ।”— क्रिसपिन चुभती आवाज में बोला और थोड़ा पीछे हट गया।
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