Free Sex kahani आशा...(एक ड्रीमलेडी )
06-28-2020, 01:57 PM,
#15
RE: Free Sex kahani आशा...(एक ड्रीमलेडी )
करीब १०-१२ दिन बीत गए हैं ---

पिछली घटना को हुए --- |

आशा की नौकरी लग गई है स्कूल में --- नॉन टीचिंग स्टाफ कम रिजर्व्ड टीचर के रूप में --- कभी कोई टीचर नहीं आ पाए तो उसके जगह आशा क्लास ले लेती --- हालाँकि रणधीर बाबू के पास आप्शन तो था, आशा को नर्सरी या जूनियर क्लासेज में टीचर नियुक्त करने का --- पर इससे होता यह कि वह आशा को हर वक़्त अपने पास नहीं पाता --- नॉन टीचिंग स्टाफ़ बनाने से वह जब चाहे आशा को अपने कमरे में बुला सकता है और जो जी में आये कर सकता है | आशा तो पहले ही सरेंडर कर चुकी है --- मौखिक और लिखित --- दोनों रूपों में; --- इसलिए उसकी ओर से रणधीर बाबू को रत्ती भर की चिंता नहीं थी --- और आशा के अलावा जितनी भी लेडी टीचर्स हैं स्कूल में; उन सबको रणधीर बाबू बहुत अच्छे से महीनों और सालों तक भोग चुके हैं – रणधीर बाबू के स्कूल में काम करना अपने आप में एक गर्व की बात है जो हर किसी के भाग्य में नहीं होता --- इसके अलावा भी, रणधीर बाबू उन सबको समय समय पर इन्क्रीमेंट, हॉलीडेज, और दूसरे सुविधाएँ देते रहते थें --- |

इसलिए, स्कूल छोड़ कर जाना किसी से बनता नहीं था ---

और जितने मेल टीचर्स हैं, वे सब रणधीर बाबू के मैनपॉवर से डरते हैं --- कई नामी गुंडों, नेताओं, मंत्रियों, पुलिस और वकीलों के साथ जान पहचान और उठना-बैठना है | इन सब के बीच रणधीर बाबू की छवि एक बहुत बड़े और पैसे वाले बिज़नेसमैन, ऐय्याश आदमी और अपने काम के लिए किसी भी हद तक गुज़र जाने वाले एक ज़िद्दी इंसान के रूप में प्रचलित है ---

खुद को हरेक दिशा, हरेक कोण से पूरी तरह सुरक्षित कर रखे हैं ये रणधीर बाबू ---

आम इंसान जिस कानून से डरता है,

रणधीर बाबू का उसी के साथ उठना बैठना है ---

जो उसका (रणधीर) साथ दिया--- उसका वारा न्यारा

और जो कोई भी विरोध करने के विषय में सोचने के बारे में भी कभी भूल से सोचा ---

रणधीर बाबू उसका ऐसा इंतज़ाम लगाते कि वह फ़िर कभी कोई भूल करने की स्थिति में न रहा |

पर साथ ही रणधीर बाबू की ख़ासियत भी हमेशा से यह रही की वे कभी भी अपने चाहने वालों को निराश नहीं करते --- फ़िर चाहे कभी किसी हॉस्पिटल का खर्चा उठाना हो --- या नौकरी दिलवाना --- कहीं एडमिशन करवाना हो ---- या फिर नगद (कैश) सहायता ---- कभी पीछे नहीं हटते |

जैसे,

उसी के शागिर्द / चमचों में किसी ने अगर किसी ज़रूरी काम के लिए एक लाख़ रुपए माँगे ; तो रणधीर बाबू उसे दो लाख़ दे देते ---- और दिलदारी ऐसी की बाकि के पैसों के बारे में कुछ पूछते भी नहीं |

किसी शागिर्द / चमचे के घर का कोई सदस्य अगर अस्पताल में है और पैसे कम पड़ रहे हैं तो रणधीर बाबू को पता चलते ही डॉक्टर के बिल से लेकर अस्पताल और दवाईयों के बिल तक चुका देते हैं --- |

रणधीर बाबू को पार्टियों का भी बहुत शौक है ---

अक्सर ही पार्टी देते रहते हैं --- और ऐसी वैसी नहीं ---- बिल्कुल टॉप क्लास की --- हाई फाई लेवल की --- |

और ऐसी पार्टियों में, कानून के पैरोकार हो या उसके रक्षक , मंत्री --- नेता ---- सब अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाते --- |

पार्टियों में जम कर शराब --- शवाब --- और कबाब परोसा जाता ---

और इन सब का बिल जाता रणधीर बाबू के खाते में --- और बिल भी हज़ारों में नहीं ---

वरन लाखों में होते --- जिनका भुगतान बड़े शौक से करते हैं बाबू --- ‘रणधीर बाबू’ |

अब भला ऐसे आदमी को किसका डर--- किस बात का डर ?!

------

इन्हीं दस - बारह दिनों में कई बार छू चुके हैं आशा को रणधीर बाबू ---- और जाहिर ही है की केवल छूने तक खुद को सीमित नहीं रखा है उन्होंने --- अपने रूम में बुला कर बेरहमी से चूचियों को मसलना, देर तक किस करना---- नर्म, फ्लेवर वाले लिपस्टिक लगे होंठों को चूसते रहना --- टेबल के नीचे घुटनों के बल बैठा कर लंड चुसवाना --- ये सब करवाए – किए बिना तो जैसे रणधीर बाबू को दिन ; दिन नहीं लगता और रात को तो नींद आती ही नहीं |

हद तो तब होती जब रणधीर बाबू घंटों आशा को अपनी गोद में बैठाए, मेज़ पर रखे ज़रूरी फाइल्स के काम निपटाते और बीच – बीच में दूसरे हाथ से आशा के नर्म, गदराये, बड़े-बड़े, पुष्टकर चूचियों को पल्लू के नीचे से दम भर दबाते रहते ---

और अगर इतने में कोई लेडी स्टाफ़ / लेडी टीचर किसी काम से कमरे में आने के लिए बाहर से नॉक करती तो आशा को बिना गोद से उतरने को कहे ही स्टाफ़/टीचर को अंदर आने की परमिशन देते और उनके सामने भी आशा की चूचियों के साथ साथ जिस्म के दूसरे हिस्सों से खेलते रहते --- |

बेचारी लेडी स्टाफ़ मारे शर्म के कुछ कह नहीं पाती और ---

यही हालत आशा की भी होती --- |

शर्म – ओ – ह्या से आशा का चेहरा लाल होना और हल्के दर्द में एक तेज़; धीमी सिसकारी लेना रणधीर बाबू को बहुत अच्छा लगता है --- और यही कारण है कि जब आशा को गोद में, बाएँ जांघ पर बैठा कर बाएँ हाथ से --- पल्लू के नीचे से --- बाईं चूची के साथ खेलते हुए मेज़ पर रखी फ़ाइलों पर दस्तख़त या कुछ और कर रहे होते और अगर तभी कोई लेडी स्टाफ़ आ जाए रूम में तो उसके सामने आ कर खड़े या बैठते ही रणधीर बाबू अपने बाएँ हाथ की तर्जनी अंगुली और अँगूठे को अपनी थूक से थोड़ा भिगोते और दोबारा पल्लू के नीचे ले जाकर उसकी बायीं चूची के निप्पल को ट्रेस करते और निप्पल हाथ में आते ही तर्जनी अंगुली और अंगूठे से उसे पकड़ कर ज़ोर से मसलते हुए आगे की ओर खींचते ---

और हर बार ऐसा करते ही ---

आशा भी दर्द के मारे --- ज़ोर से कराह उठती ----

शुरू शुरू में तो लेडी स्टाफ़ चौंक जाती कि ‘अरे क्या हुआ?!’ ----

पर मामला समझ में आते ही शर्म वाली हँसी रोकने के असफ़ल प्रयास में बगलें झाँकने लगती --- |

पर धीरे धीरे ये रोज़ की बात हो गई ---

रोज़ ही कोई न कोई लेडी स्टाफ़ रूम में आती ---

रोज़ ही आशा, रणधीर बाबू की गोद में बैठी हुई पाई जाती ---

और रोज़ ही लेडी स्टाफ़ के सामने ही,

रणधीर बाबू, तर्जनी ऊँगली और अंगूठे पर थूक लगाते ---

और,

फिर, उसी तर्जनी ऊँगली और अंगूठे के बीच दबा कर निप्पल को मसलते हुए आगे की ओर खींचने लगते,

और;

रोज़ ही की तरह, हर बार आशा दर्द से एक मीठी आर्तनाद कर उठती --- !

और फ़िर,

दोनों ही --- लेडी स्टाफ़ --- जो कोई भी हो --- वो और आशा दोनों ही मारे शर्म के एक दूसरे से आँखें मिलाने से तब तक बचने की कोशिश करती जब तक वो लेडी स्टाफ़ वहाँ से उठ कर चली नहीं जाती ---

और उसके जाते ही आशा थोड़ा गुस्सा और थोड़ा शिकायत के मिले जुले भाव चेहरे पे लिए रणधीर बाबू की ओर देखती --- और रणधीर बाबू एक गन्दी हँसी हँसते हुए उसके चूचियों से खेलते हुए उसके चेहरे और होंठों को चूमने – चूसने लगते |

धीरे धीरे कुछ लेडी टीचर्स को यह बात खटकने लगी की हालाँकि रणधीर बाबू ने उन लोगों के साथ भी काफ़ी मौज किये हैं; पर आख़िर ये आशा नाम की बला में ऐसी क्या ख़ास बात है जो रणधीर बाबू हमेशा --- सुबह – शाम उसके साथ चिपके रहते हैं ---

सुन्दर तो वाकई में वो है ही ---

बदन भी अच्छा खासा भरा हुआ है ---

ये दो ही बातें तो चाहिए होती हैं किसी भी मर्द को अपना गुलाम बनाने के लिए --- और रणधीर बाबू की बात की जाए तो वो गुलाम बनने वालों में नहीं बल्कि बनाने वालों में से हैं ---

और जो बंदा दूसरों को अपना गुलाम बनाने में माहिर हो --- वह इस एक औरत के पीछे लट्टू हुए क्यूँ घूमेगा भला ??

कोई तो ख़ास वजह होगी ही --- पर क्या ---

ये बात उन लेडी टीचर्स को समझ न आती थी --- और आती भी कैसे --- रणधीर बाबू तो वो हवसी शिकारी है जो हर खूबसूरत औरत को अपना बनाने में लगा रहता है और पहली बार आशा के रूप में उसे वह रत्न मिली जिसे पा कर वह दूसरी सभी औरतों को कुर्बान कर सकता था --- या अब यूँ कहा जा सकता है कि लगभग कुर्बान कर चुके हैं ---

आशा के स्कूल ज्वाइन करने के बाद से ही शायद ही रणधीर बाबू ने किसी ओर औरत के बारे में शायद ही सोचा होगा --- ये और बात है कि रणधीर बाबू के द्वारा; स्कूल के गैलरी या लॉबी में चलते वक़्त कोई लेडी टीचर मिल जाए तो उसके होंठों पर किस करना --- या बूब्स मसल देना या फ़िर पिछवाड़े पर ‘ठास !’ से एक थप्पड़ रसीद देना; ---- ये सब बहुत कॉमन था और चलता ही रहता था और आगे भी न जाने कितने ही दिनों तक चलता रहेगा --- |

उन्हीं टीचर्स में एक है मिसेस शालिनी --- स्कूल में बहुत पहले से टीचर पोस्ट पर पोस्टेड है, पर उम्र में आशा से छोटी है --- चौंतीस साल की --- चूचियाँ उसकी आशा जैसी तो नहीं पर छत्तीस के आसपास की है --- गोल पिछवाड़ा --- आशा के तुलना में पतली कमर --- आशा जैसी दूध सी गोरी भी नहीं पर रंग फ़िर भी साफ़ है --- कह सकते हैं की वो भी गोरी ही है --- दोनों गालों पर दो-तीन पिम्पल्स हैं --- अधिकांश वो सलवार कुरता ही पहनती है --- कुछ ख़ास मौकों पर ही साड़ी पहनना होता है उसका |

शालिनी पिछले सप्ताह भर से देख रही है कि रणधीर बाबू उसकी तरफ़ कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहे हैं --- जबकि वो उनकी फेवरेट हुआ करती थी |

ठरकी बुड्ढे से कोई विशेष तो क्या ; रत्ती भर की कोई प्यार व्यार की गुंजाइश नहीं रखती है शालिनी ---

पर अचानक से ही पता नहीं क्यूँ ,

वो थोड़ा इंसिक्योर सा फ़ील करने लगी है ---

आशा जाए भाड़ में --- पर अगर बुड्ढा भी उसके साथ भाड़ में चला गया तो ??

खैर,

उसने तय कर लिया कि वह धीरे धीरे आशा के करीब आएगी और एक दिन सारे राज़ जान कर उसे ब्लैकमेल कर के या तो स्कूल से हटा देगी या फ़िर किसी तरह आशा को साइड कर फ़िर से बुड्ढे के दिल ओ दिमाग में अपने लिए जगह बना लेगी |

--------

Reply


Messages In This Thread
RE: Free Sex kahani आशा...(एक ड्रीमलेडी ) - by desiaks - 06-28-2020, 01:57 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,454,674 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,131 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,208 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,143 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,625,963 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,058,778 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,913,385 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,932,877 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,983,787 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,447 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)