Free Sex kahani आशा...(एक ड्रीमलेडी )
06-28-2020, 02:01 PM,
#18
RE: Free Sex kahani आशा...(एक ड्रीमलेडी )
भाग ६: जो न सोचा था....!





लगातार बजती डोर बेल की आवाज़ से आशा की तन्द्रा टूटी ---

विचारों के भँवर से बाहर निकली ---

खिड़की से आती सुबह की ठंडी हवा के झोंकों ने आशा को कुछ पुराने यादों के गोद में सुला दिया था ---

बिस्तर पर चादर के नीचे पैर फैलाए सफ़ेद नाईट गाउन में, अधलेटी आशा कॉफ़ी पीते पीते ही लगभग सो सी गई थी --- गनीमत थी कि आजकल फ्लास्क नुमा कॉफ़ी जार / मग उपलब्ध है बाज़ार में --- जिसके एक छोटे से छिद्र से ‘सुड़क सुड़क’ कर कॉफ़ी या चाय के घूँट बड़े आराम और प्रेम से लिए जा सकते हैं --- अगर ये आज नहीं होता तो शायद कॉफ़ी बिस्तर पर ही लुढ़क जानी थी --- |

नाईट गाउन जोकि सफ़ेद और कंधे पर पतले ब्रा स्ट्रेप सा है; थोड़ा डीप नेक है जिससे एक सुंदर सा क्लीवेज निकला हुआ है और गाउन के ऊपर से मैचिंग कलर का उसी के साथ वाला एक पतले कपड़े का ओवरकोट पहनी आशा रणधीर बाबू और शालिनी के साथ वाले पुराने यादों को सिर हिला कर झकझोरते हुए आलस मन से बिस्तर से उतरी --- और कॉफ़ी मग को पास वाले एक छोटे से टेबल पर रख वो दरवाज़ा खोलने लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ी ---

रात भर मोबाइल में पोर्न देख देख कर बहुत उत्तेजित हुई थी और जितनी बार भी उत्तेजना के चरम को छूई ---

उतनी ही बार अपनी चूत को ऊँगलियों की सहायता से शांत की --- !

इतनी बार शांत कर चुकी थी कि अब चलने में कठिनाई बोध हो रही है उसे ---

ख़ुद को आगे की ओर खींचती हुई सी आगे बढ़ी और दरवाज़े के पास जा कर की-होल से आँख लगा कर बाहर देखी --- कोई नज़र न आया --- शायद डोर बेल बजाने वाला दरवाज़ा ना खुलता देख, पलट कर जा चुका है; ऐसा सोच कर आशा पलट कर जाने को हुई ही थी कि फ़िर से बेल बजी --- आशा फ़ौरन की-होल से बाहर देखी ---

कोई नहीं है!

‘कौन हो सकता है? सुबह सुबह किसको शरारत करने की सूझी ? --- कहीं रणधीर बाबू तो ----- ; --- नहीं नहीं --- वो नही हो सकते --- पर -----’ अभी और कुछ सोचती आशा के तभी फ़िर बेल बजी ---

आशा ने ख़ुद को संयमित करते हुए थोड़ा कठोर लहजे में पूछी,

“कौन है??”

आवाज़ अब कोई नहीं आई बाहर से --- |

सुबह सुबह इस तरह की गुस्ताखी आशा को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया --- उल्टे गुस्सा तो इतना आया कि अगर उस समय कोई वहां होता तो वो उसका मुँह ही तोड़ देती --- या शायद सर फोड़ देती --- |

की-होल से झाँकती रही आशा --- और जैसे ही इस बार एक हाथ डोर बेल को प्रेस करने के लिए जैसे ही आगे बढ़ा, आशा ने तपाक से दरवाज़ा खोल दी --- और जो देखी, उससे हैरान रह गई -- सामने शार्ट हाइट का वही लड़का खड़ा था जो कुछ दिन पहले जब आशा नई नई इस घर में आई थी और ऊपर बालकनी में खड़ी हो ठंडी हवा का आनद ले रही थी , तो ये कुछ दूर से चुपचाप इस सौन्दर्य की देवी को एकटक मुग्ध हो कर लगातार देख रहा था | और खास बात ये थी कि उसके देखने के अंदाज़ में एक अलग ही बात थी जिससे आशा खुद को बहुत अनकम्फ़र्टेबल फ़ील की थी |

उस दिन इस लड़के ने जो पहना था, आज भी लगभग वैसा ही कुछ पहना है --- नेवी ब्लू रंग की सेंडो गंजी और लालिमा लिए गहरे कत्थे रंग का आधी जांघ तक आती हाफ पैंट और कमर पर बंधी लाल गमछी --- और सिर के बिगड़े बाल --- सब मिलकर उस लड़के को एक ठेठ देहाती लुक दे रहे थे --- |

कुछ क्षणों तक उस लड़के को आश्चर्य से देखने के बाद आशा खुद पर नियंत्रण पाते हुई थोड़ा रूखे रुष्ट स्वर में बोली,

“कौन हो? क्या चाहिए?”

लड़का एकदम से जवाब न दे सका --- वह आशा की ओर अपलक भाव से टकटकी बांधे खड़ा रहा --- उसके आँखों में भी आश्चर्य के भाव थे --- वो आशा को कुछ ऐसे देख रहा था मानो उसने आशा को उस दिन के बाद कभी न देख पाने का सोच लिया हो और आज अचानक एकदम से सामने यूँ आ जाने से उसकी वह बाल बुद्धि भी चकरा गई हो जैसे --- |

आशा के प्यारे गोल से मुखरे को देखते हुए उसकी सुराहीदार नुमा गले पर नज़र फ़िसली और फ़िर वहाँ से नज़र फिसलते हुए नीचे उसके वक्षस्थल पर आ कर रूक गए ---

‘ओह्ह:!!’

लड़के के मन में बस इतनी सी बात कौंधी --- ज़्यादा सोचने के लिए समय न मिला उसे --- समय मिल जाता तो शायद उसे आशा की लो नेक गाउन से नज़र आती उस मनभावन मनोहर क्लीवेज को देखने और दिल ही दिल में उसमें डूब जाने का अवसर न मिल पता --- शायद---!!

कम से कम डेढ़ ऊँगली के जितना वो दूधिया चमकदार क्लीवेज सामने दृश्यमान था ---

एकदम स्पष्ट ---

बेदाग़ ---

पुष्टकर, बड़े-बड़े चूचियों के ऊपरी हिस्से को थोड़े गोलाई के रूप में ऊपर उठाए वह मैक्सी आशा के जिस्म के पूरे ऊपरी हिस्से को भरपूर मादकता से भर कर बड़ा खतरनाक बना रही थी -- |

इतनी रमणीय, सुन्दर, गोरी मैम को अपने सामने पाकर वो लड़का हक्काबक्का तो था ही, साथ ही साथ;
मैक्सी के ऊपर से आशा की चूचियों के समझ आते आकार , और एक अच्छी खासी नज़र आती क्लीवेज को इतने सामने देख उस बेचारे लड़के का मुँह अपनेआप थोड़ा खुल गया और एकबार जो खुला फिर वह बंद ही न हुआ ---|

आशा उसकी हालत देख कर ताड़ गई की यह क्या देख रहा है और इसकी ये हालत क्यूँ हो रही है ---?

पहले तो जी में आया की अपने वक्षों को ढक ले; पर --- पर न जाने क्यूँ उसका मन उस लड़के को अपना नुमाइश कराने को जी मचल गया ! मन में ऐसी गुदगुदी सी हुई कि अगर इस वक़्त वह लड़का वहाँ न होता तो पक्का वह खिलखिलाकर ;---- ठहाके मार कर हँस रही होती अभी ---

“ए लड़के... क्या है?? कौन हो तुम... क्यूँ लगातार बेल बजा रहे थे .... और इस तरह क्या देखे जा रहे हो?? ”

ओवरकोट के दोनों पल्लो को सामने की ओर खींचती हुई एक के ऊपर दूसरा रख ; वक्षों को ढकने का नाटक करते हुए बोली |

आशा के स्वर में इस बार झिड़क देने वाला स्वभाव था --- लड़का हडबडा गया ---

खुद को सम्भालते हुए बात को सँभालने का प्रयास किया,

“ओह --- म --- म --- मैडम जी --- मैं --- मैं --- ये बताने आया था कि --- कि --- ”

लड़का अपनी बात पूरी करने ही वाला था कि उसे फ़िर ओवरकोट के पल्लो के फाँकों से सुपुष्ट चूचियों की ऊपरी गोलाईयाँ और दोनों चूचियों के आपस में अच्छे से सटे होने के कारण बनने वाली एक अच्छी गहराई वाली लम्बी क्लीवेज के दर्शन हो गए --- और दर्शन होते ही उसकी जीभ जैसे उसकी तालू से चिपक गए --- |

“क--- क---- कि ---- आम्म--- म---- वो---- म ---- ”

“अरे क्या क क म म लगा रखा है --- जल्दी बोलो जो बोलना है --- नहीं तो दफा हो जाओ यहाँ से ---”

इस बार वाकई झुँझलाकर डांटते हुए बोली आशा |

डांट का असर तुरंत हुआ भी ---

लड़के ने अपनी नज़र तुरंत फेर ली और दूसरी तरफ़ देखते हुए एक लंबी गहरी सांस ली और आशा की ओर पलट कर देखते हुए बोला,

“व—वो --- वो मम्मी ने कहला कर भेजा है कि आज उनकी तबियत ख़राब है; सो वो आज नहीं आ सकेंगी----”

“मम्मी?? कौन मम्मी??”

“मेरी मम्मी”

“तुम्हारी मम्म--- ओहो --- कहीं तुम बिंदु की बात तो नहीं कर रहे? तुम उसके बेटे हो?”

“जी---” लड़का झेंपते हुए बोला |

“क्या हुआ उसे?”

आशा चिंतित स्वर में पूछी ---

“ज--- जी, कल रात से उन्हें काफ़ी तेज़ बुखार है --- पिताजी डॉक्टर बुलाने गए हैं --- इस बीच मम्मी ने कहा कि उनकी तबियत ख़राब होने की बात मैं गोरी मैम तक पहुँचा दूँ --- ”

“गोरी मैम ??”

आशा बीच में बोली;

“ज --- जी--- मतलब --- आप---”

लड़के ने शरमाते हुए जवाब दिया ---

आशा ‘हाहाहा’ कर के ठहाके मार कर हँस पड़ी ; अब तक थोड़ी लापरवाह सी भी हो गई थी वो --- ओवरकोट के पल्लों को अब तक ढीला छोड़ दिया था उसने और इससे उसके वक्ष और उनके बीच की घाटी भी उन्मुक्त होकर नाचने से लगे थे ---

“तो तुम्हारी मम्मी मुझे गोरी मैम बोलती हैं ?”

“ज --- जी --- ”

“ह्म्म्म--- और तुम भी मुझे गोरी मैम ही कहते हो क्या?”

“ज --- जी--- गोरी तो आप हैं ही --- और ---और ---”

“और??”

“अ--- और --- अच्छी भी --!”

- लड़के ने चोर नज़र से आशा के नाईट गाउन के अंदर उन्मुक्त से नाचते वक्षों की ओर देख कर कहा,

--- लड़के ने सोचा होगा की चोर नज़र से देखने पर शायद उसकी वह गोरी मैम कदाचित उसे पकड़ नहीं पाएगी --- |

पर बेचारा वो यह नहीं जानता था कि जिस गोरी मैम के बारे में ऐसा सोच रहा है ; वो काफ़ी खेली – खिलाई औरत है और चाहे मर्द हो , औरत या कोई कम उम्र का लड़का ही क्यों न हो--- सबकी नज़रों को पकड़ना और ताड़ जाना उससे बेहतर और कोई नहीं जानता --- और बहुत कुछ तो रणधीर बाबू के संगत का भी असर है ऐसे मामलों में --- |

‘अच्छा, अंदर आओ --- मैं देखती हूँ कोई ऐसा काम जो तुम कर सको ---”

“जी”

उसे अंदर बुला कर, वहीं खड़ा रख कर वो अंदर इधर उधर उसके लायक कोई काम देखने लगी --- पर अधिकतर काम किसी महिला वाले काम थे --- और जो दो-तीन काम थे; वह उस लडके से करवाना अच्छा नहीं लगा आशा को |

यही कोई दस मिनट तक एक रूम से दूसरे रूम तक करते करते उसकी नज़र अचानक बाहर ड्राइंग रूम में खड़े लड़के पर गया --- (हालाँकि उस रूम को ड्राइंग रूम न कह कर हॉल कहना ज़्यादा मुनासिब होगा |) ---- लड़का ड्राइंग रूम में ही एक छोटे टेबल पर रखे मध्यम आकार के फ़ोटो फ्रेम को बड़े ध्यान से देख रहा था --- वह आशा की फ़ोटो थी जिसमें वह छोटे नीर को गोद में लिए खड़ी थी --- नीर को गोद में संभालने के उपक्रम में साड़ी एक तरफ़ से हट गई थी जिससे की उसकी गोरी, चिकनी, बेदाग़ पेट और नाभि बहुत हद तक दृश्यमान हो रहा था और साथ ही पल्लू भी इतना हटा हुआ था कि आशा की बायीं चूची अपने पूरे आकार के साथ ब्लाउज के अंदर से ही काफ़ी ज़बरदस्त तरीके से पल्लू के नीचे से झाँक रही थी ---

सही मायनों में झाँकना भी नहीं कहेंगे उसे क्योंकि वह बड़ी चूची ब्लाउज समेत ही लगभग निकल ही आई थी पल्लू के नीचे से ---

लड़के को फ़ोटो फ्रेम की ओर एकटक दृष्टि से देखते देख आशा उत्सुक हो उस फ़ोटो की ओर देखी और देखते ही अपना सिर पीट ली --

वह इसलिए कि;

उस फ़ोटो को बेख्याली में आशा ने उस दिन उस टेबल पर रखी थी जिस दिन वो नई नई शिफ्ट हुई थी इस घर में ---

बाद में ध्यान गया भी था उसका इस तरफ़ पर ये सोच कर कि बाद में हटा लेगी, वो टालती रही; ---

और आज,

उसकी इसी बेख्याली और टालमटोल ; एक कम उम्र के लड़के के सामने उसकी इज्ज़त की बखिया उधेड़ने वाली है – या यूँ कहें कि उधेड़ चुकी है --- |

और हो भी क्यों न?

वह फ़ोटो है ही ऐसी ---

कि दूसरे की बात तो दूर, जिसकी वह फ़ोटो है वो ख़ुद भी शर्मा के दोहरी हो जाए --- कोई संदेह नहीं की वह फ़ोटो एक मासूम से छोटे बेटे और उसकी माँ के मीठी आतंरिकता ही एक साक्षी है पर जो स्थिति बन गई है आशा के कपड़ों के साथ उस फ़ोटो में; देखने वाला कोई भी हो --- वह घंटों सिर्फ़ और सिर्फ़ आशा पर नज़रें गड़ाए बिना रह ही नहीं सकता --- |

आशा एक खंभे नुमा दीवार के पीछे से छुप कर उस लड़के को देखने लगी --- कहीं न कहीं आशा के मन में यह अंदेशा घर कर चुकी है कि अगर यह लड़का इतनी देर से उसके उस फ़ोटो को इतने गौर से देख रहा है तो जल्द ही कुछ तो करेगा ही --- पर क्या --- यही तो दिलचस्प बात होगी !

आशा का मन किशोरावस्था को पार कर युवावस्था में अभी अभी कदम रखने वाली किसी लड़की जैसी हो गई थी जिसके लिए सेक्स या विपरीत लिंग की ओर आकर्षण बहुत ही नई बात थी और इन दोनों बातों को जानने का फिलहाल सामने एक ऐसा मौका था जो शायद ही कोई नई नवेली किशोर लड़की या नवयौवना छोड़े |

बहुत धीरे धीरे कदम बढ़ाते हुए टेबल के और नज़दीक पहुँचा वो --- थोड़ा झुका ---

थोड़ा और झुका ---

और,

फ़ोटो को अच्छे से देखते हुए अपने पैंट में बनते टेंट को हाथों से छू कर थोड़ा सहलाया;

फ़िर एकाएक,

ज़ोर – ज़ोर से पैंट के ऊपर से ही मसलने लगा |

आशा के लिए यह कोई अप्रत्याशित घटना नहीं थी, पर न जाने क्यों उसका मन किसी नवयौवना की तरह खिलखिला उठा ---
वो और भी कुछ देखने के लिए लालायित हो उठी --

कुछेक बार जोर से – अच्छे से मसल लेने के बाद – लड़के को जैसे अचानक से होश आया --- उसने पलट कर इधर उधर देखा --- फ़िर ऊपर नीचे देखा--- शायद आशा को ढूँढ रहा हो --- शायद इस बात से आश्वस्त हो जाना चाहता हो कि कोई उसे देख नहीं रहा या रही है --- |

हर तरफ़ अच्छे से मुआयना कर लेने के बाद लड़का फिर फ़ोटो की ओर मुड़ा --- और अब धीरे धीरे, सावधानी से; तन कर खड़े लंड को पकड़ कर नीचे की झुकाने लगा --- और अच्छे से सेट कर दिया ---

लंड अब भी तना हुआ है ---

पर अब सामने की ओर नहीं;

वरन,

अपनी पूरी लम्बाई और मोटाई के साथ पैंट में अब वह नीचे की ओर सेट किया हुआ है --- |

तेज़ रक्तप्रवाह और अति उत्तेजना के कारण लंड अद्भुत ढंग से गर्म हुआ जा रहा है और ऐसी स्थिति में लड़के का हालत बहुत ख़राब हो गया था ---

उसकी आँखें जैसे वासना और तृष्णा से तप्त हो गयी हो ---

पूरा शरीर कांपने सा लगा ---

कंठ सूखने लगा ---

लंड को पैंट के ऊपर से जोर से दबाए रखा था उसने ---

शायद अति उत्तेजना के वशीभूत हो, उसने अपने हथियार को कुछ अधिक ही ज़ोर से दबा दिया होगा--- क्योंकि लड़के के चेहरे पर वेदना के कुछ रेखाएं सी नज़र आई थी पल दो पल के लिए ---

होंठ कंपकंपाए ---

कुछ बोलने के लिए शायद मुँह खोलना चाहा होगा उसने ---

पर बोल निकले नहीं ---

दाएँ हाथ के अंगूठे और तर्जनी ऊँगली से, लंड के जड़ वाले स्थान से पकड़ता हुआ --- धीरे धीरे कुछ यूँ नीचे की ओर ले गया जैसे खुद के हथियार की मोटाई माप रहा हो --- पैंट के ऊपर से ही लंड के अग्र भाग तक पहुँचने पर थोड़ा सा रुक कर, फ़िर धीरे धीरे उसी तरह से उँगलियों को लंड के दोनों तरफ़ से पकड़े हुए, बड़ी सावधानी से ऊपर की ओर आया ---- इसी तरह वह लगातार कई मिनट तक कई - कई बार करता रहा ---

Reply


Messages In This Thread
RE: Free Sex kahani आशा...(एक ड्रीमलेडी ) - by desiaks - 06-28-2020, 02:01 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,454,589 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,118 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,191 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 917,126 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,625,923 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,058,727 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,913,322 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,932,651 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,983,655 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,439 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)