RE: Hindi Porn Story खेल खेल में गंदी बात
मैं स्टूल पर चढी, और कहा "बबलू... मेरी कमर थाम ले...और ध्यान रखना..."
समान उतार कर मैं ज्योही स्टूल पर से उतरी बबलू ने मुझे उतरते हुये अपनी तरफ़ खींच लिया।
"धीरे धीरे दीदी..."और उसने मुझे ऐसे उतारना चालू किया कि मेरे बोबे तक दबा डाले धीरे धीरे सरकते हुए वो मुझे नीचे उतारने लगा और मेरे चूतड़ उससे चिपकते हुए उसके लण्ड तक पहुंच गये। अब हाल ये था की मेरे दोनो बोबे उसके कब्जे में थे और उसका लण्ड मेरे पटीकोट को दबाते हुए गाण्ड में घुस गया था। उसके मोटे लण्ड का स्पर्श मैं अपने दोनो चुतड़ो के बीच महसूस कर रही थी। मैने उसे देखा तो उसकी आंखे बंद थी... और मुझे वो कस कर जकड़ा था। शायद उसे मजा आ रहा था। मुझे बहुत ही मजा आने लगा था। पर शराफ़त का तकाजा था कि एक बार तो कह ही दू..."अरे छोड़ ना...क्या कर रहा है..."
"ओह दीदी... मुझे ना क्या हो गया था... सॉरी..."
"बड़े प्यार से सॉरी कह दिया... "मैने उसकी हिम्मत बढाई।
"दीदी क्या करू बस आपको देख कर प्यार उमड़ पड़ता है..."
"और वो जो खड़ा हो जाता है... उसका क्या"
"दीदी... वो तो पता नही , बस हो गया था" और मुस्कराता हुआ बाहर चला गया।
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