RE: अन्तर्वासना - मोल की एक औरत
घर पर पहुंच राणाजी ने गुल्लन से कहा, "गुल्लन दरबाजा खटखटा दो.” गुल्लन ने दरवाजा खटखटाया तो तुरंत सावित्री देवी अंदर से भागी आयीं और दरवाजा खोल दिया. दरवाजा खोलते ही उन्हें अपने पुत्र राणाजी और उनके दोस्त गुल्लन के साथ साथ नई दुल्हन भी दिखाई दे गयी.
सावित्री देवी ने अपनी आखों को मला. मानो जैसे वो किसी सपने से जागी हों. राणाजी ने माँ के पैर छुए तो माँ ने भी उन्हें गले से लगा लिया.
गुल्लन ने राणाजी की दुल्हन की तरफ इशारा कर कहा, “माताजी ये रही आपकी बहू. और बहू रानी ये तुम्हारी सास हैं इनके पैर छू लो.” राणाजी की दुल्हन ने तुरंत सावित्री देवी के पैर छू लिए.
सावित्रीदेवी ने उसे अपने गले से लगा लिया. उन्होंने खुशी में ये तक न पूंछा कि ये लडकी कौन है और कहाँ से आई है? बेटे की शादी का एक पल भी उन्होंने नही देखा लेकिन उसकी दुल्हन उनके सामने खड़ी हुई थी.
सावित्री देवी ने राणाजी से कहा, “बेटा थोड़ी देर यहीं रुको मैं अभी आई.” इतना कह वो अंदर भागी हुई गयी और थोड़ी ही देर में आरती की थाली और चावल का भरा लौटा ले बाहर आ गयी. राणाजी को यह सब देख ज्यादा हैरत न हुई. उन्हें पता था माता जी ये सब पहले ही तैयार कर चुकी होंगी.
सावित्री देवी ने बरवधू की आरती उतारी. चावल के लौटे में वहू से पैर लगवाया और घर के अंदर ले चली गयीं राणाजी गुल्लन के साथ अपने कमरे में चले गये. सावित्री देवी दुल्हन को ले अपने कमरे में. आधी रात से भी ज्यादा हो चुकी थी.
गुल्लन अपने घर जाना चाहते थे लेकिन राणाजी ने उन्हें इस रात अपने घर में ही रोक लिया. कमरों की घर में कोई कमी नही थी. अपने बगल वाले कमरे में गुल्लन को सोने के लिए बोल दिया. सावित्री देवी ने बहू से खाने पीने के बारे में पूछा तो उसने मना कर दिया लेकिन उसे नींद आ रही थी.
सावित्री देवी उसे राणाजी के कमरे तक छोड़ गयी. गुल्लन बगल के कमरे में जा सो चुके थे लेकिन राणाजी अभी तक जाग रहे थे. इनकी तो आज सुहागरात थी. वो रात जिसका सपना वो आज से बीस पच्चीस साल पहले से देखते आ रहे थे लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर आये रात नसीब हुई. राणाजी को तो इसकी भी उम्मीद नही रही थी लेकिन गुल्लन ने यह सब सच कर दिखाया.
कमरे में आई राणाजी की दुल्हन दीवार के किनारे सिमट कर खड़ी हो गयी. सावित्री देवी जाने को हुई तभी कुछ ध्यान आया और बहू से बोली, “अरे बेटा तुम्हारा नाम पूंछना तो भूल ही गयी. क्या नाम है तुम्हारा?"
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