RE: Thriller Sex Kahani - आख़िरी सबूत
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वान वीटरेन ने पेड़-पौधों और झाड़-झंखाड़ से भरे बाग के बाहर गाड़ी पार्क की। उसने देखा कि गेट के पास लगे मेलबॉक्स पर, जिससे पपड़ियां उतर रही थीं, वही पता था जो उसने अपनी जेब में रखे कागज के पुर्जे पर नोट किया था।
हां। इसमें कोई शक नहीं था।
"आपको वो आराम से मिल जाएगा," पुलिस चीफ बॉजेन ने कहा था। "शहर में इस जैसी दूसरी कोई जगह नहीं है!"
इसमें जरा भी अतिशयोक्ति नहीं थी। कार से बाहर निकलने के बाद उसने स्पायरिया की उलझी हुई बाड़ के परे झांकने की कोशिश की। अंदर अंधेरा सा लगता था। फलों के पेड़ों की बिना छंटी भारी-भरकम, झुकी हुई शाखें लगभग छाती की ऊंचाई पर झाड़-झंखाड़ से आकर मिल रही थीं-तीन फुट ऊंची घास, बेतरतीब गुलाब की झाड़ियां और अनजान मूल की अनगिनत कांटेदार लता-तंतु-जिन्होंने एक अभेद्य जंगल सा बना रखा था। सड़क से किसी घर का नामो-निशान नहीं दिखता था, लेकिन एक काफी चलते-फिरते रास्ते को देखकर लगता था कि शायद किसी घर की संभावना थी यहां। एक कुल्हाड़ी यहां कारगर रहती, वान वीटरेन ने सोचा। ये शख़्स पागल होगा।
उसने गेट खोला, झुका और अंदर घुस गया। सिर्फ दस गज के बाद उसे एक घर की दीवार दिखाई दी और एक गठीला सा आदमी उससे मिलने आया। उसका चेहरा खुरदुरा, झुर्रीदार और धूप में अच्छी तरह पका हुआ था-ये बड़ी गर्म गर्मियां रही थीं। उसके बाल कम और लगभग सफेद थे और वान वीटरेन सोचने लगा कि ये तो कुछ समय पहले ही रिटायर हो चुका लगता है। उसे अंदाजा लगाना पड़ता, तो वो उसे साठ के बजाय सत्तर से ज़्यादा करीब बताता। लेकिन फिर भी वो काफी फिट और मजबूत था। उसके कपड़ों से अंदाजा होता था कि वो अपने घर में था-स्लिपर, पुरानी कॉर्डरॉय पैंट और फलालेन की चेकदार शर्ट जिसकी आस्तीनें चढ़ी हुई थीं।
"आप शायद चीफ इंस्पेक्टर वान वीटरेन हैं?"
उसने अपना मांसल हाथ आगे बढ़ाया। वान वीटरेन ने हाथ मिलाया और अपनी पहचान की स्वीकृति दी।
"बाग की हालत के लिए माफ करना! मैंने कोई दो साल पहले गुलाब और कुछ दूसरी चीजें उगाना शुरू की थीं लेकिन फिर मैं बोर हो गया। हैरत है कि हर चीज कितनी तेजी से बढ़ती है! मेरी समझ में नहीं आता कि इसे कैसे सुलझाऊं।
वो अपने हाथ फैलाते हुए खेदपूर्वक मुस्कुराया।
"कोई बात नहीं," वान वीटरेन ने कहा।
"बहरहाल, स्वागत है! इस तरह आ जाइए; मैंने पीछे कुछ आरामदेह कुर्सियां रखी हुई हैं। मेरा ख़्याल है आप बीयर तो पीते होंगे?"
"ढेरों," वान वीटरेन ने कहा ।
बॉजेन ने अपने गिलास के ऊपर से उसे ध्यान से देखा और एक भौंह उठाई।
"उम्मीद है आप मुझे माफ कर देंगे," उसने कहा। "मुझे लगा। कि पहले देख लूं कि मुझे किस किस्म के हरामजादे के साथ फंसाया जा रहा है। मेरा मतलब, बाकी सबके मिलने से पहले। चीयर्स!"
"चीयर्स," वान वीटरेन ने कहा।
वो बेंत की कुर्सी पर पसर गया और उसने आधी बोतल एक ही घूंट में खाली कर दी। धूप बड़ी तेज पड़ रही थी; अभी एक ही घंटा हुआ था, लेकिन उसे अपनी शर्ट पीठ पर चिपकती महसूस होने लगी थी।
"मुझे लगता है कि गर्मियां अभी और चलेंगी।"
पुलिस चीफ आगे झुका और शाखाओं के जाल में से आसमान के किसी टुकड़े को ढूंढ़ने की कोशिश करने लगा।
"हां, वान वीटरेन ने कहा। "आपका घर बहुत अच्छा है।"
"बुरा नहीं है," बॉजेन बोला। "एक बार आप जंगल में निकल जाएं, तो आपको सुकून हासिल हो जाता है।"
ऐसा ही लगता था। इसमें कोई शक नहीं था कि ये एक अच्छी तरह ढका-छुपा छोटा सा घर था। गंदी सी पीली तिरपाल; जंगले पर चढ़ती झाड़ियों और गुलाब के उलझे से झुंड; घनी, लंबी घास; गर्मियों के आखिर की तेज गंध, मधुमक्खियों का भिनभिनाना... खुद ये बरामदाः नौ या दस वर्ग गज का, जमीन में जड़ी पत्थर की सिलें और एक पुरानी सी मोटे धागों की मैट, बांस की दो पुरानी कुर्सियां, अखबारों, किताबों, एक पाइप और तंबाकू से भरी एक टेबल । घर की दीवार के बगल में एक असंतुलित सा खड़ा बुककेस जिस पर पेंट के टिन, ब्रश, पौधों के पॉट, कई मैगजीनें और अल्लम-गल्लम चीजें रखी थीं...एक शतरंज की बिसात खाली बोतलों के कुछ क्रेटों के पीछे से झांक रही थी। हां, बिल्कुल, इस जगह के बारे में कुछ खास तो था। वान वीटरेन ने एक टूथपिक निकाली और उसे अपने सामने के दांतों के बीच फंसा लिया।
"सैंडविच?" बॉजेन ने पूछा।
"अगर उसे नीचे उतारने के लिए कुछ मिल सके। ये तो शायद खाली हो चुकी है।"
उसने बोतल मेज पर रख दी। बॉजेन ने पाइप फेंका और खड़ा हो गया।
"देखते हैं इस बारे में क्या किया जा सकता है।"
वो घर के अंदर चला गया और वान वीटरेन उसे रसोई में चलते-फिरते और कोई गाना गाते सुनता रहा जो द पर्ल फिशर्स के बेस गीत की याद दिलाता सा लगता था।
कोई बात नहीं, उसने अपने हाथ सिर के पीछे बांधते हुए सोचा। शुरुआत इससे भी बदतर हो सकती थी। बुढ़ऊ में अभी जिंदगी बाकी है!
फिर अचानक उसे याद आया कि उन दोनों में मुश्किल से आठ-दस साल का फर्क ही होगा।
उसने वहां रहने के बॉजेन के प्रस्ताव को बड़ी अनिच्छा से ऐसा संकेत देते हुए ठुकराया कि वो बाद में इरादा बदल सकता है। जो भी हो, उसे उम्मीद थी कि उसका माननीय सहकर्मी उसके लिए अपने दरवाजे खुले रखेगा... यानी, अगर ये केस ज़्यादा लंबा चल जाए तो...
उसने सी वार्फ में एक कमरा ले लिया। चौथे फ़्लोर पर बालकनी और शाम में धूप आने वाला। बंदरगाह, घाटों और आगे खुले समुद्र के साथ खाड़ी का नजारा। उसे मानना पड़ा कि ये जगह भी बहुत बुरी नहीं है। बॉजेन ने समुद्र की ओर इशारा किया।
"ठीक सामने आप लाइटहाउस, लांग पीर्स, देख सकते हैं, लेकिन सिर्फ तभी जब सुबहें साफ हों। पिछले साल ऐसा चार दिन हुआ था। वहां पहाड़ी के ऊपर एक बेहतरीन रेस्तरां, द फिशरमैन्स फ्रेंड, है। किसी दिन शाम को अगर और कुछ करने को न हुआ, तो हम वहां चल सकते हैं।"
वान वीटरेन ने हामी भरी ।
"मेरे ख़्याल से अभी तो थोड़ा काम कर लेने का वक्त है?"
बॉजेन ने कंधे उचका दिए।
"अगर आप कहते हैं, चीफ इंस्पेक्टर।" उसने अपनी घड़ी देखी। "ओह, धत! मेरा ख़्याल है वो आधे घंटे से हमारा इंतजार कर रहे होंगे!"
कालब्रिंजेन का पुलिस थाना ग्रांड प्लेस में एक दोमंजिला इमारत थी। एक फ़्रंट ऑफिस, कैंटीन, कपड़े बदलने के कमरे और बेसमेंट में कुछ कोठरियां; ऊपरी मंजिल पर एक कॉन्फ्रेंस रूम और चार ऑफिस । पुलिस चीफ होने के नाते, बॉजेन का ऑफिस सबसे बड़ा था जिसमें एक डेस्क और स्याह ओक के बने बुककेस थे, लैदर का पुराना सोफा था और चौराहे का नजारा दिखता था। इंस्पेक्टर मोएर्क और इंस्पेक्टर क्रोप्के दोनों के पास दालान के सामने वाले छोटे ऑफिस थे और चौथा ऑफिस कॉन्स्टेबल बैंग और कॉन्स्टेबल मूजर का था।
"मैं आप लोगों का परिचय चीफ इंस्पेक्टर वान वीटरेन से कराना चाहूंगा, जो इस केस को हल करने के लिए यहां आए हैं," बॉजेन ने कहा।
मोएर्क और क्रोप्के खड़े हो गए।
"बॉजेन ही इंचार्ज हैं," वान वीटरेन ने कहा। "मैं तो बस मदद करने आया हूं... जब भी जरूरत पड़ेगी।"
"आपकी जरूरत तो पड़ेगी ही," बॉजेन ने कहा। "ये कालब्रिंजेन की कुल फोर्स है। इनके अलावा नीचे के रैंक वाले भी हैं, हालांकि मैं आपकी जगह होता तो उनसे बहुत उम्मीदें नहीं लगाता।"
"इंस्पेक्टर क्रोप्के," क्रोप्के ने सावधान की मुद्रा में खड़े होते हुए कहा।
बेवकूफ, बियाटे मोएर्क ने सोचा, और अपना परिचय दिया।
"हमारे पास जितनी भी सुंदरता और सहज बोध है उसके लिए इंस्पेक्टर मोएर्क जिम्मेदार हैं," बॉजेन ने कहा। "मेरी सलाह है कि इन्हें कम मत आंकना।"
"मैं ऐसा सोच भी नहीं सकता," वान वीटरेन ने कहा।
"ठीक है, तो शुरू करें?" बॉजेन अपनी आस्तीनें चढ़ाने लगा। "कॉफी है क्या?"
बियाटे मोएर्क ने कोने में एक मेज पर रखी ट्रे की ओर इशारा किया। क्रोप्के ने अपने खूबसूरत, छोटे-छोटे बालों में हाथ फिराया और अपनी टाई की गांठ के पीछे वाले ऊपरी बटन से खेलने लगा। बजाहिर बातचीत करने की जिम्मेदारी उसी की थी।
शायद नौसिखिया सबसे ऊपर है, वान वीटरेन ने सोचा | शायद बॉजेन उसे काम के गुर सिखा रहा है।
इसकी जरूरत भी थी, अगर वो ईमानदार है तो।
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