RE: Thriller Sex Kahani - आख़िरी सबूत
चुका था।
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पुरानी छवियां फिर से उसके सपनों में मंडराने लगीं। वही छवियां । कुछ करने की वही हताश अक्षमता, वही बेजान तीक्ष्ण रोष – सोफे के पास कोने में बिटी जिसकी बांहें सूइयों के निशानों से भरी और आंखें काले, खाली कुंओं जैसी थीं । दांतेदार पंजे जैसा दुबला दलाल, एकदम काले, बिखरे बालों वाला, उसे घृणा और उपहास से देखता हुआ। हाथ उठाए, हथेलियां ऊपर किए और सिर हिलाता। और दूसरा आदमी-लड़की का चेहरा नंगे आदमी के कंधे के ऊपर। पसीने और बालों से भरी पीठ, भारी-भरकम चूतड़ लड़की के अंदर धकियाते और उसे दीवार से लगाए, उसकी टांगें फैली हुई और लड़की की आंखों में उसकी ही आंखों का अक्स था, वो वही देख रही थीं जो वो देख रहा था... उसके अचानक पलटने और चले जाने से बस एक सैकंड पहले।
वही छवियां... और उन पर चिपकी, उन्हें बेधती छवि एक दस साल की बच्ची की, ब्लांड चोटियां, जोर-जोर से हंसती, बीच पर उसकी ओर दौड़ती। बाहें फैली, आंखें चमकती। बिटी...
वो जाग गया। हमेशा की तरह ठंडे पसीने में, और उसे कई सैकंड लग गए इससे पहले कि वो याद कर पाता, हावी हो पाता... हथियार... आनंद का वो गहरा अहसास जब उसने उसे हवा में लहराया और उनकी गर्दनों को बेधने की वो धीमी सी आवाज ।
बेजान शरीर और खदबदाकर बहता खून...
वो खून।
काश कि वो खून ही सपनों की उन छवियों पर बह जाए। उन्हें धब्बों से भर दे, उन्हें अबोध्य, अचीन्हा बना दे। उन्हें नष्ट कर दे। सारे बिल एक बार में चुका दे, सारे उधारों को शून्य पर ला दे... लेकिन फिर भी, बात उसकी अपनी यातना की नहीं थी। बात छवियों की भी नहीं थी, बात तो थी कि छवियां किस चीज पर आधारित हैं। उनके पीछे की हकीकत । हकीकत ।
उस बच्ची का बदला, खुद उसका नहीं। उसकी ओर दौड़ती वो दस साल की बच्ची, जिसकी जिंदगी अचानक थम गई थी। जिसके उठे हुए कदमों को बीच में ही रोक दिया गया था, उतने ही अचानक और अनवरत रूप से जैसे कि तस्वीर में। बात सिर्फ उसकी थी, किसी और की नहीं।
वो अपनी सिगरेटें टटोलने लगा। वो लाइट नहीं जलाना चाहता था। उसे जरूरत अंधेरे की थी; अभी वो कुछ भी देखना नहीं चाहता था। उसने एक तीली जलाई। सिगरेट जलाई और एक गहरा और भरपूर कश लिया। उसे तुरंत ही वो गर्म सी सनसनी अपने शरीर में फैलती महसूस हुई, उसके सिर तक फैलती एक ज़्वारीय लहर जिसने उसे मुस्कुराने को मजबूर कर दिया। उसने फिर से अपने हथियार के बारे में सोचा। वो अंधेरे में उसे अपने सामने देख सकता था। वो अचानक एक आनंदित मैकबैथ बन गया, और वो सोचने लगा कि इसे फिर से जबान देने से पहले उसे अभी कितना इंतजार और करना होगा...
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